कोरोना महामारी से निपटने के लिए रणनीति बनाने के मकसद से जल्द विधान सभा का विशेष सैशन बुलाया जाए- हरपाल सिंह चीमा
अध्यापकों को स्कूल बुलाना बंद किया जाए और उनको अपने घरों से ऑनलाइन प्रणाली के साथ पढ़ाने का दिया जाए आदेश
चंडीगढ़, 13 मई , 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की है कि सेहत सुविधाओं के लिए रखे वार्षिक बजट में बढ़ौतरी करके इसको 25 प्रतिशत किया जाए, जिससे कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में बने बुरे हालातों से मजबूती के साथ निपटा जाए। उन्होंने मांग की है कि इस महामारी के साथ निपटने के लिए रणनीति बनाने के मकसद से जल्द विधान सभा का विशेष सत्र बुला कर इस पर चर्चा करनी चाहिए।
वीरवार को जारी एक बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कोरोना वायरस ने भारत के दूसरे प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों समेत पंजाब को भी बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। पंजाब भारत का धनी और महत्वपूर्ण प्रदेश होने के बावजूद भी यहां सेहत सुविधाओं का बहुत बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ रहे प्रभाव के कारण पंजाब में कोरोना पीडि़तों की संख्या में हर रोज बढ़ौतरी हो रहा है। प्रदेश में 4. 50 लाख से ज़्यादा कोरोना पीड़ित मरीज हो गए हैं और मौत की संख्या 11 हजार तक पहुंच गई है, जो बहुत ही चिंता का विषय है। चीमा ने कहा कोरोना महामारी के कारण भले ही सरकार ने विद्यार्थियों का स्कूल आना बंद किया हुआ है, परन्तु अध्यापकों को स्कूल आने के लिए मजबूर करना नाइंसाफी है। इस लिए समूह अध्यापकों को स्कूल बुलाना बंद किया जाए और उनको अपने घरों से ऑनलाइन प्रणाली के साथ पढ़ाने के आदेश दिए जाएं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में कोरोना महामारी के कारण हालत बद से बदतर हो रहे हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। आज प्रदेश में आलम यह है कि सरकारी अस्पतालों की इमारतें तो दिखाई देती हैं, परन्तु इन इमारतों में इलाज नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के साथ साथ जीवन रक्षक उपकरणों, ऑक्सीजन गैस और दवाओं की भी कमी बनी हुई है। जबकि पिछले साल की कोरोना लहर से सरकार को सबक लेना चाहिए था और इस महामारी के मुकाबले के लिए पहले ही उचित प्रबंध करने चाहिए थे। चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से सेहत सुविधाओं के लिए रखा बजट बहुत ही कम है और कोरोना के प्रभाव को देखते इस बजट में बढ़ौतरी करके प्रदेश के कुल बजट का 25 प्रतिशत किया जाये, जिससे अस्पतालों में अच्छी सेहत सुविधाएं प्रदान करके लोगों की जान बचाई जा सके।