आप ने भगवंत मान के रूप में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनकर समझौता किया: सरदार सुखबीर सिंह बादल

SUKHBIR SINGH BADAL
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आप  एक मंच प्रबंधित कार्यक्रम के माध्यम से भगवंत मान को चुनने पर मजबूर हुई, क्योंकि अन्य सभी चुने हुए उम्मीदवारों ने पार्टी की अगुवाई करने से इंकार कर दिया

 

कहा कि आज का कार्यक्रम लोगों  का भरोसा जीतने की हताश कोशिश , क्योंकि पंजाबी मान को एक  मनमौजी और गैर-जिम्मेदार नेता के रूप में जानते हैं

 

चंडीगढ़/18जनवरी: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने भगवंत मान के रूप में  मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनकर समझौता कर लिया है, क्योंकि पंजाब में कोई भी पार्टी की अगुवाई करने के लिए तैयार नही था।

भगवंत मान के नामांकन को मंच प्रबंधित गैर आयोजन करार देते  हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल कभी भी भगवंत मान को पंजाब में पार्टी का चेहरा नहीं बनाना चाहते थे। उन्होने कहा , ‘‘ वह मान के सामने यह बात कह रहे हैं कि और जोर  देकर कह रहे हैं कि पार्टी एक सक्षम उम्मीदवार की तलाश में है। यह भी सच है कि आप ने कई संभावित उम्मीदवारों की घोषणा की, लेकिन उनमें से प्रत्येक ने पार्टी की अगुवाई करने से इंकार कर दिया। यही कारण है कि एक सर्वेक्षण के बाद यह जिम्मेदारी भगवंत मान पर थोपी गई है।

यह कहते हुए कि भगवंत मान को पार्टी का चेहरा बनाना आप पार्टी के  दिवालियापन को दर्शाता है कहते हुए सरदार बादल ने कहा, ‘‘मान की गलतियों और उन पर बैठे आयोगों को छिपाने के लिए और उन्हे एक मुख्यमंत्री पद का दावेदार के रूप में पेश करने के लिए एक हताश जनसंपर्क अभ्यास चल रहा है,  क्योंकि उनके स्वच्छंद और गैर जिम्मेदाराना आचरण के बारे में सभी जानते हैं।

सरदार बादल ने केजरीवाल से यह भी कहा कि वे पंजाबियों को बताएं कि उन्हे अब किस पर भरोसा करना चाहिए। ‘‘ आप ने  एक साल से भी अधिक समय से एक सार्वजनिक अभियान चलाया, जिसमें पंजाबियों से  केजरीवाल पर भरोसा करने का आग्रह किया गया है। इसी दौरान केजरीवाल ने जोर देकर कहा है कि मान इस पद पर  आसीन होने में सक्षम नही हैं। अब जब आप ने सभी विकल्पों को समाप्त कर दिया है, और पंजाब में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए मान को चुना है तो उसे यह समझाने की जरूरत है कि पंजाबियों को ऐसे नेता पर भरोसा क्यों करना चाहिए, जिसे केजरीवाल ने एक साल से अधिक समय तक समर्थन देने से इंकार कर दिया था। केजरीवाल पंजाबियों को इतना भोला न समझे कि उनके रबर के मोहरे वाले उम्मीदवार को मंजूरी दे देंगें। उन्हे मजबूत और निर्णायक अगुवाई के साथ साथ सीमावर्ती राज्य में कानून व्यवस्था और शांति और सांप्रदायिक सदभाव को सुनिश्चित करने के साथ साथ तेजी से विकास करने वाले ट्रैक रिकॉर्ड वाला मुख्यमंत्री चाहिए, तथा भगवंत मान इसपर खरा नही उतरते।

 

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