शिरोमणी अकाली दल ने पंजाब में अनुपयोगी पड़े वेंटिलेटरों को लगाने तथा चलाने के लिए कर्मचारियों की भर्ती की मांग की
राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा वैक्सीन के लिए समय पर आदेश न देना तथा राज्य में आॅक्सीजन निर्माण की सुविधाएं न बढ़ाना निंदनीय: प्रोफेसर चंदूमाजरा
वैक्सीन खरीद प्रक्रिया के व्यवसायीकरण की अनुमति देने के लिए केंद्र की निंदा की
चंडीगढ़/01मई , 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज सैंकड़ों वेंटिलेटर चलाने के लिए मेडिकल स्टाफ की तत्काल भर्ती की मांग की, जो यां तो स्टाफ की कमी के कारण लगाए यां शुरू नही किए गए हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब तथा पंजाबियों को दूसरी कोरोना वाॅयरस की लहर झेलने के लिए अपने भाग्य के सहारे छोड़ दिया है।
पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि राज्य में महीनों से जो वेंटिलेटर आ चुके हैं, उन्हे अब तक कैसे नही लगाया गया है। इसी तरह सरकार के पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त समय होने के बावजूद 300 से अधिक वेंटिलेटर चलाने के लिए कर्मचारियों की भर्ती करने में नाकाम रही है। किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा जिम्मेदारी पूरी तरह त्यागने का इससे बड़ा प्रमाण नही हो सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में सरकार चलाने का नैतिक अधिकार खो दिया है , उन्हे तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री पद के साथी स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की ‘आपराधिक लापरवाही’ का यह एकमात्र मामला नही है। इसी तरह से राज्य में एक साल से महामारी होने के बावजूद आॅक्सीजन की क्षमता बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नही किया ।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि कोविड की विपत्ति का मुकाबला करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने के बजाय राज्य के शीर्ष नेता कुर्सी की लड़ाई में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री नवजोत सिद्धू के साथ राजनीतिक लड़ाई में लगे हुए हैं तथा उनके पास राज्य में चल रहे स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने के लिए समय नही है। ऐसा करके कैप्टन अमरिंदर सिंह आधुनिक समय के नीरो के रूप में उभरे हैं।
अकाली नेता ने राज्य सरकार से चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया है। उन्होने कहा कि सरकार राज्य में समर्पित कोविड बेड की संख्या बढ़ाने के लिए अपना तय शुल्क देकर निजी अस्पतालों को भी अपने अधिकार क्षेत्र में ले सकती है।
प्रो. चंदूमाजरा ने वैक्सीन की खरीद प्रक्रिया के व्यवसायीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि कंपनियों को केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा अलग अलग दरों पर एक ही वैक्सीन बेचने की अनुमति नही दी जानी चाहिए। उन्होने केंद्र से यह भी कहा कि वह राज्यों को पारदर्शी तरीके से केंद्रीय कोटे से वैक्सीन वितरण सुनिश्चित करे ताकि उस पर मानवीय त्रासदी