बनवारी लाल ने अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया

Dr. Banwari Lal directs that the benefits of the welfare schemes should reach upto the needy beneficiaries residing even in the remote villages of the state

बनवारी लाल ने अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया

चण्डीगढ़, 05 जनवरी – हरियाणा के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ बनवारी लाल ने अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘अनुसूचित जाति से संबंधित विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)’’ की केंद्र प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया हैं। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत दिनों लगभग 59 हजार करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया है।

वे आज यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए ये सबसे अहम व बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष 11वीं कक्षा से शुरू होने वाले सभी पाठ्यक्रमों में लगभग 60 लाख छात्रवृत्तियाँ हैं और सकल नामांकन अनुपात वर्ष 2013-14 के दौरान 17.1 प्रतिशत से बढक़र वर्ष 2018-19 के दौरान 23 प्रतिशत हो गया है।
डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति में ट्यूशन फीस, मासिक रख-रखाव भत्ता, शोध के लिए टाइपराइटिंग भत्ता इत्यादि शामिल है। इसी प्रकार, इस योजना के तहत सबसे गरीब परिवारों के छात्रों के नामांकन करने का अभियान चलाया जायेगा और इन परिवारों के 10वीं कक्षा में पढ़ाई छोडऩे वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि एसईसीसी डेटा (सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना आंकड़े) के अनुसार यदि ऐसे परिवार जहां एक या दोनों माता-पिता निरक्षर हैं, या सरकारी स्कूल से उत्तीर्ण छात्र है, के आधार पर ऐसे छात्रों को शामिल करने के लिए सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत उन परिवारों के छात्रों को शामिल किया जाएगा, जिनकी पारिवारिक आय प्रतिवर्ष ढाई लाख रूपए या इससे कम हैं।

डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि अगले 5 वर्षों में लगभग एक करोड़ 36 लाख़ सबसे गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी और अगले चार सालों में लगभग 4 करोड़ छात्रों को योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत सबसे गरीब परिवारों पर ध्यान केंद्रित करने से ड्रॉपआउट दर को कम करने में मदद मिलेगी और छात्रों को बिना किसी समस्या के अपनी शिक्षा पूरी करने में सहयोग मिलेगा।

इस योजना के माध्यम से उन्नत किए गए विभिन्न पाठ्यक्रम और कौशल भी छात्रों को उनकी पारिवारिक स्थिति व आय में सुधार करने में मदद करेंगे तथा सुधार के लिए पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वर्ष 2021-22 से प्रारंभ करते हुए इस योजना में 60 प्रतिशत की केंद्रीय हिस्सेदारी का भुगतान सीधे छात्रों के खातों में किया जाएगा जबकि 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी राज्य की होगी। इस योजना के तहत समय पर किया गया भुगतान छात्रों को उनकी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सहायता जो वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 1100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष थी, उसे वर्ष 2020-21 से 2025-26 के दौरान 5 गुना से अधिक बढ़ाकर लगभग 6,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया जाएगा। इस मौके पर विधायक लक्ष्मण नापा, जगदीश नैयर और धर्मपाल गोंदर उपस्थित थे।

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