जिला बरनाला में राष्ट्रीय लोक अदालत में 610 केसों का निपटारा

राष्ट्रीय लोक अदालतों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं लोग : जस्टिस वरिन्दर अग्रवाल
बरनाला, 10 जुलाई 2021
स्टेट लीगल सर्विस अथारिटी, बरनाला द्वारा राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व पंजाब स्टेट कानूनी सेवा अथारटी, एस.ए.एस. नगर मोहाली की हिदायतों अनुसार व श्री वरिन्दर अग्रवाल, माननीय जिला और सैशनज जज-सहित-चेयरमैन, स्टेट कानूनी सेवा प्राधिकरण बरनाला की अगुवाई में आज जिला कोर्ट कंपलैक्स बरनाला में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में हर तरह के प्री-लीटिगेटिव और पेडिंग केसों की सुनवाई करने के लिए और आपसी रजामंदी और आपसी सहमति के साथ निपटाने के लिए श्री बरजिन्दर पाल सिंह (माननीय एडिशनल जिला और सैशनज जज -1), श्री कपिल अग्रवाल (माननीय जिला जज फैमली कोर्ट), श्री वनीत कुमार नारंग (माननीय सिवल जज सीनियर डिविजन), श्रीमती सुरेखा रानी (माननीय ए.सी.जे.एस.डी.), श्री चेतन शर्मा (सिवल जज ज.ड.) और श्री विजय सिंह ददवाल (माननीय सिवल जज ज.ड.) के कुल 6 बैंचों का गठन किया गया।
इस लोक अदालत में 687 मामलों की सुनवाई की गई और 610 मामलों का आपसी रजामंदी के साथ निपटारा किया गया और 2,32,24,113/- रुपए के अवार्ड के पास किये गए। श्री वरिन्दर अग्रवाल, माननीय जिला और सैशनज जज, बरनाला जी की तरफ से बताया कि जुडिशियल अफसरों की तरफ से कोविड-19 के समय दौरान बहुत मेहनत के साथ काम किया गया और प्री-लोक अदालतें लगाई गईं और समझौता करने के लिए पार्टियां को मनाया गया और फाईनल अवार्ड पास किए गए।
आर्बिट्रेशन के एक मामलो में ए.आर.बी./08/2016 मैस. स्टैंडर्ड निगम इंडिया बनाम मैस. कलच्च इंटरनेशनल का केस एक आरबिटरेटर द्वारा पास किये हुए अवार्ड को देने के लिए रजिस्टर किया गया। मुदई फर्म कम्बायन हारवैस्टर, ट्रैक्टर और सहायक कृषि मशीनरी व अन्य भारी लिफ्ट मशीनरी के निर्माण का काम करती है और दूसरा पक्ष फलाई व्हील, रिंग गियर और शावटों के व्यापारिक सौदे कर रही है। तारीख 01.09.2012 को दोनों पार्टियों में झगड़ा हो गया और दोनों पार्टियों ने आरबिटरेटर के पास पहुंच की। इसके उपरांत तारीख 10.05.2016 मैस. कलच्च इंटरनेशनल के हक में आरबिटरेटर द्वारा अवार्ड के पास किया गया। तारीख 13.7.2016 को मैस. स्टैंडर्ड द्वारा इस अवार्ड को रद्द करने के लिए अदालत में अपील की गई। अब करीब 10 साल की मुकदमेबाजी के बाद पार्टियों का अदालत द्वारा समझौता करवा दिया गया और अपीलकर्ता की तरफ से अपनी आर्बिट्रेशन अपील आज लोक अदालत में वापिस ले ली गई।
एक अन्य 9 साल पुराने केस में, जिस में तारीख 11.10.2012 को शिकायतकर्ता बिट्टू सिंह की तरफ से कमला देवी और अन्य के खिलाफ धारा 323, 324, 506, 34 आई.पी.सी. और धारा 3 और 4 एस.सी/एस.टी एक्ट के अंतर्गत इसतगासा दायर किया, जिसको माननीय जे.एम.आई.सी. श्री रनजीव पाल सिंह चीमा द्वारा तारीख 13.07.2017 को खारिज कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ शिकायतकर्ता बिट्टू सिंह द्वारा उक्त रवीजन पटीशन दायर की गई थी जो कि माननीय कोर्ट श्री बरजिन्दर पाल सिंह, माननीय अधिक सैशनज जज बरनाला जी की अदालत में विचार अधीन थी। आज लगाई गई राष्टी्रय लोक अदालत में श्री बरजिन्दर पाल सिंह जी की कोशिशों के बाद पार्टियों का आपस में समझौता करवा दिया गया और बिट्टू सिंह शिकायतकर्ता द्वारा उक्त रवीजन पटीशन वापिस ले ली गई।
एक अन्य 10 साल पुराने झगड़े में दो दिवानी दावे (फार पोजैशन और डैकलेरेशन) नंबर 468 तारीख 07.05.2011 और 506 तारीख 15.06.2011 अनुमान मुकदमा ठाकुर दवारा बाहरला तपा दवारा सेवक दास व मधू बनाम मधु सूदन दास, जो कि ठाकुर द्वारा बाहरी साधू द्वारा सेवक दास और मधु सूदन दास के खिलाफ दायर किये गए थे। उक्त दोनों दिवानी मुकदमों का फैसला तारीख 20.04.2019 को माननीय सिवल जज (स.ड.) बरनाला जी की अदालत द्वारा किया गया था। उक्त जज्जमैंट और डिकरी के खिलाफ मधु सूदन दास और सेवक दास द्वारा दीवानी अपील दायर की गई थीं जो कि श्री बरजिन्दर पाल सिंह, माननीय अधिक जिला जज बरनाला जी की अदालत में विचार अधीन थे। श्री बरजिन्दर पाल सिंह जी की कोसिशा सदका इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पिछले 10 से चल रहे धार्मिक स्थान (ठाकुर द्वार बाहरला तपा) के झगड़े का निपटारा करवा दिया गया और पार्टियों द्वारा दीवानी अपीलें वापिस ले ली गई।
श्री वरिन्दर अग्रवाल, माननीय जिला और सैशनज जज बरनाला जी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन लोक अदालतों के बहुत सारे लाभ हैं जैसे कि मामलों का जल्दी निपटारा, लोक अदालत के फैसले को दीवानी कोर्ट की डिक्री की मान्यता प्राप्त है, इसके फैसले खिलाफ कोई अपील नहीं होती और इसमें आपसी समझौतो के साथ फैसले करवाए जाते हैं, जिस के साथ पार्टियों और समाज में बड़े स्तर पर अमन शान्ति बहाल होती है, लोक अदालत में फैसला होने उपरांत केस में लगी सारी कोर्ट फीस वापिस मिल जाती है, इसके फैसले अंतिम होते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जो अपने केस का निपटारा राष्ट्रीय लोक अदालत के द्वारा करवाना चाहता है, वह सबंधित कोर्ट के जज साहिबान को इस संबंधित अपील कर सकता है और यदि उसका केस/झगड़ा अदालत में लम्बित नहीं है तो वह सचिव, जिला कानूनी सेवाओं अथारटी को अपना केस लोक अदालत में लगवाने की अपील कर सकता है।
अंत में उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इन राष्ट्रीय लोक अदालतों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और भविष्य में तारीख 11.09.2021 और 11.12.2021 को लगने वाली लोक अदालतों में अपने झगड़ों का जल्दी निपटारा करवाएं।

Spread the love