-निजी चीनी मिलों ने 360 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य देने से किया इनकार
-`आप’ ने चन्नी सरकार पर चीनी मिल माफिया के सामने घुटने टेकने का लगाया आरोप
चंडीगढ़, 01 नवंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक एवं किसान विंग के प्रदेशाध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ने का मूल्य 360 रुपये प्रति क्विंटल देने की घोषणा तो जरूर की थी लेकिन इसके लिए आवश्यक नोटिफिकेशन और बजट का कोई प्रबंध नहीं किया। इस कारण प्रदेश की प्राइवेट चीनी मिलों ने किसानों का गन्ना खरीदने से साफ इनकार कर दिया है। इस कारण गन्ना उत्पादक भारी सदमे में हैं।
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पार्टी मुख्यालय से सोमवार को जारी बयान में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने आरोप लगाया कि बादल-भाजपा की तरह कांग्रेस सरकार के दावे भी कभी सच नहीं हुए। संधवा ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किसान यूनियनों से वादा किया था कि पंजाब के गन्ना उत्पादकों को 360 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का मूल्य और हरियाणा मॉडल लागू कर दिया जाएगा। इस वादे का जश्न मनाते हुए मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं को लड्डू भी खिलाए लेकिन यह लड्डू गन्ना उत्पादकों के लिए मीठा जहर ही साबित हुए हैं।
कुलतार सिंह संधवां ने आरोप लगाया कि गन्ने के मूल्य में की गई बढ़ोतरी और हरियाणा मॉडल लागू करने के लिए आवश्यक बजट का प्रबंध पंजाब सरकार द्वारा नहीं किया गया। इस कारण घाटे में चल रही प्रदेश की प्राइवेट चीनी मिलों ने किसानों का गन्ना खरीदने और अगले साल के लिए गन्ना वितरण करने से साफ मना कर दिया है। इतना ही नहीं प्राइवेट चीनी मिल यूनियनों ने विभिन्न माध्यमों से अपना पक्ष किसानों के सामने रखते हुए कहा कि पंजाब की घाटे में चल रही प्राइवेट चीनी मिल पिछले साल के गन्ना मूल्य 310 रुपये प्रति क्विंटल की अदायगी नहीं कर पा रही। कई चीनी मिलों के पास किसानों की बकाया रकम खड़ी है। इसलिए ये मिलेें 360 रुपये का मूल्य किसानों को नहीं दे सकती, क्योंकि हरियाणा मॉडल के तहत भारत सरकार के खरीद मूल्य (एफआरपी) और प्रदेश के खरीद मूल्य के बीच के अंतर का पैसा पंजाब सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा। कुलतार सिंह संधवां ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मांग की है कि गन्ना उत्पादक के हितों को ध्यान में रखते हुए तुरंत आवश्यक पैसा जारी किया जाए। गन्ने की खरीद के लिए अगले वर्ष के लिए गन्ना वितरण शुरू करने के आदेश निजी चीनी मिलों को दिए जाएं। संधवां ने कहा कि निजी चीनी मिलों द्वारा गन्ना खरीदने से हाथ खड़े करने का कारण निजी चीनी मिल माफिया हैं, जिनका प्रमुख नुमाइंदा राणा गुरजीत सिंह स्वयं चन्नी मंत्रिमंडल में वजीर है। संधवां ने कहा कि सरकार ने निजी मिल माफिया के सामने घुटने टेक दिए हैं, नतीजतन इस बार भी किसानों का शोषण होगा।