सर्वाइकल एवं ब्रेस्ट कैंसर के शुरूआती लक्ष्णों को पहचानना मुश्किल, नियमित जांच ही बचाव
फोर्टिस मोहाली में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में नई क्रांति
अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग से कैंसर रोगियों में जागी उम्मीद की नई किरण
अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग से कैंसर रोगियों में जागी उम्मीद की नई किरण
पटियाला, 10 फरवरी :- महिलाएं यदि अपनी नियमित जांच करवाती रहें, तो वह गंभीर से गंभीर स्त्री रोग से अपना बचाव कर सकती हैं, परंतु अक्सर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर, अनियमित मासिक धर्म-प्रसव, बच्चेदानी एवं सर्वाइकल कैंसर के शुरूआती लक्ष्णों को अनदेखा कर गंभीर बीमारी की ग्रस्त में आ जाती हैं। यह बात आज पटियाला में आयोजित प्रैसवार्ता में जानी मानी गाइनी कैंसर माहिर डा. श्वेता तहलन एवं एंडोक्राइन, ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी के विशेषज्ञ डॉ नवल बंसल ने कही, जो कि कैंसर अवेयरनैस माह के तहत महिलाओं को कैंसर रोग से बचाव संबंधी जागरूक करने के लिए शहर में पहुंचे थे।
फोर्टिस अस्पताल में गाइनी ऑन्को-सर्जरी कंस्लटेंट डॉ श्वेता तहलन ने कहा कि महिलाएं ज्यादातर अपने अंदरूनी शरीर से संबंधित बीमारियों के शुरूआती लक्ष्णों को पहचानने में देरी एवं उसे बताने में हिचकिचातीं हैं तथा यही लापरवाही उनको गंभीर कैंसर के रूप में घेर लेती हैं। उन्होंने 25 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के लिए नियमित जांच पर जोर देते हुए कहा कि मरीजों में आमतौर पर प्री-कैंसर स्टेज में कोई लक्षण नहीं होते हैं। केवल स्क्रीनिंग से ही इसका पता लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके द्वारा 45 वर्षीय ऐसी महिला को पूरी तरह ठीक कर दिया, जो योनि स्राव और संभोग के बाद रक्तस्राव से बुरी तरह परेशान थी। जांच में पता चला कि वह महिला इनवेसिव स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (कैंसर स्टेज 1) से पीडि़त थी। चूंकि कैंसर का पता शुरुआती चरण में ही हो गया था, इसलिए डॉ तहलन ने आसपास के ऊतक और पेलविक लिम्फ नोड्स के साथ-साथ गर्भाशय को पूरी तरह से आप्रेशन से हटा दिया तथा सर्जरी के बाद वह पूरी तरह से ठीक है।
डॉ तहलन ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरण में कोई लक्षण स्पष्ट नजर नहीं आते। वैसे इसके लक्षणों में संभोग के बाद या पीरियड के आगे-पीछे रक्तस्राव, अनियमित मासिक धर्म तथा मीनोपाज के बाद भी ब्लीडिंग शामिल हैं। इसके साथ-साथ लगातार दुर्गंधयुक्त योनिस्राव और पेल्विक दर्द से भी मरीज पीडि़त हो सकती है। शुरूआती सर्वाइकल कैंसर का इलाज केवल सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है, और रोगी कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से बच सकती है। गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोकने के लिए एचपीवी टीकाकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ तहलन ने कहा, लड़कियों के टीकाकरण के लिए आदर्श आयु 9-14 वर्ष है, हालांकि कैच-अप टीकाकरण 26 वर्ष की आयु तक किया जा सकता है। बचपन या किशोरावस्था में किया गया टीकाकरण जीवन के बाद के वर्षों में सर्वाइकल कैंसर को रोकने में मदद करता है।
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के एंडोक्राइन और ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी के विशेषज्ञ डॉ नवल बंसल ने हाल ही में 38 वर्षीय महिला का इलाज किया, जिसके बाएं स्तन में कार्सिनोमा था। वह डॉ. बंसल के मार्ग दर्शन में प्रारंभिक जांच में महिला को शुरुआती चरण के स्तन कैंसर का पता चला। मरीज की उम्र को ध्यान में रखते हुए, डॉ. बंसल के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने एक्सिलरी नोड्स (सेंटिनल लिम्फ लोड बायोप्सी) के लिए प्रोब-गाइडेड सर्जरी के साथ ब्रेस्ट-स्पेयरिंग आप्रेशन किया।
डा. बंसल ने कहा कि सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी ने स्तन कैंसर सर्जरी के उपचार में बड़ा परिवर्तन ला दिया है। उनके अनुसार यह चिकित्सा प्रक्रिया शुरुआती चरण के स्तन कैंसर वाली महिलाओं के लिए मानी जाती है और यह कम इनवेसिव उपचार पद्धति है। एक रेडियोआइसोटोप और डाई इंजेक्ट करके और फिर उन्नत गामा जांच से सेंटीनल नोड (गांठ) की तलाश की जाती है। इस लिम्फ नोड का पता चलने के बाद इसे कैंसर कोशिकाओं के बारे मालूम करने के लिए परीक्षण को भेजा जाता है। यह प्रक्रिया खामखाह लिम्फ नोड्स को हटाने और बाहों की सूजन को रोकने में मदद करती है।
ब्रेस्ट कंजर्विंग सर्जरी के दौरान निकाले गए टिश्यू के नमूनों को फोर्टिस मोहाली के इन-हाउस फ्रोजन सेक्शन में भेजा गया। बाद की चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट में स्तन ट्यूमर और ट्यूमर मुक्त सेंटीमल नोड्स को पूरी तरह से हटने का पता चला। सर्जरी के अगले दिन बिना किसी ड्रेन पाइप के मरीज को छुट्टी दे दी गई।
फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में महिलाओं के लिए कैंसर अवेयरनेस माह के मौके पर एक विशेष स्क्रीनिंग पैकेज जिसमें मैमोग्राफी, पैप स्मीयर और स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श उपलब्ध करवाया जा रहा है।