प्रधानमंत्री से बात करने की हिम्मत नहीं रखते कमजोरियों के मारे कैप्टन – हरपाल सिंह चीमा

Harpal singh Cheema
ਬੀ.ਐਸ.ਐਫ ਦੇ ਮੁੱਦੇ ’ਤੇ ‘ਆਪ’ ਨੇ ਇਜਲਾਸ ਤੋਂ ਵਾਕਆਊਟ ਕਰਕੇ ਪੁੱਛਿਆ, ਮੋਦੀ- ਚੰਨੀ ਦੀ ਕੀ ਹੋਈ ਡੀਲ?

-ड्रामा-सीरीज का हिस्सा है प्रधान मंत्री की बजाए जे.पी. नड्डा को पत्र लिखना
-सीधे-असिद्धे रूप में केंद्रीय काले कानूनों के पक्ष में भुगत रहे हैं कैप्टन
-एमएसपी पर सरकारी खरीद की गरंटी ही है मसले का एक मात्र समाधान -‘आप’

चण्डीगढ़, 2 नवंबर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रधान जी.पी. नड्डा को पंजाब के लिए माल गाड़ीयां (ट्रेनें)शुरू करने के बारे में लिखे खुले पत्र को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह दिन प्रति दिन गंभीर होते जा रहे किसानी मसले के हल के लिए प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के साथ बात करने की बजाए ड्रामे पर ड्रामे कर रहे हैं। किसानों और पंजाब के लोगों को गुमराह करने के लिए पहले पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र का नाटक किया और नोटंकीबाजी के साथ केंद्रीय काले कानूनों में ही तर्कहीण संशोधन करके किसानों और पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाया। फिर प्रधान मंत्री को मिलने की बजाए राष्ट्रपति को मिलने की ड्रामेबाजी की घोषणा की और अब जे.पी नड्डा को पत्र लिख कर अपने नाटकबाज सिरियल का अगला भाग रिलीज कर दिया।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह सारी ड्रामेबाजी जहां संघर्षशील किसानों और पंजाब के लोगों को गुमराह करने की साजिशें हैं, वहीं मोदी सरकार के कृषि विरोधी काले कानूनों को सीधे-असिद्धे रूप में समर्थन है, जो मुख्यमंत्री के दोहरे मापदण्डों की पोल खोलती है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि असली बात यह है कि निजी, राजनैतिक, वित्तीय और मुख्यमंत्री के तौर पर अमरिन्दर सिंह की अनगिणत कमजोरियां प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के पास हैं और अमरिन्दर सिंह इन कमजोरियों के कारण प्रधान मंत्री मोदी के इशारों पर नाचते हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री में अपने प्रदेश के किसानों, व्यापारियों और अन्य वर्गों को पेश मसलों के हल के लिए बात करने या मिलने की जुर्रत नहीं है, ऐसे मुख्यमंत्री की पंजाब को कोई जरूरत नहीं, इस लिए अमरिन्दर सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जितनी देर किसानों को उनकी सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की कानूनी गरंटी नहीं मिलती उतनी देर मसले का हल और किसानों के हित सुरक्षित नहीं। इस लिए या तो अमरिन्दर सिंह अपने ‘आका’ प्रधान मंत्री मोदी से किसानों को उक्त कानूनी गरंटी दिलाएं और या फिर खुद पंजाब सरकार के दम पर किसानों को गेहंू-धान समेत सभी फसलों पर एमएसपी पर सरकारी खरीद की कानूनी गरंटी दें, परंतु यदि ऐसा नहीं कर सकते तो कैप्टन को ड्रामेबाजी बंद करके गद्दी छोड़ देनी चाहिए।

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