चंडीगढ़ 07 जून,2021- वर्तमान समय के दौरान आपस में जुड़ने की भावना को जीवित रखते हुए, मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वुमन ने सकारात्मक भाव से अपनी वार्षिक पूर्व छात्र बैठक का आयोजन किया। एसोसिएशन ऑफ एमसीएम डीएवी एलुमनी (एएमडीए) ‘टू केयर, टू शेयर’ के आदर्श वाक्य को शामिल करते हुए, रोंदेव्यू एंड रिमिनिसेंस 2021 में यूके, कनाडा और देश भर के पूर्व छात्रों की भारी भागीदारी देखी गई। एमसीएम एलुमना प्रो. निष्ठा जसवाल, कुलपति, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल मीट में शामिल हुईं। श्री एचआर गांधार, उपाध्यक्ष, डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति (डीएवी सीएमसी), श्रीमती सुदेश गंधार, वरिष्ठ सदस्य, डीएवी सीएमसी और एमसीएम एलुमना डॉ भारती उप्पल, एसोसिएट मेडिकल सुपरिटेंडेंट और प्रोफेसर (बायोकेमिस्ट्री), क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, लुधियाना, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने पूर्व छात्रों का भावपूर्ण स्वागत करते हुए बैठक का उद्घाटन किया।अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने इस प्रयास की सराहना की। डॉ भार्गव ने जोर देकर कहा कि यह न केवल याद दिलाने, और फिर से जुड़ने का अवसर है, बल्कि विचारों पर विचार-विमर्श करने का भी मंच है कि पूर्व छात्र कैसे अपने मातृ संस्थान को योगदान दे सकते हैं । एमसीएम के ब्रांड एंबेसडर के रूप में पूर्व छात्रों को उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए, डॉ भार्गव ने सकारात्मक बदलाव के अग्रदूत के रूप में समाज में उनकी भूमिका पर जोर दिया। और अपने काव्यात्मक स्पर्श जोड़ते हुए, डॉ भार्गव ने “आज हम लौट के फिर आए हैं” शीर्षक से अपनी कविता का पाठ किया। इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए, प्रो निष्ठा जसवाल ने एमसीएम में अपने दिनों को प्यार से याद किया और कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं, वह अपने मातृ संस्थान के योगदान के कारण है। उन्होंने साझा किया कि दैनिक चुनौतियों से निपटने के दौरान शांत रहना एमसीएम में उनकी सबसे बड़ी सीख रही है और कहा कि कॉलेज में पढ़ाए गए मूल्य कठिन समय में उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे।
प्रो. जसवाल ने स्वरचित कविता के माध्यम से उनके जीवन में मातृ संस्था की भूमिका और जीवन की अनिश्चितताओं में उसकी प्रेरणा को दर्शाया। श्री एच. आर. गांधार ने पूर्व छात्रों से नए विचारों को साझा करके और आपसी हित की गतिविधियों में संलग्न होकर अपने मातृ संस्थान को वापस देने का आग्रह किया जो सभी छात्रों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने पूर्व छात्रों को नए क्षितिज का विस्तार और अन्वेषण जारी रखने के लिए प्रेरित किया। डॉ. भारती उप्पल ने अपनी सफलता के लिए कॉलेज को श्रेय दिया और कहा कि बाहरी रूप से एक संस्थान कंक्रीट से बना प्रतीत होता है लेकिन वास्तव में, यह सभी हितधारकों के दिल, आत्मा और प्रयासों से बना है।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के पूर्व छात्रों को वस्तुत: सम्मानित किया गया। बैठक का एक अन्य आकर्षण अगस्त्य और लियाकत- ई-भंडार का उद्घाटन रहा जहां पूर्व छात्रों की यादों और असाधारण प्रतिभा को ऑनलाइन प्रदर्शित किया गया । उत्साही पूर्व छात्रों ने अपने सकारात्मक भावों के माध्यम से संस्थान के प्रति ऋण भावना व्यक्त की ।
बैठक का वीडियो कॉलेज के यूट्यूब चैनल https://youtu.be/LYlXdpP7ygc पर देखा जा सकता है।