मुख्यमंत्री द्वारा सिंगापुर जा रहे प्रिंसिपल से अपील : राज्य में शिक्षा क्रांति के अग्रणी बनो

 भगवंत मान ने झंडी दिखा कर सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों के पहले बैच को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर किया रवाना

राज्य सरकार की तरफ से अपनी किस्म की इस पहली पहलकदमी का उद्देश्य विद्यार्थियों को मानक शिक्षा प्रदान करने के लिए अध्यापकों के पेशेवर हुनर को निखारना है

चंडीगढ़, 4 फरवरी :- 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को सरकारी स्कूलों के 36 प्रिंसिपलों के पहले बैच को शिक्षा के क्षेत्र में अपने पेशेवर ज्ञान और महारत को अपग्रेड करने के लिए सिंगापुर जाने के लिए हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

यहां मगसीपा में प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को न्यौता दिया कि वे राज्य में पिछले 10 महीनों से चल रही शिक्षा क्रांति के अग्रणी बनने का न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से अपनी किस्म की यह पहली पहलकदमी अध्यापकों की विदेशी ट्रेनिंग के लिए प्रांतीय योजना का हिस्सा है, जिसको शुक्रवार को मंत्रीमंडल की तरफ से मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए अध्यापकों के पेशेवर हुनर को निखारना है जिससे वह बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर सकें। भगवंत मान ने कहा की इस कदम का एकमात्र उद्देश्य सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को कान्वेंट के अपने शिक्षित साथियों के साथ मुकाबला करने के योग्य बनाना और जीवन में कामयाब बनाना है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया की अध्यापक राष्ट्र निर्माता हैं, जो शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने उनको मानक ट्रेनिंग यकीनी बना कर उनके अध्यापन के हुनर को निखारने का फैसला किया है। भगवंत मान ने बताया कि इस गारंटी के हिस्से के तौर पर 36 सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों का पहला बैच पेशेवर ट्रेनिंग के लिए आज 4 फरवरी को सिंगापुर जा रहा है।
उन्होंने बताया की ये प्रिंसिपल 6 से 10 फरवरी तक होने वाले प्रोफेशनल टीचर ट्रेनिंग सेमिनार में भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेनिंग पूरी करने के बाद यह पहला बैच 11 फरवरी को लौटेगा। भगवंत मान ने कहा कि यह ट्रेनिंग अध्यापकों को आधुनिक अध्यापन अभ्यासों और लीडरशिप हुनर के साथ लैस करके उनकी सोच को और विशाल करेगी। महामारी के बाद संसार में शिक्षा के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अध्यापन-ट्रेनिंग सामग्री और ऑडियो विजुअल प्रौद्योगिकी की सृजना करना, रणनीतिक प्रबंधन, स्कूल संस्कृति को नया आकार देना, अध्यापकों का पेशेवर हुनर निखारना और कोर्स का नेतृत्व इस ट्रेनिंग में शामिल है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह मिसाली पहलकदमी राज्य में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिए मिल पत्थर साबित होगी और इन प्रयत्नों से पंजाब जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनेगा।

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