-कहा, व्यापारी/कारोबारी वर्ग को सबसे अधिक लूटती रहीं हैं पंजाब और केंद्र की सरकारें
-अब केंद्र व राज्य सरकारों के विरुद्ध व्यापारी/कारोबारी भी सड़कों पर उतरने को हुआ मजबूर: आप
चंडीगढ़, 8 अक्तूबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब ने कहा कि पंजाब में अब व्यापारी, कारोबारी और उद्योगपति भी सड़कों पर राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ आकर रोष प्रकट करने को मजबूर है। क्योंकि एक ओर भ्रष्टाचार, माफिया राज और जर्जर कानून व्यवस्था ने पंजाब में कारोबार के लिए जरूरी खुशगवार माहौल नहीं रहने दिया है, वहीं केंद्र की भाजपा सरकार की व्यापारी, कारोबारी विरोधी नीति और नीयत ने इस वर्ग को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
`आप’ के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा, “सत्ता पर काबिज रही सरकारों ने पंजाब के व्यापारी, कारोबारी और उद्योगपति को न केवल अनदेखा किया, बल्कि भ्रष्ट सरकारी तंत्र और माफिया के हाथों सबसे अधिक लूट भी उन्हीं से की गई।”
और पढ़ो :-ज़िला प्रशासन किसानों एवं मज़दूरों की जायज माँगों के हल के लिए वचनबद्ध: अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब के उद्योग जगत को सबसे पहला बड़ा नुकसान वर्ष 1980 में आतंक के दौर के कारण हुआ। फिर पंजाब की इंडस्ट्री को दूसरा बड़ा धक्का केंद्र में अकाली दल-भाजपा की वाजपेयी सरकार ने दिया, जबकि उस समय पंजाब की सत्ता पर अकाली-भाजपा सरकार काबिज थी। पंजाब के पड़ोसी राज्यों के लिए टैक्स छूट पर विशेष इंडस्ट्रियल पैकेज दिया गया, जबकि इसका पंजाब की इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा। व्यापारियों को पंजाब के पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में व्यापारिक दृष्टिकोण से न केवल अतिरिक्त सुविधाएं मिली, बल्कि अनुकुल माहौल समेत अन्य कई प्रकार की राहत भी मिली। इस कारण पंजाब के व्यापारियों, उद्योगपतियों व कारोबारियों के लिए अपने पड़ोसियों के सामने कारोबारी मुकाबले में टिके रहना कठिन हो गया और वे भी अपना कारोबार पड़ोसी राज्यों में ले जाने को मजबूर हो गए।
अमन अरोड़ा ने कहा, वाजपेयी सरकार में पंजाब के पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में इस फैसले के आने और लागू होने के समय शिरोमणि अकाली दल के वर्तमान अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ही उद्योग मंत्री थे। पंजाब का इंडस्ट्री जगत उसके बाद से ही पटरी पर नहीं लौट सका है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सबसे महंगी बिजली देने वाले राज्यों में शामिल है। क्योंकि बिजली पर राज्य सरकार द्वारा वसूला जाने वाला बीस प्रतिशत टैक्स चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल व दिल्ली समेत अन्य जगहों से कहीं अधिक है। इसका सीधा असर पंजाब के इंडस्ट्रियल सेक्टर पर पड़ा है और कारोबारी, व्यापारी व उद्योगपति पंजाब छोड़कर अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
अमन अरोड़ा ने कहा, अकाली-भजपा और कांग्रेस सरकारों के शासन में पंजाब में माफिया और भ्रष्ट इंस्पेक्टरी राज काबिज हुआ और दिनोंदिन फलता-फूलता गया। माफिया राज ने पंजाब की कानून व्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई और यहां गैंगस्टरों की संख्या बढ़ने से अपराध चरम सीमा पर जा पहुंचा। अशांति बढ़ने से व्यापारिक दृष्टि से अनुकुल माहौल नहीं बन सका है। वर्तमान में पंजाब उद्योग जगत वेंटीलेटर पर है लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस ने इस इंडस्ट्री के जीर्णोद्धार के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाए।