पटियाला, 22 दिसंबर 2021
फोर्टिस अस्पताल मोहाली की न्यूरो सर्जरी (ब्रेन व स्पाइन) की टीम ने (लंबर स्पाइनल स्टैनोसिस) से पीडि़त एक 52 वर्षीय मरीज का कामयाबी से इलाज किया। मरीज की टांगों में जलन महसूस होती थी तथा दर्द रहता था।
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लंबर स्पाइन स्टैनोसिस रीढ़ की हड्डी की बीमारी है तथा इस हालत में कमर के निचले हिस्से में सुखमना नाड़ी सिकुड़ जाती है, जिससे मरीज की टांगों में सुन्नता महसूस होती है तथा उसकी पेशाब प्रणाली भी प्रभावित हो जाती है। कई बार मरीज बैड पर ही पड़े रहने को मजबूर हो जाता है।
फोर्टिस अस्पताल के न्यूरो स्पाइन सर्जरी विभाग के सीनियर कंस्लटेंट डा. हरसिमरत बीर सिंह सोढ़ी की अगुवाई में डाक्टरों की टीम ने मालविंदर सिंह नामक मरीज के इलाज के लिए आधुनिक तकनीक न्यूरो नेवीगेशन का प्रयोग किया।
इस तकनीक द्वारा सर्जन को दिमाग या सुखमना नाड़ी में समस्या का पता लग जाता है। इस तकनीक द्वारा आप्रेशन सरलता से हो जाता है।
डा. हरसिमरत बीर सिंह सोढ़ी ने कहा कि मरीज मलविंदर सिंह बहुत ही तेज कमर दर्द की शिकायत लेकर फोर्टिस अस्पताल आया था, जबकि मरीज समय बैठने के बाद उठता था तो दर्द और तेज हो जाता था। डा. सोढ़ी ने बताया कि प्राथमिक टेस्टों से पता लगा कि मरीज के कमर के निचले हिस्से में लंबर कैनास्टैनोसिस की समस्या है। डा. सोढ़ी ने न्यूरो नेवीगेशन के प्रयोग से इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया।
सर्जरी के थोड़े समय बाद ही मरीज के स्वास्थ्य मेें सुधार आना शुरू हो गया तथा उसका कमर दर्द खत्म हो गया। मरीज अब आसानी से चल-फिर सकता है तथा उसकी कमर या टांगों में कोई दर्द नहीं है। मरीज को आप्रेशन के 2 दिन बाद अस्पताल में से छुट्टी दे दी गई।