नितिन गडकरी द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि 104 किलोमीटर में 3263 किलोमीटर की लागत वाली तीन परियोजनाओं को समाप्त करने और 293 किलोमीटर में 14,288 करोड़ रूपये की लागत वाली आठ अन्य प्रोजेक्टों को संभावित रदद करने के बाद एक्सप्रेसवे परियोजना को दोबारा प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए
चंडीगढ़/10अगस्त 2024
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज इस बात पर हैरानी व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण में जानबूझकर उपेक्षा करके तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने से इंकार करके पंजाब के विकास से समझौता किया है तथा इससे भावी पीढ़ी को खतरे में डाला है, जिसके कारण 3,263 करोड़ रूपये की लागत वाली 104 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली एनएचएआई की तीन परियोजनाओं को समाप्त कर दिया गया, जबकि 293 किलोमीटर लंबी और 14,288 करोड़ रूपये की लागत वाली आठ अन्य परियोजनाओं पर रदद होने का खतरा मंडरा रहा है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किस तरह मुख्यमंत्री द्वारा शासन और कानून व्यवस्था की स्थिति को इस हद तक बिगड़ने दिया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की परियोजना को फिर से प्राप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए कहने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
सरदार बादल ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि एनएचएआई परियोजनाओं के बारे में नितिन गडकरी के साथ मीटिंग में केंद्र को आम आदमी पार्टी द्वारा दी गई गारंटी की कोई मान्यता नही थी। गडकरी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले महीने 15 जुलाई को हुई मीटिंग में राज्य के लोक निर्माण मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद पंजाब सरकार जमीन अधिग्रहण और कानून व्यवस्था से जुड़े लंबित मुददों का समाधान करने में नाकाम रही है। उन्होने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एनएचएआई अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए भी सरकार की निंदा की है और बताया कि हाल ही में जालंधर में एक रियायती कंपनी के इंजीनियर पर बर्बरता से हमला किया गया ।
मुख्यमंत्री से एक्सप्रेसवे परियोजना को पुनः प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की मांग करते हुए सरदार बादल ने कहा कि किसानों को उनकी मांग और पिछले इतिहास के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि जमीन अधिग्रहण में समस्या इसीलिए आई क्योंकि मुख्यमंत्री ने किसानों को मुआवजा की घोषणा और पुरस्कार वितरण में अत्यधिक देरी के अलावा उनकी जमीन के लिए उचित मूल्य की मांग कर रहे आंदोलनकारी किसानों से मिलने से इंकार कर दिया था।
अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से किसान विरोधी रूख नही अपनाने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल से सीख लेनी चाहिए, जिन्होेन दक्षिणी बाईपास के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए किसानों को 1.93 करोड़ रूपये प्र्रति एकड़ का मुआवजा दिया था। उन्होने कहा कि अब सात साल से अधिक समय के बाद आप सरकार उत्तरी बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों को केवल 30 लाख रूपये प्रति एकड़ दर के हिसाब से दे रही है। उन्होने कहा,‘‘ राज्य के अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति है , जहां आप सरकार किसानों को मूंगफली की पेशकश कर रही है, जिससे राजमार्ग परियोजना खतरे में पड़ गई है, जो राज्य के विकास से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।’’ उन्होने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पूर्व अकाली सरकार ने राजमार्ग विकास को नंबर एक प्राथमिकता बनाया था और 30 हजार करोड़ रूपये की परियोजना को सफलतापूर्वक विकसित किया था। उन्होने मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा,‘‘ आपको इसे नकारने के बजाय इस विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से दुष्प्रचार, विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक बदलाखोरी के कार्यक्रमों में समय बर्बाद करना बंद करे और अपने बाॅस अरविंद केजरीवाल के इशारों पर नाचने में समय बर्बाद करना बंद करके अपना समय राज्य की सेवा में लगाने की सलाह दी। उन्होने मुख्यमंत्री से कहा,‘‘ आपको अपने संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी नही करनी चाहिए और पंजाब के विकास के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पूरी लगन से पालन करना चाहिए।’’