कैप्टन बताएं कृषि कानूनों को लेकर हाई पावर कमेटी में पंजाब के साथ गद्दारी क्यों की: प्रिंसिपल बुधराम
कैप्टन और कांग्रेस पर “आप” ने किया सवालों का हमला
किसानों के अलावा बाकी धरनों के बारे भी जवाब दें कैप्टन
चंडीगढ़, 15 सितंबर 2021
पंजाब की धरती पर किसानों के आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर सवालों का हमला बोला। साथ ही यह आरोप भी लगाया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं तथा प्रदेश की जनता को बांटने की मंशा से इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं।
बुधवार को पार्टी मुख्यालय से जारी संयुक्त बयान में यूथ विंग पंजाब के प्रधान व विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर तथा विधायक प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि मुख्यमंत्री का “पंजाब की पवित्र धरती पर किसानों का संघर्ष पंजाब तथा लोगों के हितों को बड़ी चोट पहुंचा रहा है” बयान बेहद शर्मनाक, गैर-जरूरी तथा गैर-जिम्मेदाराना है, क्योंकि अपनी तथा कृषि के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा किसान शौक के लिए संघर्ष नहीं कर रहा है, बल्कि मजबूरी में कर रहा है।
अगर केंद्र की मोदी सरकार अपनी जिद छोड़कर कृषि विरोधी काले कानूनों को रद्द कर फसलों का यकीनी मंडीकरण तथा एमएसपी को कानूनी दायरे में लेकर आती है तो किसान तुरंत सड़कें खाली कर अपने खेतों में वापस लौट जायेंगे ।
कैप्टन सरकार तथा कांग्रेस बताए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर दबाव बनाने के लिए उन्होंने क्या ठोस कदम उठाए? क्या कैप्टन बताएंगे कि कृषि कानूनों के बारे नीति आयोग की बैठकों में उन्होंने बतौर सदस्य व मुख्यमंत्री विरोध क्यों नहीं किया? क्या मुख्यमंत्री स्पष्ट करेंगे कि कृषि कानूनों को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक जिसमें (अकाली दल की ओर से सुखबीर सिंह बादल कृषि कानूनों की जोरदार वकालत कर रहे थे) में किए गए वादे के अनुसार अब कैप्टन अमरिंदर सिंह सभी पार्टियों के सदस्यों को साथ लेकर प्रधानमंत्री को मिलने से क्यों भाग रहे हैं? क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह मानते हैं कि किसानों के आंदोलन से पंजाब तथा जनता के हितों को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी प्रधानमंत्री कार्यालय से आई है? मुख्यमंत्री बताएंगे कि क्या पंजाब में केवल किसान ही आंदोलन कर रहे है?
विधायक प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि आज अन्नदाता के अलावा, मजदूर, बेरोजगार अध्यापक,लाइनमैन, मजदूर,पेंशन भोगी, आढ़ती, व्यापारी कारोबारी, डाक्टर, नर्स, वेटरनरी डॉक्टर्स स्टाफ, यूनिवर्सिटियों के प्रोफेसर तथा नॉन टीचिंग स्टाफ, बुद्धिजीवी, खिलाड़ी, अंगहीन, सरपंच, नंबरदार, पटवारी,ड्राइवर कंडक्टर,आंगनवाड़ी, आशा वर्कर, छात्र, पूर्व सैनिक, बैंक स्टाफ, मनरेगा वर्कर सहित स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार अपने हितों की जायज मांगों को लेकर सड़कों तथा सरकारी कार्यालयों के बाहर धरने पर बैठने को मजबूर हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या ये इन्हें भी पंजाब को छोड़कर दिल्ली की सीमा पर जाकर बैठ जाना चाहिए ?
क्या गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के दोषियों को सजा तथा लोगों द्वारा इंसाफ की मांग को लेकर दिए जा रहे धरने के लिए मौजूदा कांग्रेस सरकार जिम्मेदार नहीं है?
आप नेताओं ने कहा कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब तथा लोगों के हितों का ख्याल रखा होता तो पंजाब आज धरनों की धरती न बनता। बादलों द्वारा पंजाब की भोली भाली जनता को लूटने के लिए शुरू किए गए बिजली माफिया, रेत माफिया,ड्रग माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया,मंडी माफिया,लैंड माफिया,केबल माफिया,निजी शिक्षा तथा सेहत माफिया का कैप्टन आज से चार साल पहले ही सफाया कर देते। लेकिन कैप्टन ने सत्ता संभालते ही बादलों के माफिया की कमान अपने हाथों में ले ली है।