लुधियाना, 25 दिसंबर, 2023
सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने हाल ही में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर पर उनके द्वारा पूछे गए सवालों के केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी द्वारा दिए गए जवाब पर असंतोष व्यक्त किया है।
अरोड़ा ने पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर का विवरण मांगा था। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या सरकार के पास `हाई-रिस्क बर्थस’ की पहचान करने में मदद करने के लिए चिकित्सकों और देखभाल करने वालों द्वारा `डिसिशन सपोर्ट सिस्टम’ के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करने की कोई योजना है, जिससे शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके; और यदि हां, तो इन संख्याओं को कम करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं।
आज यहां एक बयान में, अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने पिछले पांच कैलेंडर वर्षों (2016 से 2020 तक) के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर का डेटा प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इस डेटा का कोई महत्व नहीं है क्योंकि यह पुराना डेटा लगता है। उन्होंने राय दी कि मंत्री को कम से कम वर्ष 2021 और 2022 के लिए अपडेटिड डेटा प्रदान करना चाहिए था ताकि नवीनतम स्थिति के बारे में पता चल सके।
मंत्री ने अपने जवाब में उल्लेख किया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत एनुअल प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन प्लान (एपीआईपी) पर आधारित नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल, किशोर स्वास्थ्य और पोषण रणनीति को लागू करने में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की मदद करता है।
मंत्री ने अपने उत्तर में उल्लेख किया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिप्रोडक्टिव, मैटरनल, न्यू-बोर्न, चाइल्ड, एडोलसेंट हेल्थ एंड नुट्रिशन (RMNCAH+N) रणनीति के कार्यान्वयन में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की मदद करता है। बाल रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के लिए सभी हस्तक्षेप लिंग, जाति और धर्म पर किसी भी भेदभाव के बिना आदिवासी और हाशिए पर रहने वाली आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापक रूप से लागू किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, मंत्री ने देश में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के लिए एमओएचएफडब्ल्यू के प्रमुख हस्तक्षेपों का उल्लेख किया। इन प्रमुख हस्तक्षेपों में सुविधा आधारित नवजात देखभाल और नवजात और छोटे बच्चों की समुदाय आधारित देखभाल शामिल है।
प्रमुख हस्तक्षेपों में निमोनिया के कारण बचपन की रुग्णता और मृत्यु दर में कमी के लिए 2019 से लागू की गई सामाजिक जागरूकता और निमोनिया को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने के लिए कार्रवाई पहल और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम भी शामिल है। इसके अलावा, ओआरएस और जिंक के उपयोग को बढ़ावा देने और डायरिया से होने वाली मौतों को कम करने के लिए इंटेंसिफाइड डायरिया कंट्रोल पखवाड़ा/डायरिया को हराना (डी2) पहल लागू की गई है। इसके अलावा, मातृ एवं शिशु अस्तित्व और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के कई कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम शुरू किए गए हैं।