चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में भाजपा ने की लोकतंत्र की हत्या : जरनैल सिंह

JARNAIL SINGH
Daylight murder of democracy by BJP in Chandigarh mayoral elections: Jarnail Singh
कहा, ‘आप’ के एक वोट को जबरदस्ती अमान्य कर और अपनी पार्टी का मेयर बनवाकर भाजपा ने जनता के ‘फ़तवे’ का किया अपमान
भाजपा और कांग्रेस में हुआ गुप्त-समझौता, भाजपा का मेयर बनाने के लिए कांग्रेसी पार्षद जानबूझकर वोटिंग से रहे दूर : राघव चड्ढा
आप नेता ने पंजाब के लोगों को भी विधान सभा चुनावों में भाजपा,कांग्रेस और अकालियों के ‘गुप्त समझौते’ से सावधान रहने की अपील की

चंडीगढ़, 8 जनवरी 2022 

आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब और चडीगढ़ मामलों के प्रभारी जरनैल सिंह ने भाजपा पर चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम के चुनावों में शहर वासियों ने आम आदमी पार्टी को सबसे ज़्यादा 14 सीटें जीताई थी। महापौर के चुनाव में ‘आप’ की जीत तय थी, लेकिन भाजपा ने जनता के ‘फ़तवे’ का अपमान कर आम आदमी पार्टी का एक वोट जानबूझकर रद्द करवाया और धक्केशाही से अपना महापौर घोषित किया।

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आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जरनैल सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ के महापौर के लिए हुए चुनावों से साफ ज़ाहिर हो गया कि भाजपा और कांग्रेस में ‘आप’ को महापौर चुनावों में हराने के लिए अंदरुनी समझौता हुआ था। चुनावों में केवल 12 सीटों पर जीतने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पार्टी से एक पार्षद शामिल करवाया। संसद मेंबर के एक वोट को मिलाकर किसी तरह भाजपा का वोट आंकड़ा 14 पर पहुंचा और उसने ‘आप’ की 14 वोटों की बराबरी की। लेकिन भाजपा ने सारे नियम और कानून की शरेआम धज्जियें उड़ाते हुए अपने उम्मीदवार को जबरदस्ती महापौर बनवा दिया।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने महापौर के चुनाव में लोकतंत्र की मर्यादा को धूमिल कर बेहद शर्मनाक कार्य किया है। उन्होंने चंडीगढ़ की अफ़सरशाहों पर भी भाजपा का मदद करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि महापौर के चुनाव की निष्पक्षता को बरकरार रखने के लिए फिर से वोटों की गिनती करवाई जाए और महापौर का दोबारा चुनाव करवाए जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आम आदमी पार्टी कानूनी कार्रवाई करेगी।

इस मौके पर ‘आप’ के पंजाब मामलों के सह-प्रभारी और दिल्ली से पार्टी विधायक राघव चढ्ढा ने कहा कि आज यह साफ हो गया है कि भाजपा और कांग्रेस के ‘गुप्त-गठबंधन’ के आधार पर भाजपा ने महापौर का चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों ने महापौर की दौड़ से ‘आप’ को बाहर रखने के लिए गुप्त समझौता पिया और जानबूझकर आप पार्षद का एक वोट रद्द कर भाजपा ने अपना मेयर बनाया। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस को ‘आप’ का महापौर बनना कतई बर्दाश्त नहीं था। इसीलिए ‘गुप्त समझौते’ के तहत कांग्रेस को महापौर चुनावों में शामिल नहीं होने दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ के पार्षदों को इस पर आपत्ति जताने के लिए बोलने तक नहीं दिया गया। उन्होंने इस बात पर हैरानी ज़ाहिर की कि जिस व्यक्ति को महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया गया था, वह भाजपा का ही पार्षद था। इसके साथ ही महापौर चुनाव की देखरेख कर रहे चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर भी भाजपा का महापौर बनाने में पूरी मेहनत कर रहे थे और भाजपा की मदद कर रहे थे।

आप नेताओं ने शंका जाहिर की कि पंजाब में भी ‘आप’ को सरकार बनाने से रोकने के लिए ये सियासी पार्टियां ऐसा ही ‘गुप्त समझौता’ कर सकती है। उन्होंने पंजाब के लोगों को सावधान करते हुए कहा कि पंजाब में भी भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल इसी तरह से ‘गुप्त-समझौते’ के तहत ‘आप’ को सरकार बनाने से रोकने के लिए नाकाम कोशिश कर सकती है। उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे सोच समझ कर वोट डालें, क्योंकि कांग्रेस को दिया गया वोट भाजपा के खाते में जायेगा और उससे भाजपा को ही लाभ होगा। ‘आप’ भृष्टाचार और धक्केशाही के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि वे चंडीगढ़ महापौर मामले में अदालत का दरवाजा खड़कायेंगे और कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर ‘आप’ के दिल्ली से विधायक विनय मिश्रा भी हाज़िर थे।