शिरोमणी अकाली दल ने पुराने संस्थानों से बिल्डिंग ,फंड, स्टाफ, पुस्तकें लेकर नए काॅलेज खोलने की घोषणा कर लोगों को मुर्ख बनाने की कोशिश करने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा की
चंडीगढ़/12मई , 2021
शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार की निंदा करते हुए कहा है कि वह पुराने संस्थानों से फंड, बिल्डिंग , स्टाफ और यहां तक कि किताबें लेकर नए काॅलेज खोलने की घोषणा करके लोगों को मुर्ख बनाने की कोशिश कर रही है।
पूर्व मंत्री डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार इस हास्यास्पद कार्य में केवल नए काॅलेजों का शिलान्यास करके तुच्छ प्रचार-प्रसार करने में लिप्त है और यहां तक कि पुराने सरकारी काॅलेजों के संसाधनों का उपयोग करके उन्हे शुरू करना है। ‘ लोग सरकारो पर भरोसा करते हैं तथा उनसे इस तरह से धोखा देने की उम्मीद नही करते’।
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि भले ही सरकार ने नए काॅलेज खोलने का फैसला किया हो, लेकिन न तो उन्होने उसके लिए कोई बजट रखा है और न ही इसके लिए राज्य के खजाने से फंड आवंटित किया है। ‘ अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और कांग्रेस पार्टी का पता चल गया है कि पंजाबी किए गए वादों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा तो उसने इन तुच्छ नौटंकियों का सहारा लेना शुरू कर दिया है’।
अकाली नेता ने सरकारी काॅलेजों से नए संस्थानों के लिए अभिभावक शिक्षक संघ के फंड से पांच पांच लाख रूपये देने के सरकारी निर्देश पर भी आपत्ति जताई, इसके अलावा अतिरिक्त फर्नीचर, किताबें और कर्मचारी आवंटित किए गए हैं। उन्होने कहा कि अगर सरकार के पास किसी भवन, फर्नीचर, किताबों के लिए फंड नही है तो कर्मचारियों की भर्ती के लिए वह इस तरह का प्रोजेक्ट शुरू न करे। ‘ इसके अलावा सरकारी काॅलेजों से पांच लाख रूपये एकत्र करके संस्थान नही चलाए जा सकते। इस तरीके से पीटीए फंड का उपयोग भी गैरकानूनी है और सरकार के साथ साथ विश्वविद्यालय दिशा निर्देशों दोनों के विरूद्ध है।
इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार वादे के अनुसार नए काॅलेजों की स्थापना करने में असमर्थ रही है क्योंकि उसने अपने निपटान में धन का दुरूपयोग किया है और शराब, रेत और खनन माफिया द्वारा राज्य के खजाने की लूट को रोकने में नाकाम रही है। डाॅ. चीमा ने कहा कि इसके कारण सरकार ने खुद को वित्तीय संकट में पाया है और इस तरह की चालबाजियों का सहारा ले रही है। कांग्रेस सरकार से छात्रों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करने की मांग करते हुए अकाली नेता ने कहा कि इस तरह के कदम न केवल पुराने संस्थानों को नुकसान पहुंचाएंगे बल्कि नए संस्थानों के लिए गलत कदम साबित होंगे।