अरुणा चौधरी द्वारा ज़रूरतमंद परिवारों की महिलाओं और लड़कियों को मुफ़्त सैनेटरी पैड मुहैया करवाने के लिए ‘‘उड़ान योजना’’ की शुरूआत

लाभार्थियों को 27,314 आंगनवाड़ी केन्द्रों के राज्य स्तरीय नैटवर्क के द्वारा किया जाएगा कवर
स्टेट टास्क फोर्स स्कीम की समग्र प्रगति पर रखेगी नजऱ
40.55 करोड़ रुपए सालाना किए जाएंगे खर्च
कहा, विभाग इस्तेमाल किए गए पैडों के सही प्रबंधन के लिए मज़बूत ढांचा सुनिश्चित बनाएगा
चंडीगढ़, 28 मई:
पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने आज ‘अंतरराष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ के मौके पर राज्य में महिला-सशक्तिकरण के लिए ‘‘उड़ान योजना’’ की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत राज्य की ज़रूरतमंद परिवारों की महिलाओं और लड़कियों को हर महीने मुफ़्त सैनेटरी पैड बाँटे जाएंगे।
राज्य भर में 1500 स्थानों पर लाइव प्रसारित की गई वीडियो कॉन्फ्ऱेंस को संबोधित करते हुए श्रीमती चौधरी ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं/लड़कियों को मासिक धर्म सम्बन्धी बीमारियों से बचाना, मासिक धर्म के दौरान सफ़ाई के प्रति जागरूक करना, मूलभूत सफ़ाई उत्पादों तक पहुँच बढ़ाना, महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है, महिलाओं के आत्मसम्मान को बढ़ाना और सैनेटरी पैडों का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित बनाना है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस नई योजना के अंतर्गत स्कूल छोड़ चुकी लड़कियाँ/स्कूल से बाहर की लड़कियाँ, कॉलेज न जाने वाली लड़कियाँ, बीपीएल परिवारों की महिलाएं, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाली और बेघर महिलाएं, टपरीवास परिवारों की महिलाएं और नीले कार्ड धारक और अन्य विभागों की किसी भी स्कीम के अंतर्गत मुफ़्त/सब्सिडी वाले सैनेटरी पैडों का लाभ नहीं ले रही महिलाओं को इस स्कीम के अंतर्गत कवर किया जाएगा, जिस पर 40.55 करोड़ रुपए सालाना का ख़र्च आएगा।
इस वर्चुअल मीटिंग के दौरान श्रीमती चौधरी के साथ प्रमुख सचिव श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तव और सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के डायरैक्टर श्री विपुल उज्जवल भी मौजूद थे। इस उद्घाटन समारोह के अवसर पर राज्य की सभी 1500 वर्चुअल मीटिंग वाले स्थानों के साथ-साथ आंगनवाड़ी सैंटरों में सैनेटरी पैडों के कुल एक लाख पैकेट बाँटे गए।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि इस साल जनवरी में करवाई गई राज्य स्तरीय ‘‘बेटियों की लोहड़ी’’ समारोह के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से सम्बन्धित अन्य विभिन्न मुद्दों संबंधी बात करते हुए महिला सशक्तिकरण की ज़रूरत को दोहराते हुए सभी ज़रूरतमंद लड़कियों/महिलाओं विशेष तौर पर झुग्गी-झौंपडिय़ों के इलाकों में रहने वाली लड़कियों/महिलाओं को मुफ़्त सैनेटरी पैड बाँटने का ऐलान किया था, जिसको हम आज पूरा कर रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि लाभार्थियों को 27,314 आंगनवाड़ी केन्द्रों के राज्य स्तरीय नैटवर्क के द्वारा कवर किया जाएगा। हरेक आंगनवाड़ी केंद्र के द्वारा लगभग 50 लाभार्थियों को कवर किया जाएगा, क्योंकि हरेक आंगनवाड़ी केंद्र के अधीन 400 परिवार आते हैं। अगर मुफ़्त सैनेटरी पैडों का लाभ लेने के लिए 50 से अधिक लाभार्थी आंगनवाड़ी केन्द्रों में आते हैं तो उनको उसी अनुसार सैनेटरी पैड मुहैया किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हरेक लाभार्थी को हर महीने अधिक से अधिक 9 सैनेटरी पैड दिए जाएंगे।
श्रीमती अरुणा चौधरी ने बताया कि पहले पड़ाव के अधीन 27,314 आंगनवाड़ी केन्द्रों के वर्करों और हैल्परों के द्वारा 13,65,700 लाभार्थियों को कुल 1,22,91,300 सैनेटरी पैड बाँटे जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ज़रूरत पडऩे पर आशावर्कर, ए.एन.एम., स्थानीय सरकारों के विभाग अधीन काम करने वाले कर्मचारियों और स्थानीय वॉलंटियरों आदि को शामिल किया जा सकता है या जहाँ आँगनवाड़ी केंद्र मौजूद नहीं हैं, वहां लगाया जा सकता है।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि इस्तेमाल किए गए पैडों के सही ढग़ प्रबंधन के लिए, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायतें विभाग और स्थानीय सरकारें विभाग के साथ सलाह-मश्वरा करके राज्य भर में सैनेटरी पैडों के कुशल और वैज्ञानिक निपटारे के लिए उचित योजना तैयार की जाएगी। राज्य भर के शहरी इलाकों में ठोस अवशेष की प्रबंधन प्रणाली के साथ स्थानीय सरकारें विभाग शहरी क्षेत्रों में ठोस अवशेष प्रबंधन के नियमों के अंतर्गत सैनेटरी पैडों के निपटारे के लिए अपेक्षित कार्यवाही करेगा। स्थानीय सरकारों विभाग द्वारा सैनेटरी पैडों के अवशेष के निपटारे के लिए शहरी स्थानीय इकाईयों के अधीन कूड़े वाले स्थानों पर इन्सीनेटर लगाए जाएंगे। इसी तरह ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से सैनेटरी पैडों के अवशेष को एकत्रित करने के लिए अपेक्षित कार्यवाही की जाएगी और कूड़ा अलग करने के बाद सैनेटरी पैडों के अवशेष के सही निपटारे के लिए शहरी क्षेत्र के नज़दीकी इन्सीनेटरों में भेजा जाएगा।

स्कीम की समग्र प्रगति पर निगरानी के लिए स्टेट टास्क फोर्स
श्रीमती चौधरी ने आगे बताया कि इस स्कीम की समग्र प्रगति और निर्विघ्न लागू करने की निगरानी करने के लिए विभिन्न सम्बन्धित विभाग के उच्च स्तरीय अफसरों समेत स्टेट टास्क फोर्स का गठन किया गया है। नैपकिन के मानक के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि हर महीने सैनेटरी नैपकिन की गुणवत्ता की टेस्टिंग सरकार द्वारा मंज़ूरशुदा सूचीबद्ध लैबोरेट्रियों में की जाएगी। ब्लॉक स्तर पर बाँटे जाने वाले नैपकिन्स के हरेक बैच से सैंपल लिए जाते हैं।
अपने संबोधन में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास के प्रमुख सचिव श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तव ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य और सफ़ाई की कमी के कारण महिलाओं और लड़कियों में आत्म-विश्वास घटता है। इसका उनके जीवन और आर्थिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे उनके लिए स्वतंत्रता और अवसर सीमित होते हैं। इससे स्कूल, कॉलेज और सामाजिक जीवन भी प्रभावित होता है, तनाव और चिंता बढ़ती है।
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास के डायरैक्टर श्री विपुल उज्जवल ने बताया कि विभाग लाभार्थियों की संख्या और सैनेटरी पैडों की ज़रूरत सम्बन्धी एक डेटा बैंक बनाएगा, जिससे आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा लाभार्थियों की ज़रूरत के अनुसार सैनेटरी पैडों का वितरण किया जा सके, इसके साथ ही योजना पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी, जिससे इसका लाभ हरेक लाभार्थी तक पहुँचना सुनिश्चित बनाया जा सके।
इस समागम के दौरान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त सचिव विम्मी भुल्लर और अतिरिक्त डायरैक्टर लिली चौधरी भी उपस्थित थीं।

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