विभागीय जांच के दौरान वितरित की गई 90422 मशीनों में से 13 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों के पास मशीनें नहीं मिलीं
चंडीगढ़, 17 अगस्तः-
भगवंत मान सरकार द्वारा राज्य में साफ़ सुथरा प्रशासन देने के लिए पहले दिन से सख़्त हिदायतें जारी की गई हैं। जिसके चलते पिछली सरकारों में लोगों के पैसे की लूटपाट करने वाले सरकारी अधिकारियों और राजनैतिक नैताओं के खि़लाफ़ बड़े स्तर पर कार्यवाही की जा रही। इसी मुहिम के अंतर्गत कृषि विभाग की तरफ से फसलों के अवशेष की संभाल के लिए किसानों को दी मशीनों के वितरण में प्राथमिक तौर पर 150 करोड़ रुपए का घपला होने की संभावना जताई गई है। कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच विजीलैंस से करवाने के लिए हरी झंडी दे दी है और फाइल मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेज दी है।
कृषि मंत्री ने इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये बताया पंजाब सरकार की तरफ से साल 2018-19 से साल 2021-22 तक सैंट्रल सैक्टर स्कीम प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकनाईजेशन फार इनसिटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रैज़ीड्यू (सी. आर. एम) लागू की गई थी।
उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अधीन साल 2018-19 से साल 2021-22 तक दौरान लाभार्थी किसानों/रजिस्टर्ड किसान समूहों/सहकारी सभाओं/ एफ. पी. ओ और पंचायतों को कुल 90422 अलग-अलग मशीनें लाभार्थियों को मुहैया करवाई गई हैं। इन मशीनों में से 83986 मशीनें कृषि विभाग की तरफ से मुहैया करवाई गई थीं और बाकी रहती मशीनें रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं की तरफ से मुहैया करवाई गई थीं।
कुलदीप सिंह धालीवल ने बताया कि स्कीम के अधीन फील्ड में से कई स्थानों से यह रिपोर्ट मिलने के उपरांत कि स्कीम के अधीन सब्सिडी और मुहैया करवाए गए यंत्र फील्ड में उपलब्ध नहीं हैं। जिसका गंभीर नोटिस लेते हुये सरकार की तरफ से साल 2018-19 से साल 2021-22 तक स्कीम के अधीन मुहैया करवाई गई मशीनों की लाभार्थियों के पास होने की फिजिकल वैरीफिकेशन करवाने का फ़ैसला लिया गया।
कृषि मंत्री ने बताया कि 16 अगस्त, 2022 तक विभाग की तरफ से मुहैया करवाई गई 83986 मशीनों में से 79295 मशीनों की फिजिकल वैरीफिकेशन की जा चुकी है, जो कि कुल 94.4 प्रतिशत है। इन वैरीफायी की गई मशीनों में से कुल 11275 मशीनों ( 13प्रतिशत) मशीनें लाभार्थियों के पास उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि मूलभूत तौर पर की गई जांच के दौरान यह घपला 125-150 करोड़ रुपए तक लगता है, जिसकी बारीकी से जांच और दोषियों के खि़लाफ़ कार्यवाही के लिए विजीलैंस विभाग को लिखा गया है।