मोदी के इशारे पर डीएपी का संकट खड़ा कर किसानों को परेशान कर रहे हैं कैप्टन: कुलतार सिंह संधवां

KULTAR SINGH
ਗੰਨਾ ਉਤਪਾਦਕ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨਾਲ ਧੋਖ਼ਾ, ਕਾਂਗਰਸ ਨੇ ਲੱਡੂ ਖਵਾ ਕੇ ਮਾਰਿਆ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਪਿੱਠ ’ਚ ਛੁਰਾ: ਕੁਲਤਾਰ ਸਿੰਘ ਸੰਧਵਾਂ

निजी विक्रेताओं को छूट देकर सहकारी समितियों को बर्बाद कर रही है कांग्रेस सरकार
कृषि प्रधान प्रदेश में अपना कृषि मंत्री न होना हैरानीजनक
चंडीगढ़,7 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा प्रदेश में निजी विक्रेताओं को 50 प्रतिशत डीएपी खाद बेचने के अधिकार देने के फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है तथा इस फैसले को किसानों व सहकारी कृषि समिति विरोधी करार दिया है।
आम आदमी पार्टी पंजाब किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह संघर्षरत किसानों को परेशान करने की साजिश के तहत अपने आका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर किसान विरोधी फैसले ले रहे हैं।
पार्टी मुख्यालय से मंगलवार को जारी बयान में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार के बताए रास्ते पर चलकर पंजाब के सहकारी विभागों को बर्बाद कर रहे हैं।
इसलिए सहकारी कृषि समितियों द्वारा डीएपी उर्वरक की आपूर्ति (वितरण) के अधिकार को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है और निजी डीलरों की आपूर्ति को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है।’’ संधवां ने कहा कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर डीएपी खाद को निजी हाथों में सौंपकर खाद माफिया पैदा करना चाहती है। सरकार के इस फैसले से न केवल खाद की कालाबाजारी बढ़ेगी, बल्कि किसानों के साथ लूट भी बढ़ जाएगी।
संधवां ने आगे कहा कि पंजाब सरकार पंजाब में डीएपी खाद के गहरे संकट को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे आने वाले गेहूं की बुवाई के मौसम में किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
पंजाब को गेहूं की बुवाई और अन्य कामों के लिए 4.80 लाख टन खाद की जरूरत है, जबकि सितंबर तक पंजाब के पास केवल 75,000 टन डीएपी खाद का भंडार है। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि सितंबर तक पंजाब ने केंद्र से केवल 1.5 लाख टन डीएपी खाद की मांग की है, जबकि उन्हें पता है कि पंजाब को तीन गुना से अधिक खाद की आवश्यकता है। इस से साफ है कि सरकार खुद पंजाब में खाद की किल्लत पैदा कर खाद माफिया को फायदा पहुंचाना चाहती है।
आप नेता ने कहा कि डीएपी खाद की बिक्री के मामले में निजी विक्रेताओं को अधिक छूट देने का निर्णय स्वयं कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले कृषि विभाग ने लिया है, जिससे साबित होता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मोदी के नक्शेकदम पर चलकर किसानों को परेशान करना चाहते हैं। उन्होंने मांग की है कि कैप्टन सरकार सहकारी कृषि समितियों को 80 प्रतिशत खाद आपूर्ति का अधिकार बहाल करे और गेहूं की बुवाई के लिए आवश्यक डीएपी खाद उपलब्ध कराये।