चंडीगढ़, 12 दिसंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस द्वारा 2017 में किए गए किसानी कर्ज माफी के वादे की याद दिलाते हुए पूछा कि वे किसानों के कर्जे की समस्या का हल करेंगे या नहीं? रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों और मज़दूरों का पूरा कर्ज माफ करने के अपने वादे से भाग रही है लेकिन मुख्यमंत्री समेत पूरी कांग्रेस सरकार को जवाब देना होगा कि कांग्रेस ने अन्नदाता को धोखा देने से पहले क्या एक बार भी नहीं सोचा?
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हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 2017 में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में न केवल किसानों और मजदूरों के पूर्ण ऋण माफी का वादा किया था, बल्कि किसानों से इसके लिए फॉर्म भी भरवाए थे। लेकिन 4 साल 10 महीने बाद भी कर्ज माफ नहीं किया गया है। चीमा ने कहा कि पंजाब के किसानों पर संगठित और असंगठित क्षेत्र का किसानों और मजदूरों का 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। चन्नी सरकार यह स्पष्ट करे कि अभी तक कितने किसानों का कर्जा माफ़ किया गया है ? क्या चन्नी सरकार गांव के आधार पर कुल कर्जमाफी पर श्वेत पत्र जारी करने की हिम्मत रखती है?
चीमा ने कहा कि चन्नी सरकार द्वारा झूठा प्रचार कर किसानों के कर्ज माफ़ी के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। इस तरह का झूठा प्रचार किसानों के साथ दोहरा धोखा है। चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी को चुनौती दी कि यदि उनकी कांग्रेस सरकार ने किसानों और खेती मजदूरों का कर्ज माफ किया है तो वे सहकारी बैंकों, सोसाइटियों, भूमि गिरवी रखने वाले बैंकों और सरकारी बैंकों के माफ किए गए ऋणों की सूची जारी करें और 2022 के चुनाव में कर्ज माफी के मुद्दे पर लड़ने के लिए साहस दिखाएं।
चीमा ने कहा कि दिल्ली में 2015 के चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल द्वारा जो वादे किये गए थे, 2020 के चुनाव में दिल्ली की जनता से वोट मांगते हुए कहा था की यदि किए गए वादे पूरे हुए तो ही आप को वोट दें नहीं तो न दें। देश के इतिहास में पहली बार काम के आधार पर वोट मांगे गए और रिकॉर्ड जीत हासिल की। क्योंकि केजरीवाल मॉडल कांग्रेसियों की तरह खोखले और झूठे वादों में विश्वास करने वाला मॉडल नहीं है । इसी आधार पर आज आम आदमी पार्टी पंजाब में 2022 के चुनाव में सिर्फ एक मौका मांग रही है।