जि़ला तकनीकी कमेटी द्वारा नये दिशानिर्देशों के अंतर्गत कंटेनटमैंट और माईक्रो कंटेनटमैंट जोनों की निशानदेही की जायेगी – बलबीर सिंह सिद्धू

आईसीएमआर के दिशानिर्देशों को यकीनी बनाने के लिए सरकारी और प्राईवेट लैबाटरियों का क्वालिटी ऑडिट करवाया जायेगा
चंडीगढ़, 16 जून:
कोविड -19 मामलों के ज़्यादा फैलाव वाले कंटेनटमैंट ज़ोनों और इन कंटेनटमैंट जोनों में की जाने वाली गतिविधियों को दिखाने के लिए सभी जिलों में ऐसे क्षेत्रों की सीमाओं की सटीक निशानदेही करने के लिए सिविल सर्जनों के नेतृत्व अधीन जि़ला तकनीकी कमेटियों का गठन किया गया है।
यहाँ जारी एक प्रैस बयान में इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि विशेष क्षेत्र में बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए ऐसे क्षेत्र जहाँ कोरोनावायरस के 5 या इससे अधिक मामले सामने आए हैं, को माईक्रो -कंटेनमैंट जोन के तौर पर दर्शाने का फ़ैसला किया गया है। कंटेनमैंट और माईक्रो कंटेनमैंट जोनों की निशानदेही का फ़ैसला सिविल सर्जन, जि़ला ऐपीडैमीओलोजिस्ट, प्रशासन के एक नोडल अधिकारी, पीएसएम विभाग के एक नोडल अधिकारी, पी.एस.ऐम विभाग, मैडीकल कॉलेजिज़ के नोडल अधिकारी के सम्मिलन वाली कमेटी द्वारा लिया जायेगा।
उन्होंने आगे बताया कि जि़ला तकनीकी कमेटी कंटेनमैंट /माईक्रो कंटेनमैंट ज़ोनों के तौर पर दर्शाऐ जाने वाले क्षेत्रों सम्बन्धी फ़ैसले के बारे में तुरंत कोविड -19 के लिए गठित राज्य कमेटी जिसमें कार्यकारी डायरैक्टर, एसएचएसआरसी, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएंं और राज्य नोडल अधिकारी शामिल हैं, को सूचित करेगी। उन्होंने बताया कि जि़ला तकनीकी कमेटी सपॉट मैपिंग, सटीक सीमाओं के साथ साथ कंनटेनमैंट जोन में आबादी जिसमें अन्य बीमारियों से पीडि़त लोगों की पहचान करना शामिल है, संबंधी भी दर्शाऐगी।
इसके अलावा यह समर्पित कमेटीयाँ क्षेत्र में तैनात की जाने वाली टीमों की संख्या के साथ साथ एक्टिव मामलों की खोज सम्बन्धी योजना भी बनाऐंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड -19 के टैस्ट कर रहे प्राईवेट अस्पतालों, क्लीनिकों और लेबों की जांच को यकीनी बनाने के लिए उनके द्वारा लिए गए नमूनों के विवरण जि़ले के सिविल सर्जन और इसकी एक कॉपी आई.डी.एस.पी. को भेजना लाजि़मी किया गया है। प्राईवेट अस्पतालों / क्लीनिकों / लैबोरेटरियों को आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार नमूने लेने और टैस्ट करने सम्बन्धी सख्त हिदायतें दी गई हैं।
स. सिद्धू ने आगे कहा कि सरकारी और प्राईवेट लैबोरेटरियों का नियमित क्वालिटी ऑडिट करवाने का फ़ैसला भी लिया गया है जिसके अंतर्गत सरकारी मैडीकल कॉलेज लैब और प्राईवेट मैडीकल कॉलेज लैब (सी.एम.सी. और डी.एम.सी.) में स्टोर किये 5 पॉजिटिव और 5 नेगेटिव नमूने पी.जी.आई, चंडीगढ़ को भेजे जाएंगे। इसी तरह टेस्टिंग के लिए प्रवानित हर प्राईवेट लैब में स्टोर किये नमूने मासिक आधार पर नज़दीकी सरकारी लैब में भेजे जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भेजे जा रहे नमूनों के नतीजे लैब के साथ सांझे नहीं किये जाएंगे।

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