बदले की भावना से किसानों को परेशान कर रही है केंद्र तथा पंजाब की सरकारें: भगवंत मान

BHAGWANT MAN
ਸਰੇਆਮ ਅੰਧੇਰ-ਗਰਦੀ ਹੈ ਨਸਾ ਤਸਕਰੀ ਮਾਮਲੇ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਹੋਰ ਜਾਂਚ ਪੈਨਲ ਬਣਾਉਣਾ-ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ
-धान की खरीद रोकने का मामला
-कहा – मुख्यमंत्री चन्नी बताएं पंजाब की खरीद एजेंसियां मंडिया से क्यों  गायब हैं?
-आरोप: प्रति क्विंटल 1940 एम.एस.पी की गारंटी के बावजूद 1500-1600 रुपए में धान बेचने के लिए मजबूर हैं किसान

संगरूर, 2 अक्टूबर 2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने मोदी सरकार द्वारा पंजाब में धान की खरीद पर अचानक रोक लगाने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे बदले की भावना से बदला लेने वाला कदम बताया है।

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मान ने आरोप लगाया है कि “केंद्र सरकार ने खाद्य आपूर्ति के लिए पंजाब को एक बैल की तरह प्रयोग कर उसे लावारिस छोड़ दिया है। नतीजतन,भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने राज्य से धान खरीदने के फैसले को वापस ले लिया है। अब इसी रास्ते पर पंजाब सरकार भी चल रही है। कुर्सी की लड़ाई ने मंडियों में किसानों को भटकने पर मजबूर कर दिया है। पंजाब सरकार और उसकी खरीद एजेंसियां मंडियों से गायब हैं।’’

शनिवार को यहां अपने कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को  संबोधित करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की मंडियों में धान की खरीद न होने से किसान 1500 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल धान बेचने को मजबूर हैं,जबकि केंद्र सरकार ने धान का कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1940 रुपए तय किया है। क्योंकि पंजाब में 90 फीसदी किसान अपनी फसल को अपने घर पर (स्टोर) नहीं रख सकते हैं इसलिए उन्हें फसल बेचनी पड़ती है।

मान ने कहा कि ‘‘एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वह किसान द्वारा अपने बच्चों की तरह पाली धान को खरीदने से इनकार कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि मोदी सरकार बदला लेने की भावना से किसानों को परेशान कर रही है।”

मान ने कहा कि  सोना के समान मिट्टी तथा चांदी के समान पानी की कीमत पर पंजाब 90 फीसदी चावल राज्य से बाहर भेजता है  ताकि देश के लोगों को भोजन मिल सके। उन्होंने कहा कि पंजाब में 1 किलो चावल पैदा करने के लिए 3800 लीटर पानी की खपत होती है, जिस कारण पंजाब में पानी खत्म हो गया है और जमीन और जलवायु प्रदूषित हो गई है।

मान ने कहा कि फसल की बिक्री के समय जमीन की फर्द लाने के आदेश से किसानों और प्रवासी किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तानाशाह तरीके से सरकार चला रहे हैं और किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।

भगवंत मान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मांग की है कि मोदी सरकार के तानाशाह फरमानों के खिलाफ तुरंत पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। उन्होंने कहा‘‘ चन्नी सरकार से अनुरोध है कि कुर्सी या अध्यक्ष पद बचाने के लड़ाई बाद में लड़ें और दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने की बजाय धान की फसल की तत्काल खरीद की व्यवस्था करें।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार की खरीद एजेंसियां धान की खरीद क्यों नहीं कर रही हैं? पंजाब की एजेंसियां मंडियां छोड़कर क्यों भाग गई हैं? स्पष्ट है कि कुर्सी की लड़ाई में पंजाब सरकार खरीद की व्यवस्था  करना ही भूल गई है। मान ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार में धड़ल्ले से बिहार,उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से धान आयात किया जा रहा है और पंजाब में बेचा जा रहा है, जिससे पंजाब को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि पंजाब की कुल उपज से अधिक धान मंडियों में बेचा जा रहा है ।

कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘अली बाबा को हटा दिया, लेकिन बाकी चोर तो वही हैं।  महादागी मंत्री राणा गुरजीत सिंह, भारत भूषण आशू सभी सरकार में हैं।’’ उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस सरकार घर-घर नौकरी देने और किसानों के कर्ज माफी की बात क्यों नहीं कर रही है?
भगवंत मान ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार से मांग की कि धान की खरीद फौरन शुरू की जाए नहीं तो आम आदमी पार्टी सड़कों से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी।

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