कैप्टन सरकार भारतमाला सड़क परियोजना के लिए धक्केशाही के साथ जमीन अधिग्रहण और विवाचक नियुक्त करने की गलती न करे-हरपाल सिंह चीमा

…कैप्टन अपने आका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों को लूटने और उजाडऩे की नीति पर चल रहे हैं
…किसानों की सहमति से जमीनों की कीमत और परिवार के मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाए

चंडीगढ़, 16 जुलाई
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा पंजाब में भारतमाला सड़क परियोजना के लिए किसानों की सहमति के बिना और धक्केशाही के साथ जमीन अधिग्रहण और विवाचक नियुक्त करने की सख्त निंदा करते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने आका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों को लूटने और उजाडऩे की नीति पर न चलें और अधिग्रहण की जा रही जमीनों की कीमत किसानों की मांगों के अनुसार दे।
शुक्रवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की ओर से भारतमाला सड़क परियोजना के लिए किसानों की जमीनें मात्र 8 से 10 लाख रुपए के मूल्य पर अधिग्रहण की जा रही हैं। इस के इलावा जमीनों से सम्बन्धित पैदा होने वाले मामलों के हल करने के लिए अलग अलग विवाचक नियुक्त करने से सम्बन्धित भी किसानों की राए नहीं ली जा रही। इस कारण पंजाब भर के किसानों में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के विरुद्ध गुस्सा पाया जा रहा है और किसान अलग अलग स्थानों पर बेहद कम दाम में जमीनें अधिग्रहण करने के विरुद्ध धरने लगा रहे हैं।
चीमा ने कहा कि किसान की जमीन अधिग्रहण होने से भले ही किसान को कुछ पैसे मिल जाते हैं, परन्तु किसान परिवार के लिए नई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। नई सड़क बनने के कारण जमीन टुकड़ों में बंट जाती है, खेत की तरफ जाने का रास्ता बंद हो जाता, पानी की सप्लाई बंद हो जाती और कई बार तो ट्यूबवैल भी बंद हो जाता है। उन्होंने आगे बताया कि नई जगह ज़मीन खऱीदने, पानी का प्रबंध करने, मकान बनाने और बिजली कनेक्शन लेने आदि जैसी समस्याओं के साथ किसान परिवार को दो चार होना पड़ता है, परन्तु सरकार जमीन के बदले एक बार पैसा देकर किसान परिवार की फिर से पूछती तक नहीं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन सरकार की तरफ से किसानों को अलग अलग जिलों में मौजूदा कुलैकटर मूल्य पर जमीनों की कीमत दी जा रही है, जो कि बहुत ही कम है। पंजाब में अलग अलग स्थानों पर किसानों को मात्र 8 से 10 लाख रुपया प्रति एकड़ दिया जा रहा है, जब कि खुले बाजार में ज़मीन की कीमत करोड़ रुपए से ज़्यादा बनती है। चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सूबे के किसानों के साथ सरकारी धक्केशाही नहीं होने देगी क्योंकि किसान तो पहले ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरफ से बनाए गए तीन खेती कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की है कि सूबे के किसान की सहमति के साथ जमीनों की कीमत, बर्बादी भत्ता और आगे जमीन खऱीदने में छूट देने समेत किसान परिवार के मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाए।

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