नई शिक्षा नीति पर पंजाब यूनिवर्सिटी में वेबिनार आयोजित

panjab university webinar

नई शिक्षा नीति द्वारा हमारी बुनियादी शिक्षा में परिवर्तन की नींव रखी जाएगी| इससे प्रत्येक गाँव और कस्बों में अनिवार्य रूप से विद्यालय खोलना जरूरी होगा| इनमें सभी वर्ग के विद्यार्थियों को ध्यान में रखा गया है| इस शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें व्यावसायिक शिक्षा का प्रस्ताव रखा गया है| व्यावसायिक शिक्षा देने का उद्देश्य यह है कि बच्चे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगे|” यह कहना था मुख्य-वक्ता के रूप में आमंत्रित श्री नवीन कौशिक का जो सामाजिक अपवर्जन एवं समावेशी योजना अध्ययन केन्द्र, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार “बदलते भारत का स्वरूप: राष्ट्रीय शिक्षा नीति” को सम्बोधित कर रहे थे| श्री कौशिक ने अपने वक्तव्य में नई शिक्षा नीति की व्यावहारिक समीक्षा करते हुए उसे भारतीय शिक्षा-व्यवस्था का सबसे बड़ा कदम बताया|

मुख्य-अतिथि के रूप में उपस्थित पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के कुलपति प्रो. राजकुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में यह कहते हुए नई शिक्षा नीति का समर्थन किया कि “इसमें कोई दो राय नहीं है कि सैद्धांतिक और व्यावहारिक दृष्टि से हम हर समय सक्षम रहे, लेकिन अब जरूरत है तकनीकी दृष्टि से सम्पन्न होने की| यह जरूरत भी लगातार पूरी की जा रही है| राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी प्रयास का परिणाम है| वर्तमान दौर जिस गति से डिजिटल युग में ढल रहा है उसी गति से हमें अपने सीखने की प्रवृत्ति में बदलाव लाना होगा|”

कार्यक्रम के प्रारंभ में आमंत्रित वक्ताओं का स्वागत करते हुए केन्द्र के निदेशक प्रो. अशोक कुमार ने समाज, संस्कृति और साहित्य से सम्बन्धित विचारों के सन्दर्भ में चर्चा-परिचर्चा की अनिवार्यता पर बल दिया| उन्होंने अनवरत कार्य करवाने की नीति पर बल देते हुए केन्द्र की सक्रियता का पक्ष रखा| धन्यवाद ज्ञापन डॉ. भीम राव अंबेडकर केन्द्र, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. दविंदर सिंह ने किया| जबकि कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. कंचन चन्दन ने किया| इस पूरे कार्यक्रम में प्रतिभागियों की संख्या गरिमामय बनी रही|

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