गंभीर बीमारियों के इलाज में देरी जानलेवा साबित होती है: डा. मनिन्द्रजीत भट्ठल

गंभीर बीमारियों से बचाव संबंधी विशेष सेमीनार आयोजित
देश को अधिक आईसीयू सेंटर की जरूरत: डा. रोहिनी मल्होत्रा
गंभीर रोगों से पीडि़त मरीजों के लिए अनेकों सुविधाएं दे रहा है ग्रेशियन अस्पताल: डा. मनिन्द्रजीत
मोहाली, 29 दिसंबर ( ): गंभीर बीमारियों से बचाव संबंधी लोगों को जागरूक करने के ग्रेशियन अस्पताल मोहाली द्वारा एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इसी मुहिम के चलते अस्पताल में आयोजित एक सेमीनार को संबोधित करते हुए क्रिटिकल यूनिट के सीनियर कंस्लटेंट डा. मनिन्द्रजीत भट्ठल व एमरजैंसी विभाग की प्रमुख डा. रोहिनी मल्होत्रा ने कहा कि गंभीर बीमारियों की हालत में लापरवाही मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है तथा समय पर देखरेख करके मरीज को बचाया जा सकता है।
इस मौके अपने संबोधन में डा. मनिन्द्रजीत भट्ठल ने कहा कि भारत में 5 मिलियन मरीज ऐसे हैं, जिनको आईसीयू की जरूरत है, जबकि देश में सिर्फ 70 हजार आईसीयू बैड मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े स्तर पर सुधार की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कैंसर, वृद्धावस्थ में बीमारियों से ग्रस्त मरीज या सडक़ हादसे या अन्य चोट से ग्रस्त गंभीर मरीजों को पेशेवर चिकित्सकीय सुरक्षा घर जैसे आराम में मुहैया करवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों की जल्द रिकवरी व सेहतमंदी तभी संभव है यदि उक्त मरीज को ऐसे अस्पताल में पहुंचाया जा सकें, जहां माहिर डाक्टरों की टीम व नवीनतम मेडीकल टेक्नोलॉजी उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि गंभीर मरीजों की शारीरिक देखभाल के साथ-साथ सामाजिक, भावनात्मक व आध्यात्मिक पहलूओं का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाना चाहिए।
इस अवसर पर डा. रोहिनी मल्होत्रा ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान अचानक आईसीयू और अन्य आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करना अस्पतालों के लिए एक चुनौती भरा था। उन्होंने कहा कि यदि गंभीर मरीजों में से वेंटीलेटर की आवश्यकता वाले रोगियों व उनके रोग की जल्द पहचान हो जाए तो मरीज की रिकवरी जल्द संभव हो सकती है। उन्होंने बताया कि इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के डाटा अनुसार देश में 50 हजार गंभीर रोग माहिर डाक्टरों की जरूरत है, जबकि यहां इस समय सिर्फ 8350 ही मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि आम अस्पतालों के पास ज्यादा से ज्यादा 10 से 20 बैड वाले आईसीयू सेंटर होते हैं, जबकि ग्रेशियन अस्पताल के पास इसके लिए एक अलग विंग है। उन्होंने कहा कि देश को और ज्यादा आईसीयू सुविधाएं वाले अस्पतालों की जरूरत है। डा. भ_ल ने बताया कि ग्रेशियन अस्पताल के पास करीब 100 बैड का आईसीयू यूनिट है तथा तजुर्बेकार डाक्टर तथा नर्से उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि आईसीयू में काम करता तकनीकी स्टाफ व अन्य कर्मचारी भी मरीजों की देखरेख संबंधी कार्यों में पूरी मुहारत रखते हैं। अस्पताल में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे फार्मेसी काम करती है।

मंत्रीमंडल द्वारा पंजाब कोआपेरटिव ऑडिट (ग्रुप-बी) सर्विस रूल्ज, 2016 में संशोधन को मंजूरी

Spread the love