बादलों द्वारा किये बिजली समझौते रद्द न करने का संताप भोग रहे हैं लोग- ‘आप’

कैप्टन मोदी की मिलीभगत का सबूत है राज्यपाल को मांग पत्र देने जा रहे किसानों पर पुलिस का अत्याचार-संधवां
बठिंडा, 26 जून 2021
पंजाब में धान की बिजाई के लिए ट्यूबवैलों को 8 घंटे बिजली सप्लाई न दिए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर बेहद संगीन दोष लगाते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री मोदी के इशारों पर नाचते हुए किसानों को शर्मिंदा कर रहे हैं।
यहां प्रेस कान्फ्रैंस को संबोधन करते हुए पार्टी के विधायक और किसान विंग के सूबा प्रधान कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि सोची समझी साजिश के अंतर्गत किसानों को खेती क्षेत्र के लिए 8 घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई की बजाए केवल 4 घंटे बिजली दी जा रही है। यहां तक कि नहरी पानी की सप्लाई भी रोकी जा रही है। खेती कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को अपमानित करके मोदी को खुश करने की कोशिशें जनतक हो चुकी हैं। मोहाली और चंडीगढ़ की सीमा पर शनिवार को किसानों पर किए गए पुलिस अत्याचार ने इस बात पर मोहर लगा दी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने आका मोदी को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। संधवां ने खेती कानूनों विरुद्ध राज्यपाल पंजाब को मांग पत्र देने जा रहे किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार की ज़ोरदार निंदा की।
संधवां ने कहा कि कैप्टन सरकार प्रदेश में साढ़े चार सालों से सत्ता में बैठी है और बादलों की तरह कांग्रेसी भी बिजली सरप्लस होने का दावा करते रहे हैं, फिर धान की बिजाई के लिए आठ घंटे बिजली की सप्लाई देने में भी सरकार फेल हुई है। किसान महंगे डीज़ल का प्रयोग करके धान की बिजाई करने के लिए मजबूर हैं। संधवां ने कहा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों के गुस्से से डर कर अब बिजली का प्रबंध करने के लिए 500 करोड़ जारी कर रहे हैं, यदि नीयत साफ़ होती तो सरकार को बिजली की खरीद और आठ घंटे निर्विघ्न सप्लाई के प्रबंध बीते मई महीने में करने चाहिए थे। उन्होंने कहा बिजली महंगी करके लोगों पर बोझ डालने की जगह और बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए कैप्टन सरकार को सरकारी अदारों की तरफ बकाए रहते 2200 करोड़ रुपए के बिलों की तुरंत अदायगी बिजली कार्पोरेशन को करनी चाहिए।
सूबा प्रधान कुलतार सिंह संधवां ने आगे कहा कि 2017 के चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों के साथ वायदा किया था कि बादल सरकार की ओर से प्राईवेट कंपनियों के साथ किये गए बिजली समझौतों की जांच करवाई जायेगी और समझौतों के बारे में वाइट पेपर जारी किया जायेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री बने साढ़े चार साल हो चुके हैं, न ही बिजली समझौते रद्द किये गए हैं और न ही वाइट पेपर जारी किया गया है। इस का क्षतिपूर्ति न केवल किसान बल्कि बेहद महंगी बिजली मिलने कारण सभी वर्गों के लोग भुगत रहे हैं। संधवां ने दोष लगाया कैप्टन और बादल ने फालतू बिजली होने का नाटक करके बिना बिजली खरीदे ही 5400 करोड़ रुपए कंपनियों को दिए हैं, जिस की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि कैप्टन सरकार किसानों को परेशान करना बंद करे और धान की बिजाई के लिए लगातार 8 घंटे बिजली की सप्लाई का प्रबंध करे। इस मौके नील गर्ग, गुरजंट सिंह सिबिया, राकेश पुरी, अनिल ठाकुर, अमरदीप सिंह राजन, सुखबीर सिंह बराड़, बलदेव सिंह, अमृत अग्रवाल, सन्दीप गुप्ता, बलजीत बल्ली, भुपिन्दर बांसल और बलकार सिंह भोखड़ा समेत अन्य नेता मौजूद थे।

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