-कहा, कांग्रेस और अकाली दल-भाजपा सरकारों ने कर्जा माफी का ढींढोरा तो पीटा लेकिन किसानों का कर्जा माफ नहीं किया
-पंजाब के शहीद किसानों को भी यूपी की तरह 50-50 लाख की आर्थिक मदद दे चन्नी सरकार
चंडीगढ़ 8 अक्तूबर 2021
पंजाब में सत्ता पर काबिज रहने वाले राजनीतिक दल और मुख्यमंत्रियों के चेहरे तो समय-समय पर बदले लेकिन किसान, खेत मजदूर और साधारण व्यापारी-दुकानदारों द्वारा खुदकुशी करने का दुर्भागयपुर्ण सिलसिला नहीं रूक सका है।
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यदि सरकार माफिया और भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसकर उसी पैसे से किसान-मजदूर के सिर से कर्जे का बोझ उतारती और फसलों की बर्बादी की रोकथाम के प्रबंध करती तो किसान न तो फंदे लगाते और न ही जहर खाकर दम तोड़ते। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक एवं प्रदेश किसान विंग के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि जिला मानसा के गांव घद्दूवाला का एक और किसान दर्शन सिंह को कपास की फसल बर्बाद होने और कर्जे का भार सहन नहीं होने पर जहर पीने को मजबूर होना पड़ा।
इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस और अकाली दल-भाजपा सरकारों को किसान और खेत मजदूरों की कोई परवारह नहीं है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी ड्रामेबाजी से बढक़र कुछ नहीं कर रहे। गुलाबी सूंडी से प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने अभी तक कोई राहत नहीं दी है। इसी तरह कांग्रेस और बादलों ने कर्जा माफी का ढींढोरा तो पीटा लेकिन किसान-मजदूर और छोटे कारोबारियों का कर्जा माफ नहीं किया।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा उत्तर प्रदेश के शहीद किसानों को दी गई 50-50 लाख रुपये की आर्थिक मदद अच्छा कदम है। लेकिन चन्नी सरकार यह भी बताए कि पंजाब के किसानों के लिए क्या किया जा रहा है? किसान आंदोलन के दौरान सात सौ से अधिक किसान शहीद हुए हैं लेकिन चन्नी सरकार उनके लिए कुछ क्यों नहीं कर रही? उन्होंने कहा कि आज भी पंजाब के किसान कर्जे के भार के नीचे दबे हैं, जबकि 2017 में कांग्रेस पार्टी ने किसान और मजदूरों का हर प्रकार का कर्जा माफ करने का वादा किया था। बादल सरकार की तरह आज भी कपास के खराब बीज और खराब कीटनाशक दवाइयां किसानों को दी गई। इसी कारण कपास की तैयार फसल गुलाबी सूंडी से बर्बाद हो गई।
संधवां ने आरोप लगाया कि चन्नी सरकार ने किसानों को न ही कपास की बर्बाद फसल का कोई मुआवजा दिया और न ही पूरी तरह कर्जा माफ किया। यदि सरकार ने किसानों का पूरा कर्जा माफ किया होता और फसलों के अच्छे बीज और बेहतर कीटनाशक दवाइयां दी होती तो दर्शन सिंह समेत दर्जनों अन्य किसान और खेत मजदूर मौत को गले नहीं लगाते। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने प्रदेश में चल रहे माफिया राज पर नकेल कसी होती और गलत बिजली समझौते रद्द किए होते तो किसान-मजदूरों के मामूली कर्जे माफ करने के लिए सरकार को कर्जे लेने की जरूरत नहीं पड़ती।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार किसानों की सच्ची हमदर्द है तो तुरंत उनका कर्जा माफ करे। पंजाब के शहीद किसानों को भी यूपी की तरह 50-50 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे और गुलाबी सूंडी से बर्बाद हुई कपास की फसल का प्रति एकड़ कम से कम 50 हजार से एक लाख रुपये का मुआवजा तुरंत जारी करे।