डॉ. अम्बेडकर की शिक्षाएं समाज के उत्थान के लिए और ज्य़ादा महत्वपूर्ण: धर्मसोत
डॉ. अम्बेडकर ने संविधान के द्वारा महिलाओं के लिए समान हकों को यकीनी बनाया
चंडीगढ़, 14 अप्रैल:
सामाजिक न्याय सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री श्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा और श्रीमती अरुणा चौधरी समेत पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने आज यहाँ प्रसिद्ध विद्वान डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को उनकी 130वीं जयंती के मौके पर फूल मालाएं भेंट करके श्रद्धाँजलि दी।
आज यहाँ पंजाब भवन में हुए एक समागम के दौरान श्री धर्मसोत ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर एक प्रसिद्ध न्यायवादी, अर्थशास्त्री, लेखक, दार्शनिक और समाज सुधारक थे। वह भारत के संविधान के मुख्य निर्माता थे। आज उनका नाम असमानता और उत्पीडऩ के विरुद्ध लडऩे का प्रतीक बन गया है, जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता।
डॉ. अम्बेडकर द्वारा आरक्षण के द्वारा दबे-कुचले लोगों को सामाजिक तौर पर ऊँचा उठाने की कोशिशों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर का नाम राजनैतिक पार्टियों में गूँजता है और उनकी लेखन और भाषण अब विद्वानों के लिए खोज का विषय बने हैं, जैसे कि कैसे उन्होंने हाशीए पर खड़े लोगों की जि़ंदगी बदल दी। जब तक जाति व्यवस्था और इसके आस-पास संघर्ष मौजूद है, डॉ. अम्बेडकर और उनकी शिक्षाएं जात-पात से भरे समाज के आसपास के हर क्षेत्र में सार्थक रहेंगी।
सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मंत्री ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार द्वारा समाज के दबे-कुचले वर्ग के लिए किए गए प्रयासों को सही अर्थों में बेमिसाल बताया। पंजाब सरकार द्वारा एस.सी. विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई वज़ीफ़ा स्कीम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम से केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को अपने फ़ैसले वापस लेकर देश भर में यह स्कीम को कायम रखने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने शगुन स्कीम की राशि में हुई वृद्धि और दबे- कुचले लोगों के उत्थान के लिए उठाए गए अन्य कदमों संबंधी भी रौशनी डाली।
इस मौके पर श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर द्वारा समाज के दबे-कुचले वर्गों को मुख्य धारा में लाने का संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वह डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के आदर्शों को अपनी जि़ंदगी में अपनाने और एक मज़बूत एवं $खुशहाल पंजाब के निर्माण में योगदान डालें। उन्होंने संविधान में महिलाओं के लिए समान अधिकार यकीनी बनाने के प्रति डॉ. अम्बेडकर के विचारों पर भी रौशनी डाली।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए कई प्रोग्रामों की शुरूआत की है, जैसे कि सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण, पंचायतों और यू.एल.बीज़ की मतदान में 50 प्रतिशत आरक्षण, लड़कियों के लिए मुफ़्त स्मार्टफोन। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सत्कार के तौर पर मोहाली के मैडीकल कॉलेज का नाम भी डॉ. अम्बेडकर के नाम पर रखा है।
इस मौके पर अन्यों के अलावा तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के प्रमुख सचिव श्री अनुराग वर्मा और डायरैक्टर सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक श्री मालविन्दर सिंह जग्गी भी मौजूद थे।
———