कहा कि राज्यपाल को एक ही मुददे पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर सहित दो अलग-अलग पत्रों के बारे स्पष्टीकरण दें
कहा कि राज्यपाल मामले में एफआईआर दर्ज कर के सरकार को मामले की जांच करने का निर्देश दें: डॉ.दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/21अक्टूबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा राज्यपाल को अंग्रेजी में पत्र भेजकर, लेकिन सोशल मीडिया पर पंजाबी में इसका फर्जी और मनगढ़ंत संस्करण जारी करके राज्य के संवैधानिक प्रमुख गर्वनर के साथ साथ पंजाबियों के साथ गंभीर धोखाधड़ी की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान के हस्ताक्षर के साथ धोखाधड़ी की गई है, इसीलिए मुख्यमंत्री को इस मामले में सफाई देना अनिवार्य है। उन्होने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री को यह खुलासा करना चाहिए कि क्या वह इस कृत्य में शामिल थे और क्या यह उनकी सहमति से हुआ है, यदि नही तो उन्हे इस मामले में एफआईआर दर्ज कर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए’’। उन्होने कहा, ‘‘ यह मुददा संवैधानिक औचित्य में से एक है, इसीलिए अकाली दल गर्वनर से मुख्यमंत्री को इस मुददे की स्वतंत्र जांच का आदेश देने के साथ साथ उनके प्रसार के दोषियों के लिए अनुकरणीय सजा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री को निर्देश देने का आग्रह करता है’’।
डॉ. चीमा ने कहा कि यह तथ्य है कि गर्वनर द्वारा इस मामले की ओर इशारा किए जाने के बावजूद न तो मुख्यमंत्री और न ही आप पार्टी की सरकार ने इस मुददे पर स्पष्टीकरण जारी किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आप पार्टी इस मुददे पर राजनीति कर रही है। उन्होने कहा , ‘‘ आप पार्टी धोखा देने की कला में माहिर है, लेकिन यह उम्मीद नही की गई थी कि पार्टी गर्वनर के साथ संवाद करते समय इस तरह करेगी। उन्होने कहा कि पार्टी ने अंग्रेजी में लिखे गए पत्र में पीएयू लुधियाना के वाइस चांसलर को हटाए जाने का विरोध करते हुए एक तथ्यात्मक विवरण प्रस्तुत करने के लिए चुना है, लेकिन उसने मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के साथ सोशल मीडिया पर लिखे और जारी एक पत्र में इस मुददे पर राजनीतिकरण करने का विकल्प चुना है।इस तरह का छलावा करना मुख्यमंत्री कार्यालय को शोभा नही देता’’।
अकाली नेता ने आप पार्टी की सरकार से सवाल किया जब सरकार ने सत्ता की शपथ दिलाने वाले संवैधानिक प्रमुख को धोखा दिया है तो पंजाबी उनकी घोषणाओं पर कैसे विश्वास कर सकते हैं। उन्होने कहा कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा करने का जिक्र करते हुए डॉ. चीमा ने कहा , ‘‘ ऐसा लगता है कि ऐसा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के लिए किया गया है। यदि ऐसा नही होता तो जून में बजट पेश करने वाली आप पार्टी की सरकार चाूल वित्त वर्ष में इस योजना का प्रावधान रखती। उन्होने मुख्यमंत्री से कहा कि वे बताएं कि वह पुरानी पेंशन योजना को कैसे लागू करेंगें ,जबकि इसे दिल्ली में भी लागू नही किया गया है।
डॉ. चीमा ने आज सरकार द्वारा किए गए दावों में झूठ का पर्दाफाश किया। उन्होने कहा कि सरकार और उनके मंत्रियों को झूठ बोलने की आदत हो गई है। उन्होने कहा, ‘‘ पीएसपीसीएल में अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरियां फिर से शुरू करने के दावों के विपरीत , सच्चाई यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने 2010 में तत्कालीन कैप्टन अमरिंदर सिंह ,कांग्रेस सरकार द्वारा रोक दिए जाने के बाद फिर से शुरू किया था।
गर्वनर को अंग्रेजी में लिखे एक पत्र और इसके फर्जी और मनगढ़ंत संस्करण को जारी करना राज्य के संवैधानिक प्रमुख के साथ साथ पंजाब के निर्दोष लोगों के साथ गंभीर धोखाधड़ी है। पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।