अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने लेटेंट ट्यूबरकुलोसिस इन्फेक्शन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया

Delhi, 01 DEC 2023 

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ने आज से देश में लेटेंट ट्यूबरकुलोसिस इन्फेक्शन (एलटीबीआई) को संबोधित करने के लिए समर्पित एक व्यापक प्रशिक्षण और अभिविन्यास कार्यक्रम शुरू किया है जो 2 दिसंबर 2023 को समाप्त होगा। कार्यशाला विशेष रूप से दिल्ली और हरियाणा राज्य के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के लिए आयोजित की गई है; इसके अलावा सोशल मीडिया के लाइव प्लेटफॉर्म के जरिए भी बड़ी संख्या में लोग इसका हिस्सा बन रहे हैं।

भारत ही नहीं दुनिया की एक बड़ी आबादी लेटेंट ट्यूबरकुलोसिस इन्फेक्शन से पीड़ित है। इसमें टीबी के बैक्टीरिया शरीर में सुप्त अवस्था में रहते हैं और इसे रोकने के लिए विभिन्न रक्त परीक्षण या टीएसटी परीक्षण करवाना आवश्यक है और यदि कोई परीक्षण सकारात्मक है तो एक्स-रे करवाना आवश्यक है। दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न सत्रों में रोग को समझने, उसके उपचार और प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी जाएगी, इसके अलावा कार्यशाला में आयुर्वेदिक प्रबंधन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की टीबी से संबंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत अभियान को जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाए, इस पर भी चर्चा की जाएगी। आयुर्वेद टीबी मुक्त भारत में योगदान दे सकता है। इस संबंध में एआईआईए द्वारा की गई केस स्टडीज को भी देश-दुनिया के सामने लाया जाएगा।

इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रोफेसर तनुजा मनोज नेसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम 2025 तक टीबी को खत्म करने की ओर अग्रसर हैं और आयुर्वेद इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम है। उन्होंने आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि एआईआईए टीबी जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक संकल्पों की दिशा में नई ऊर्जा का संचार करेगा।

गौरतलब है कि संस्थान में टीबी की जानकारी, प्रबंधन और निदान की दिशा में काफी समय से प्रयास किये जा रहे हैं और इसमें काफी सफलता भी मिली है। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं जो आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों से जुड़े हैं। इस अवसर पर टीबी मुक्त भारत का संकल्प भी लिया गया।

इस अवसर पर डॉ. रघुराम राव, सहायक महानिदेशक, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी), डॉ. रघु अरकल, उप महानिदेशक (आयुष) निदेशालय, डीन और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। प्रो. जोना और डॉ. कजरिया ने कार्यक्रम का समन्वयन किया।