कहा, स्वास्थ्य संस्थाओं में बड़े स्तर पर आक्सीजन के भंडार के लिए ऐसे आडिट समय की जरूरत
निर्देशों की पालना न करने पर यदि आग लगने की घटना घटती है तो अस्पताल की होगी जिंमेवारी
जालंधर 10 नवंबर 2021
डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी ने ज़िला जालंधर में स्थित सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं को अपने अपने अदारों में यदि कोई आग लगने की घटना घटती है तो मरीज़ों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए फायर सेफ्टी आडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
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इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि कोविड -19 के मद्देनज़र अस्पतालों में बड़े स्तर पर आक्सीजन का भंडार करने को मुख्य रखते ऐसे आडिट करवाना समय की ज़रूरत है। उन्होंने बताया कि मरीज़ों की सुरक्षा करनी ज़िला प्रशासन की पहली प्राथमिकता है और फायर सेफ्टी आडिट सुरक्षा मापदण्डों को अस्पतालों में पुख़ता बना कर ऐसीं घटनाओं को रोकने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
श्री थोरी ने बताया कि असुरक्षित बिजली पाइंट, आक्सीजन सिलंडर और आक्सीजन सप्लाई पाईप लाईनों और अन्य ऐसे साधन जो आग लगने की घटनाओं के खतरे को कई गुणा बढा देते हैं और ऐसे खतरों के साथ फायर सेफ्टी आडिट के द्वारा जल्द से जल्द निपटने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे आडिट अस्पतालों को संभावी ख़तरों की पहचान करके इनसे निपटाने के समर्थ बनाऐंगे।
डिप्टी कमिश्नर ने यह स्पष्ट किया कि इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही के साथ सख़्ती के साथ निपटाया जायेगा। उन्होने बताया कि ऐसे अस्पतालों को निर्देशों की पालना न करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जायेगा। उन्होंने सिविल सर्जन जालंधर को भी निर्देश दिए कि यह निर्देश जारी होने पर तुरंत पालना रिपोर्ट पेश की जाये।