मुख्य सचिव द्वारा पंजाब के सर्वपक्षीय विकास के लिए राज्य के सड़कीय प्रोजेक्टों में तेजी लाने के लिए समन्वय समिति गठित करने के निर्देश

नेशनल हाईवे अथॅािरटी के चेयरमैन के साथ मीटिंग के दौरान राज्य में एन.एच.ए.आई. प्रोजेक्टों का जायजा
चंडीगढ़, 9 जूनः
राज्य में बेहतरीन सड़कीय संपर्क और सर्वपक्षीय आर्थिक विकास यकीनी बनाने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव श्री करण अवतार सिंह ने आज नेशनल हाईवे अथाॅरिटी आॅफ इंडिया (एन.एच.ए.आई) के चेयरमैन डाॅ. सुखबीर सिंह संधू के साथ राज्य में सड़क प्रोजेक्टों के कार्य में तेजी लाने के लिए विचार-विमर्श किया।
मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभिन्न विभागों के सीनियर अधिकारियों की समन्वय समिति गठित करने के निर्देश दिए, जो एन.एच.ए.आई. के प्रोजेक्टों से सम्बन्धित मसलों के शीघ्र हल और इन प्रोजेक्टों में तेजी लाने के लिए हर दो हफ्तों बाद मीटिंग करेगी।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रैसवे की अमृतसर के साथ अलाईनमैंट बारे चर्चा करते हुए उन्होंने दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रैसवे प्रोजैक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने सम्बन्धी मसलों बारे जानकारी हासिल की। इस दौरान मुख्य सचिव को बताया गया कि इस प्रोजैक्ट का काम अक्तूबर-नवंबर तक आवंटित करने के लिए कड़े प्रयास किये जा रहे हैं और राज्य सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण सहित निर्माण से पहले की गतिविधियों में तेजी लाने के लिए हर आवश्यक मदद की जा रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-कटरा ऐक्सप्रैसवे और अमृतसर-जामनगर ऐक्सप्रैसवे के साथ पंजाब के मुख्य शहर लुधियाना, जालंधर, पटियाला और अमृतसर जुड़ेंगे, जिससे राज्य के प्रमुख औद्योगिक और आर्थिक केन्द्रों की देश के विभिन्न बंदरगाहों और अहम शहरों के साथ संपर्क बढ़ेगा। अधिकारियों ने आगे बताया कि एन.एच.ए.आई. द्वारा मौजूदा चार-मार्गीय राष्ट्रीय राजमार्गों को इन शहरों को आपस में जोड़ने के लिए सिगनल मुक्त बनाने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
मीटिंग के दौरान राज्य में 12 नये प्रोजेक्टों की अलाईनमैंट, जिनमें जीरकपुर को भीड़-भाड़ से मुक्त करना भी शामिल है, बारे भी विचार-विमर्श किया गया। एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों ने राज्य सरकार को जमीन अधिग्रहण, पर्यावरण, वन विभाग की मंजूरी और निर्माण से पहले की अन्य गतिविधियों के अलावा केंद्रीय सड़कीय यातायात और राजमार्ग मंत्रालय से प्रोजेक्टों को जल्द मंजूरी के लिए अनुरोध किया। इस दौरान 12 नये प्रोजेक्टों मोगा-बाजाखाना, बठिंडा-मंडी डब्बवाली, अमृतसर-ऊना, अमृतसर-रमदास, मलोट-अबोहर-साधूवाली, खरड़-बनूड़-तेपला, अमृतसर बाईपास, बठिंडा बाईपास, जीरकपुर बाईपास-अम्बाला-पंचकुला, छत जंकशन से सिंघपुरा चैक तक एलीवेटिड रोड, फगवाड़ा-होशियारपुर और मलोट-डब्बवाली बारे चर्चा की गई।
एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों को निर्माण से पहले की गतिविधियों सम्बन्धी समस्याओं का पहल के आधार पर हल निकालने का भरोसा देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में लम्बे समय से लटके हुए प्रोजेक्टों को जल्द मुकम्मल करने के काम में तेजी लाई जाये। मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) श्रीमती रवनीत कौर, चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरैक्टर (पी.एस.पी.सी.एल.) श्री ए. वेनू प्रसाद, प्रमुख सचिव (भवन एवं शहरी विकास) श्री सरवजीत सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव (पी.डब्ल्यू.डी.) (बी एंड आर) श्री विकास प्रताप, चीफ इंजीनियर (एन.एच.) पंजाब श्री टी एस चाहल, सी.जी.एम. (तकनीकी) एन.एच.ए.आई. श्री मनीष रस्तोगी, क्षेत्रीय अधिकारी (एन.एच.ए.आई.) चंडीगढ़ श्री आर.पी. सिंह, जी.एम. (तकनीकी) भारतमाला एन.एच.ए.आई. श्री रोहन गुप्ता और पी.डी. (एन.एच.ए.आई.) लुधियाना ऐक्सप्रैसवे श्री अनिल कुमार शर्मा शामिल थे।
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