-आप ने देयोल को हटाने के लिए कांग्रेस सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया
-देयोल की नियुक्ति पर मुख्यमंत्री चन्नी को लिया आड़े हाथ
चंडीगढ़, 28 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के नवनियुक्त एडवोकेट जनरल (एजी) अमर प्रीत सिंह देयोल की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने निराशा प्रकट करते हुए कहा कि नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से ऐसी उम्मीद कतई नहीं थी कि वह पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैणी और बादल परिवार को बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी दो कदम आगे निकल जाएंगे।
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चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से अपनी गलती को तुरंत सुधारने की अपील करते कहा कि उन्हें एपीएस देओल को ‘एजी’ के पद से तुरंत हटाना चाहिए। चीमा ने यह भी चेताया कि यदि चन्नी सरकार ने 10 दिन के भीतर एपीएस देयोल को पद से नहीं हटाया तो आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष की शुरूआत करेगी, क्योंकि यह गुरु के दोषियों को बचाने की साजिश है।
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में विधायक कुलतार सिंह संधवां, और अमरजीत सिंह संदोआ, प्रदेश महासचिव हरचंद सिंह बरसट, प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग और मनविंदर सिंह ग्यासपुरा के साथ पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने बहिबल कलां में पूर्व डीजीपी और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़े कोटकपुरा गोलीकांड मामले में एपीएस देयोल द्वारा बतौर वरिष्ठ वकील सुमेध सैणी के बचाव में की पैरवी के दस्तावेज दिखाए। चीमा ने कहा कि एपीएस देयोल न केवल सुमेध सिंह सैणी, बल्कि अन्य आरोपियों के मामलों की पैरवी भी कर रहे थे। ऐसे में एपीएस देयोल के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा लड़े जा रहे संवेदनशील मामलों से क्या उम्मीद की जा सकती है?
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पहले साढ़े चार साल कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा नियुक्त एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने बादल बादल परिवार और सुमेध सैणी के साथ मिलकर बहिबल कलां और बरगाड़ी मामलों में इंसाफ नहीं दिलाया। लेकिन अब चन्नी ने सभी हदें लांघ कर सुमेध सैणी के वकील को ही एडवोकेट जनरल बना दिया है।
चीमा ने कहा, ‘‘यह एक सोची-समझी साजिश का नतीजा है’’। ऐसा लगता है जैसे बादल और सैणी ने पूरी सरकारी मशीनरी अपने कब्जे में ली हुई हो। क्योंकि चन्नी भी कैप्टन की राह पर चल पड़े हैं। चीमा ने कहा कि बरगाड़ी और बहिबल कलां के लिए न्याय की आस जगी थी लेकिन चन्नी सरकार द्वारा एपीएस देयोल को एजी नियुक्त किए जाने से इसपर दोबारा पानी फिर गया है।
चीमा ने कहा कि जस्टिस रंजीत सिंह और जस्टिस जोरा सिंह द्वारा जिन लोगों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहिबल कलां-कोटकपुरा गोलीकांड का आरोपी बनाया गया, उन्हीं आरोपियों के वकील को एडवोकेट जनरल लगाने के बारे में सरकार सोच भी कैसे सकती है? कानूनी नैतिकता भी इस बात की मंजूरी नहीं देती कि जो वकील आरोपियों की तरफ से केस लड़ रहा बाद में वही आरोपी के खिलाफ सरकार की ओर से पैरवी करे। उन्होंने आरोप लगाया कि देयोल की नियुक्ति आरोपियों को बचाने की साजिश है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी विधायक इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखेंगे।