कैप्टन सरकार की नई एसआइटी सिर्फ पंजाब के लोगों की भावनाओं संग धोखा, इनका स्टीयरिंग है बादलों के हाथ में- भगवंत मान
कुर्सी के लोभी कोंग्रेसी आपसी कलह में उलझे, गुरु से प्रेम होता तो अब तक इस्तीफा दे देते
चंडीगढ़, 8 मई , 2021
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन सरकार ने शुक्रवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन सिर्फ जनता की आँखों में धुल झोंकने के लिए किया है। मान ने आगे कहा कि यह सिर्फ पंजाब के लोगों की भावनाओं के साथ धोखा है, क्योंकि यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो वे बहुत पहले ही हाई कोर्ट की डबल बेंच पर एसआइटी रद्द होने के विरुद्ध अपील कर चुके होते। सरकार का स्टीयरिंग बादलों के हाथों है, और कैप्टन सिर्फ बादल परिवार और अपनी कुर्सी को बचाने में लगे हुए है। गौरतलब है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कैप्टन सरकार ने 7 मई शुक्रवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया, जिसमें सीनियर आईपीएस अधिकारी शामिल किए गए हैं। अदालत के आदेश के अनुसार टीम को कोटकपूरा गोलीकांड की जांच को प्राथमिक आधार पर छह माह में पूरा करने के आदेश दिए गए हैं।
इस मामले के लिए एसआईटी टीम के गठन के बाद मामले की जांच पर एक बार फिर सवाल उठाते शनिवार को भगवंत मान ने कहा कि आखिर ऐसा क्या दबाव है कि वे दोषियों को पकडऩे में अभी तक असफल हो पा रहे हैं और जांच के लिए बार बार नई टीम बना रहे है।
मान का कैप्टन से सवाल आखिर क्यों कुंवर प्रताप की जांच रिपोर्ट से मुंह मोड़ा- आप सांसद भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल करते हुए पूछा कि अगर वह इस मामले में पारदर्शिता से जांच करने के इच्छुक थे, तो क्यों उन्होंने कुंवर प्रताप की जांच रिपोर्ट से शुरू से मुंह मोड़ा। वे सिर्फ आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि 2015 से चल रहे इस मामले में कैप्टन सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगी हैं। मामले को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है। इस मामले में अभी तक दो कमीशन, तीन एसआईटी, सीबीआई जांच के बाद एक नई एसआईटी बनाने का मकसद सिर्फ इस मामले को और लंबा खींचना है। मान ने कहा कि कैप्टन अगर पंजाब के लोगो को सच्ची सेवा में होते तो इस मामले के अगले ही दिन से कड़ी कार्रवाई करते।
अगर कुर्सी के लोभी ना होते तो दे चुके होते अब तक इस्तीफा देते: मान – मान ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी के लालच में है। वे पंजाब की भोलेभाली जनता की आंख में धूल झोंक रहे हैं। अगर वह इस मामले में इतने सच्चे होते हैं तो कब का इस्तीफा दे दिया होता।