कृषि विभाग के नोडल अफसर किसानों को बता रहे हैं इसके तौर-तरीके और फायदे
इस बार सरकार ने सीधी बीजाई 6 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 12 लाख करने का रखा लक्ष्य
सीधी बिजाई करने पर पंजाब सरकार किसानों को दे रही है 1500 रूपए प्रति एकड़ की सहायता राशि
सरकार व किसानों का दावा, इससे पानी और पैसा दोनों बचता है, झाड़ पर नहीं पड़ता है कोई असर
चंडीगढ़, 16 मई 2022
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गांव सतौज से इस साल धान की सीधी बिजाई की शुरुआत हुई है। रविवार को कृषि विभाग के अधिकारियों और सीएम मान की माता हरपाल कौर की मौजूदगी में सतौज गांव के किसानों ने अपने खेतों में धान की सीधी बीजाई कर पंजाब का पानी बचाने का संकल्प लिया।
और पढ़ें :-कांग्रेस का काला सच सबके सामने, धर्म के आधार पर पंजाब को बाँटती चली आ रही थी- दिनेश चड्ढा
कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अपने गांव सतौज पहुंचे थे और वहां के किसानों से इस साल धान की सीधी बिजाई करने की अपील की थी। अपने गांव के लोगों को संबोधित करते हुए सीएम मान ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि पंजाब का पानी बचाने की शुरुआत मेरे गांव के लोग ही करें। इससे पूरे पंजाब में अच्छा संदेश जाएगा, नहीं तो लोग कहेंगे कि खुद मुख्यमंत्री के गांव के लोग तो पानी बचाने की कोशिश नहीं कर रहे तो दूसरे गांव के लोग कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे गांव से इस मुहिम की शुरुआत होगी तो पूरा पंजाब पानी बचाने के लिए इक_ा होगा और इस मुहिम को आगे बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि जो किसान धान की सीधी बिजाई (सूखे खेत में मशीन से धान की बिजाई) करेगा, उन्हें सहायता राशि के तौर पर पंजाब सरकार 1500 रुपए देगी। अगर कोई किसान धान की बिजाई न कर, मूंग की फसल लगाएगा या बरसात के मौसम में वनस्पति धान की खेती करेगा, उन किसानों की फसल एमएसपी के दाम पर पंजाब सरकार खुद खरीदेगी।
पंजाब में सबसे ज्यादा गेहूं और धान की खेती होती है। सामान्य तौर पर किसानों द्वारा पहले अपने खेतों में पानी छोड़ कर धान की खेती की जाती है, जिसके कारण ग्राउंड वाटर का लेवल बेहद नीचे जा चुका है। पंजाब में ग्राउंड वाटर का लेवल 170 फीट के करीब पहुंच चुका है। ग्राउंड वाटर को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के किसानों से अपील कर रहे हैं कि ऐसी फसलें लगाएं या फसलों की इस तरह से बिजाई की जाए जिससे पानी की खपत कम हो।
कृषि विभाग के अधिकारियों और किसानों ने बताए फायदे
धान की सीधी बिजाई करने वाली मशीनें हैं जो सूखे खेत में चलती हैं। इस प्रकिया में खेत में पानी की कोई जरूरत नहीं होती। एक बार बिजाई के बाद 21 दिन के बाद खेत में पानी छोडऩा पड़ता है। पारंपरिक तरीके में खेत में धान लगाने तक जीरी में पानी भर कर रखना पड़ता है, जिससे पानी की बेहद ज्यादा खपत होती हे।
सतौज के किसानों ने कहा कि यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि हमारे गांव से उस मुहिम की शुरुआत हो रही है जिससे पंजाब का पानी बचेगा। किसानों ने कहा कि इस बार वे मुख्यमंत्री भगवंत मान के कहने पर धान की सीधी बिजाई कर रहे हैं। किसानों ने कहा हमें भी पानी की चिंता है और उसे बचाने की इच्छा है। कुछ किसानों ने कहा कि हमने पहले भी सीधी बिजाई की थी। फसल में अच्छा झाड़ हुआ था। यह अफवाह है कि सीधी बिजाई करने से झाड़ पर असर पड़ता है। इससे झाड़ के ऊपर कोई असर नहीं पड़ता। नए तकनीक से बिजाई करने पर पानी और पैसा दोनों का बचत होता है। ठेके पर जमीन देने वाले लोगों ने भी ऐलान कर रखा है कि अगर कोई किसान खेत में धान की सीधी बिजाई करेगा तो उससे ठेके की रकम डेढ़ हजार रुपए प्रति एकड़ कम लेंगे।
मौके पर पहुंचे कृषि विभाग के एक अधिकारी डॉ. जसविंदर पाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि धान की सीधी बिजाई करने के लिए पूरे पंजाब में नोडल अफसर लगाए गए हैं। वे किसानों को इसके तौर-तरीके और फायदे बता रहे हैं। इससे पानी और पैसा दोनों बचता है। पिछली बार पूरे पंजाब में 6 लाख हेक्टेयर में धान की सीधी बिजाई हुई थी। इस बार सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 12 लाख हेक्टर करने का है। उन्होंने चूहे की समस्या का उल्लेख करते हुए कहा कि जब धान की फसल थोड़ी बड़ी हो जाती है तो उसमें चूहे आ जाते हैं जो फसल को नुकसान करते हैं। उसके लिए हमने दवाई ऑर्डर कर दिया है। वह दवाई किसानों को दी जाएगी ताकि फसलों का कोई नुकसान न हो सके।
मुख्यमंत्री भगवान मान की माता हरपाल कौर ने किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमारी जिंदगी तो निकल रही है, लेकिन आने वाले समय में हमारे बच्चे पानी को लेकर हमसे सवाल करेंगे। इसीलिए यह सीधी बिजाई की पहल पंजाब सरकार ने की है। पानी बचाने के लिए पंजाब सरकार और पंजाब के किसानों की यह एक अच्छी पहल है। इससे हमारा पानी बचेगा और किसानी भी बचेगा। इस मुहिम में सरकार का साथ देने के लिए हम अपने गांव के सभी लोगों का दिल से धन्यवाद करते हैं।