अरुणा चैधरी द्वारा छोटी आयु के बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार लाने के लिए ठोस नीति तैयार करने के लिए सब कमेटी का गठन करने के निर्देश

छोटी आयु के बच्चे देश और समाज की संपत्ति और उनका चैतरफ विकास सरकार की जिम्मेदारी – सामाजिक सुरक्षा मंत्री
चंडीगढ़, 23 जून
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चैधरी ने 0-6 साल के बच्चों के स्वास्थ्य संभाल और शिक्षा में सुधार लाने के लिए एक ठोस और प्रभावी नीति तैयार करने के लिए सब कमेटी बनाने के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए हैं।
आज स्थानीय पंजाब भवन में स्टेट अर्ली चाईल्डहुड केयर एंड एजुकेशन कौंसिल की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती चैधरी ने इस नीति को अमली रूप देने से पहले सभी पक्षों के प्रस्ताव और सुझाव प्राप्त करने को यकीनी बनाने के लिए भी विभाग को आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि छोटी आयु के बच्चों के चैतरफा विकास का मामला देश और समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए ई.सी.सी.ई. (अर्ली चाईल्डहुड केयर एंड एजुकेशन) नीति को असरदार बनाना और प्रभावी ढंग के साथ लागू करना जरूरी है।
बच्चों को देश और समाज की बहुमूल्य संपत्ति बताते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि ई.सी.सी.ई. में स्वास्थ्य, पोषण, खेल और बच्चों के शुरुआती प्रशिक्षण के अन्य अटूट तत्व और योग्य वातावरण आता है। यह उम्रभर के विकास और सीखने के लिए एक अनिवार्य बुनियाद है और यह बचपन के शुरुआती विकास पर स्थायी प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि बच्चों पर ध्यान देना और उन पर निवेश करना बहुत अनिवार्य है क्योंकि इससे लम्बे समय के सामाजिक और आर्थिक लाभ होते हैं।
उन्होंने कहा कि ई.सी.सी.ई. नीति के अंतर्गत जन्म से लेकर छह साल की आयु तक सभी बच्चों के सर्वपक्षीय विकास के लिए एकीकृत सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। इस नीति के अनुसार हर बच्चे की देखभाल और प्राथमिक प्रशिक्षण पर केन्द्रित करते हुए बच्चे के बचाव, विकास और विकास के लिए सही नींव मज़बूत करने के लिए एक व्यापक पहुँच अपनाना है। यह बच्चे के स्वास्थ्य, पौष्टिक खुराक, मनो-सामाजिक और भावनात्मक जरूरतों और अंतर-निर्भर संबंधों को मान्यता देती है।
श्रीमती चैधरी ने कहा कि सरकार नियमों और गुणवत्ता के मानक निर्धारित करने के लिए बहुपक्षीय पहुँच अपनाएगी और इसके द्वारा बच्चों के विकास को उत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा बच्चों के विकास के लिए ढांचा विकसित किया जएगा और खेल सामग्री की व्यवस्था के साथ-साथ प्रोग्राम मुल्यांकन और बच्चों का मुल्यांकन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नीति का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों के सर्वपक्षीय विकास और सीखने की सक्रिय क्षमता को यकीनी बनाना है जिससे सर्व व्यापक, समान, आनंदमयी और प्रासंगिक अवसरों को उत्साहित करके 6 साल की आयु में बुनियाद तैयार करने और पूर्ण संभावनाओं को प्राप्त करने के लक्ष्य प्राप्त किये जा सकें। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को व्यापक स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और सेवाओं की सुविधा देना है। बच्चों की सर्वपक्षीय तंदुरुस्ती और गर्भ अवस्था से लेकर छह साल की आयु तक देखभाल की निरंतरता के साथ विकास को यकीनी बनाना भी इसका उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए समर्थ मानवीय स्रोतों को जुटाया जायेगा।
इस अवसर पर पंजाब राज्य बाल सुरक्षा आयोग के चेयरमैन श्री रजिन्दर सिंह, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तव, शिक्षा सचिव श्री कृष्ण कुमार, सामाजिक सुरक्षा म्हिला एवं बाल विकास डायरैक्टर श्री दिपरवा लाकरा के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, योजना, वित्त, ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र के माहिर भी उपस्थित थे।
——-
Spread the love