गुरु पूरब से लेकर 15 दिनों तक चले विधान सभा का सत्र: हरपाल सिंह चीमा
कांग्रेस सरकार पर जनता के मुद्दों से भागने का लगाया आरोप
किसानों तथा औरतों पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की
चंडीगढ़, 31 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब विधायक दल की एक बैठक में विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को निशाना बनाते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस पर सार्वजनिक मुद्दों से भागने का आरोप लगाया। साथ ही मांग की कि 3 सितंबर को गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती को समर्पित एक दिवसीय विधानसभा सत्र को कम से कम 15 दिनों के लिए बढ़ाया जाए, ताकि कृषि संकट, महंगी बिजली और माफिय़ा सहित जनता को प्रभावित कर रहे सभी मुद्दों पर चर्चा हो सके।
मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में पंजाब विधानसभा सचिवालय में आप विधायक दल की बैठक में उप नेता सरबजीत कौर माणूके सहित अन्य विधायकों में कुलतार सिंह संधवां, अमन अरोड़ा, मीत हेयर, प्रिंसिपल बुद्धराम, जय सिंह रोढ़ी,अमरजीत सिंह संदोया, कुलवंत सिंह पंडोरी, मंजीत सिंह बिलासपुर, मास्टर बलदेव सिंह और जगतार सिंह हिसोवाल उपस्थित थे।
हरपाल सिंह चीमा ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित एक विशेष सत्र का स्वागत किया गया, लेकिन उन्होंने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए। चीमा के मुताबिक़ सत्ताधारी कांग्रेस सदन में जनता के मुद्दों का सामना करने से बच रही है। उन्हें डर है कि इस चुनाव से पहले इस सत्र में सरकार की कमियां और नाकामियां सुर्खियां न बन जाए, क्योंकि आज साढ़े चार साल बाद भी कैप्टन सरकार के पास पंजाब की जनता को बताने के लिए एक भी ऐसी ठोस उपलब्धि नहीं है जिसका लाभ जनता को मिला हो।
हरपाल सिंह चीमा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू पर भी निशाना साधा और कहा कि अगर सत्ताधारी कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पार्टी से अगले सत्र का कार्यकाल 15 दिनों के लिए नहीं बढ़ा सकते हैं, तो वे किस अधिकार से कांग्रेस में बैठे हैं? चीमा ने कहा कि महंगी बिजली तथा माफिय़ा राज का हवाला देते हुए अपनी ही कांग्रेस सरकार के खि़लाफ़ ट्वीट करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू तथा उनके साथी कांग्रेसी विधायकों तथा मंत्रियों के लिए यह सत्र परीक्षा की घड़ी होगी कि वह पंजाब हितैषी होने के नाते महंगे बिजली समझौते पीपीएज इस सत्र के दौरान रद्द कराएंगे या फिर उनकी लड़ाई सिफऱ् कुर्सी तक ही सीमित थी।
इस मौक़े पर मीडिया से बात करते हुए विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि वह बिजली सौदा रद्द करने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाए हैं, अब देखना होगा कि नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथी विधायक इस जनहितैषी विधेयक का समर्थन करते हैं या नहीं।
अमन अरोड़ा ने यह भी कहा कि अगर सिद्धू चाहें तो कैप्टन के न चाहते हुए भी बिजली समझौते रद्द करने वाले बिल विधानसभा में पारित करवाया जा सकता है,क्योंकि सिद्धू के पास 50 से अधिक कांग्रेसी विधायकों का समर्थन है तथा आम आदमी पार्टी के विधायकों को मिलाकर सदन में बहुमत साबित हो सकता है। बैठक में हरियाणा तथा पंजाब सरकार की ओर से महिला और अन्य प्रदर्शनकारियों पर किए गए लाठीचार्ज की भी निंदा की गई।