कहा कि जब हाईकोर्ट के न्यायाधीश को पंजाब पुलिस पर विश्वास नही तो 3 करोड़ पंजाबी अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/01अक्टूबर 2024
शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि जिस तरह से पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश ने जिस तरह से पंजाब पुलिस द्वारा उन्हे मुहैया कराई गई सुरक्षा में अविश्वास प्रकट किया, उसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान को गृह मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नही है।
वरिष्ठ अकाली नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री से गृह मंत्री के रूप में अपनी विफलता के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा देने का अनुरोध करते हुए कहा,‘‘ इस घटनाक्रम से पता चलता है कि एक समय अनुशासित और पेशेवर पुलिस फोर्स श्री भगवंत मान की अगुवाई में किस स्तर तक पहुंच गया है।’’ उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री गृह मंत्री के तौर पर भी राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और गैंगस्टर राज को पनपने से रोकने में नाकाम रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ अब हमारे पास पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश हैं जो पंजाब पुलिस की निष्पक्षता की निंदा कर रहे हैं , और उन्हे चंडीगढ़ पुलिस यां हरियाणा पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध कर रहे हैं।’’
अकाली दल के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री को पंजाबियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होने कहा,‘‘ जब उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पंजाब पुलिस पर विश्वास नही है तो तीन करोड़ पंजाबी अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं?’’ उन्होने कहा कि आम आदमी के अलावा पेशेवर और उद्योगपत्ति जबरन वसूली और टाॅरगेट कीलिंग और झपटमारी की घटनाओं का सामना कर रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ डर के इसी माहौल के कारण ही पंजाब में कोई निवेश नही आ रहा और यहां तक कि घरेलू उद्यमी भी अब पड़ोसी राज्यों में निवेश कर रहे हैं। इस गड़बड़ी से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका है कि श्री भगवंत मान को गृहमंत्री के रूप में कर्तव्यों में विफल रहने पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’’