चण्डीगढ, 11 अक्टूबर 2022
सहकारिता मंत्री आज यहां विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, रजिस्ट्रार सहकारी समितियां डा. शालीन, हरको बैंक प्रबंध निदेशक नरेश गोयल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य में शुगरफैड की दस व हैफेड की एक चीनी मिल कार्यरत हैं। इन चीनी मिलों में अगले माह के प्रथम सप्ताह में गन्ने की पिराई का कार्य शुरू किया जाएगा। इससे पहले चीनी मिलों की मुरम्मत एवं रखरखाव का कार्य किया जा रहा है ताकि किसी भी चीनी मिल में गन्ना पिराई के समय व्यवधान न आए। उन्होंने कहा कि पिराई सीजन के दौरान चीनी मिल में कोई समस्या आ जाती है तो उससे किसानों को भी असुविधाएं होती हैं। इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि चीनी मिलें गन्ना पिराई के दौरान किसी भी सूरत में बंद न हो। इसके लिए उपयुक्त प्रबंध किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चीनी मिलों में लगाए जाने वाले एथनोल प्लांट को लेकर तेजी लाई जाए और पानीपत और करनाल की चीनी मिलों में वर्ष 2024 तक एथनोल प्लांट चालू कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के क्लस्टर बनाकर एथनोल प्लांट लगाए जाएंगे जिसके तहत बड़ी व छोटी मिलों के संयुक्त रूप से प्लांट लगेंगे।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि दक्षिण हरियाणा में मिल्क प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं । उन्होंने रोहतक मिल्क प्लांट में लगाए जाने वाले टेट्रा प्लांट के बारे में विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेट्रा प्लांट के कार्य में तेजी लाई जाए। टेट्रा प्लांट में मक्खन के अलावा दूध, दही, आईसक्रीम आदि अन्य खाद्य सामग्री बनाई जाएंगी। इसके साथ ही ज्यादा दूध होने पर सूखे दूध का पाउडर बनाया जाएगा।
क्रमांक 2022
राजेश कुमार
पोर्टल लॉन्च होने से सभी नगर निकायों में विज्ञापन अधिकारों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, राजस्व में भी होगी वृद्धि
चंडीगढ़, 11 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने व्यापारियों व नागरिकों को एक और सुविधा प्रदान करते हुए आज हरियाणा म्युनिसिपल विज्ञापन उपनियम – 2022 के तहत विज्ञापन अनुमति तथा नगर निकायों के विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी के लिए पोर्टल लॉन्च किया। इससे सभी नगर निकायों में विज्ञापन अधिकारों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां मीडिया सेंटर के नवीनीकरण कार्य का उद्घाटन व विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी के लिए पोर्टल लॉन्च करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के लॉन्च होने से शहरी स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से पारदर्शी तरीके से सरकारी भवनों व प्राइवेट भवनों पर विज्ञापन लगाने के लिए अनुमति प्रदान की जा सकेगी। सभी नगर निकायों को कलेक्टर रेट का 3.2 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। सरकारी स्थलों का ई-ऑक्शन किया जाएगा। इसका न्यूनतम रेट 4 प्रतिशत होगा, जिसमें से 40 प्रतिशत एमसी को और 60 प्रतिशत भवन मालिक को मिलेगा।
राज्य में सभी नगर निकाय, सरकारी विभाग, बोर्ड, निगम, प्राधिकरण अब विज्ञापन हेतू ई-नीलामी के लिए अपनी संपत्तियों को पोर्टल पर सूचीबद्ध कर सकते हैं। निजी संपत्ति मालिक भी ई-नीलामी के माध्यम से विज्ञापन अनुमति देने के लिए इस पोर्टल पर अपनी संपत्ति/संपत्तियों को सूचीबद्ध करने का विकल्प चुन सकते हैं।
नगर निकायों की भूमिका केवल इस पोर्टल पर आवेदनों को संसाधित करने और संपत्तियों को सूचीबद्ध करने, आरक्षित मूल्य भरने तथा नीलामी की तिथी निर्धारित करने की होगी। इसके बाद पोर्टल पर स्वतः ही नीलामी आयोजित होगी और उच्चतम बोली लगाने वाले का चयन होगा। इसके अलावा, सभी विज्ञापन अनुमतियां, अनुबंध, भुगतान, प्रतिभूतियों का प्रबंधन इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। इससे मजबूत राजस्व संग्रहण और अनुबंध प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
एक बार पोर्टल पर पंजीकृत विज्ञापन संस्थाएं (व्यवसाय/व्यक्ति) राज्य में नगर निकायों में सभी सूचीबद्ध विज्ञापन संपत्तियों की ई-नीलामी में भाग ले सकती हैं। यह पोर्टल न केवल विज्ञापन अधिकार प्रदान करने में पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि नगर निकायों और अन्य सरकारी संस्थाओं की विज्ञापन के माध्यम से राजस्व में भी वृद्धि करेगा।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री मूल चन्द शर्मा, सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्रीमती वर्षा खंगवाल, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री अमन कुमार के अलावा बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
क्रमांक – 2022
गौरव
जनता को सरकारी सेवाएं समय पर मिले यह सरकार और कर्मचारी दोनों का प्राथमिक दायित्व- मुख्यमंत्री
जनता सुखी होती है तभी हैप्पीनेस इनडेक्स में होता है इजाफा – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई ऑटो अपील सिस्टम की रिव्यू बैठक
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी विभाग जनता से जुड़ी सभी सेवाओं को जल्द से जल्द ऑटो अपील सिस्टम में जोड़ें। इस काम को तेजी से किया जाए ताकि आम जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि जनता को सरकारी सेवाएं समय पर मिले यह सरकार और कर्मचारी दोनों का प्राथमिक दायित्व है। मुख्यमंत्री मंगलवार को सेवा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत “ऑटो अपील सिस्टम” से जुड़ी रिव्यू बैठक में बोल रहे थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवाओं को ऑटो अपील सिस्टम में जोड़ने के लिए सरकारी अधिकारी तत्परता से कार्य करें। यदि इस कार्य में कोई कठिनाई आ रही है तो उसे तत्काल संज्ञान में लाया जाए, ताकि उसका जल्द से जल्द निवारण किया जा सके। सरकार और सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी जनता की सेवा करना है। हमारा मकसद प्रदेश के 70 लाख परिवारों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकारी सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। हमें इस दायित्व को बखूबी समझते हुए कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने की ऑटो अपील सिस्टम की कार्यप्रणाली की सराहना
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सेवा का अधिकार आयोग के ऑटो अपील सिस्टम की कार्य प्रणाली की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम की वजह से आज सरकारी सेवाओं में होने वाली देरी पर जवाबदेही तय हुई है। आयोग, सेवाओं में होने वाली देरी पर संबंधित अधिकारी पर जुर्माना भी लगा रहा है। इसका असर दिखने लगा है। अभी तक ऑटो अपील सिस्टम में सेवाओं में होने वाली देरी से संबंधित 3 लाख 53 हजार 529 अपील की गई। इनमें से 2 लाख 70 हजार 385 को प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष ही सुलझा दिया गया। 82,375 अपील को द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा सुलझाई गई। महज 769 अपील ही सेवा का अधिकार आयोग तक पहुंची। इस पर आयोग ने संज्ञान लिया।
जनता के लिए वरदान है ऑटो अपील सिस्टम
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ऑटो अपील सिस्टम जनता के लिए वरदान है। बड़े स्तर पर लोगों को इस सिस्टम से फायदा हो रहा है। प्रदेश सरकार ने अंत्योदय के मकसद से इसकी शुरूआत की थी, ताकि सभी की सुनवाई हो और सभी को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकारी सेवाओं के काम की अवधि तय हुई है। इससे जनता को लाभ हुआ है। इससे लोगों में सरकार के प्रति भरोसा पैदा हो रहा है। जनता सुखी होती है तभी प्रदेश का हैप्पीनेस इनडेक्स में इजाफा होता है।
जिन विभागों के एक से ज्यादा पोर्टल वे उनमें बनाएं बेहतर कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिन विभागों के अलग-अलग सेवाओं के लिए एक से ज्यादा पोर्टल हैं, वे एक पोर्टल की दूसरे पोर्टल से बेहतर कनेक्टिविटी बनाए, ताकि आसानी से डाटा को देखा जा सके। इससे आम लोगों को भी सुविधा लेने में आसानी होती है।
जन प्रतिनिधियों को भी दिया जाए ऑटो अपील सिस्टम से जुड़ा प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ऑटो अपील सिस्टम से जुड़ी जानकारी व इसका प्रशिक्षण जन प्रतिनिधियों को भी दिया जाए। अभी तक विधायकों को ही इससे जुड़ी जानकारी दी गई थी लेकिन भविष्य में छोटी से छोटी ईकाई के जन प्रतिनिधि को भी इसकी जानकारी देनी चाहिए। समय-समय पर उन्हें इस सिस्टम से जुड़ा प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करें।
ऑटो अपील सिस्टम को दूसरे राज्य भी जानने की कर रहे कोशिश
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने सेवा का अधिकार अधिनिमय के तहत ऑटो अपील सिस्टम की शुरूआत की तो उनके सामने कोई भी इस तरह के सिस्टम का उदाहरण नहीं था, लेकिन आज उन्होंने ऐसा सिस्टम खड़ा करके दिखाया है। तभी दूसरे राज्य भी इस ऑटो अपील सिस्टम को समझने के लिए संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर व केंद्र सरकार भी इस सिस्टम की सराहना कर रही है।
इससे पूर्व सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टीसी गुप्ता ने ऑटो अपील सिस्टम से जुड़ी जानकारी (प्रेजेंटेशन) मुख्यमंत्री के समझ रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, एसीएस श्री टीवीएसएन प्रसाद, श्रीमती सुमिता मिश्रा, श्री अनुराग रस्तोगी, श्री राजा शेखर, श्री अशोक खेमका, श्रीमती जी. अनुपमा, श्री अपूर्व कुमार सिंह, श्री अरूण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, श्री विजेंद्र कुमार, आयुक्त और सचिव श्री पंकज यादव, श्री विजय दहिया, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
क्रमांकः2022
मनोज
एसवाईएल हमारा हक – मनोहर लाल
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल हरियाणावासियों का हक है और यह उन्हें अवश्य मिलेगा। 14 अक्तूबर को इसी बारे उनकी बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ 11.30 बजे होगी, जिसमें इस मामले के समाधान के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां मीडिया सेंटर के नवीनीकरण कार्य का उद्घाटन करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल का पानी अत्यंत आवश्यक है। अब इस मामले में एक टाइम लाइन तय होना जरूरी है, ताकि प्रदेश के किसानों को पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित हो सके।
उल्लेखनीय है कि एसवाईएल के पानी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा निरंतर अथक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश की जनता को उसका जायज हक दिलवाया जाएगा। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री की ओर से 6 मई 2022 को एक अर्ध-सरकारी पत्र केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को भेजा गया था, जिसमें पंजाब व हरियाणा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दूसरे दौर की बैठक जल्द से जल्द बुलाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री श्री अमित शाह को भी इस विषय में एक अर्ध-सरकारी पत्र लिखा था, जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने की बात कही गई थी।
हरियाणा की ओर से इस बैठक के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री को भी 3 अर्ध-सरकारी पत्र लिखे गए थे। अब इसी कड़ी में आगामी 14 अक्तूबर को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी, जिसमें एसवाईएल के मुद्दे पर स्थाई समाधान की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री मूल चन्द शर्मा, सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्रीमती वर्षा खंगवाल, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री अमन कुमार के अलावा बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
क्रमांक – 2022
भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरा किसानों को किया जाएगा 450 रुपये का भुगतान – मनोहर लाल
प्रदेश में अब तक हुई 59,414 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में सुगम तरीके से बाजरे की खरीद की जा रही है। इस बार बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि मंडियों में खरीद 1850-1900 रुपये प्रति क्विंटल हो रही है। किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो, इसलिए राज्य सरकार की भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को 450 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां मीडिया सेंटर के नवीनीकरण कार्य का उद्घाटन करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खरीफ फसलों की निर्बाध खरीद के लिए मंडियों में समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। फसलों के उठान की व्यवस्था पुख्ता की गई है ताकि मंडडियों में दूसरे किसान अपनी फसलें समय पर ला सकें।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हैफेड द्वारा भी बाजरे की खरीद की जा रही है। मंडियों में व्यवस्था ठीक है और खरीद सुचारू रूप से चल रही है। मौसम खराब होने की वजह से फसल खरीद में थोड़ी-बहुत दिक्कतें आई। इस कारण किसान अपनी फसल मंडियों में जल्दी लेकर आ गये। 10 अक्तूबर, 2022 तक प्रदेश में 59,414 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद हुई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला उपायुक्त नियमित रूप से मंडियों का दौरा कर खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहे हैं। किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी।
किसानों के लिए ई-खरिद हरियाणा मोबाइल ऐप लॉन्च
किसानों की सुविधा के लिए ई-खरीद हरियाणा मोबाइल एप लॉन्च की गई है। इसमें किसानों को पंजीकृत फसलों की संख्या, गेट पास और खरीद के लिए लायी जा सकने वाली फसल की मात्रा के बारे में वास्तविक जानकारी मिल रही है। कोई भी किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर दर्ज करके ये विवरण प्राप्त कर सकता है। इस एप पर किसान अपनी शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं।
इसके अलावा, इस ऐप के माध्यम से किसान तुरंत कहीं भी, कभी भी जे-फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। वह भुगतान की स्थिति भी देख सकते हैं। किसानों की मदद के लिए एक टोल फ्री नंबर भी साझा किया गया है। ऐप में जिला-विशिष्ट सूचनाएं भेजने की सुविधा भी है।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री मूल चन्द शर्मा, सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्रीमती वर्षा खंगवाल, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री अमन कुमार के अलावा बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
क्रमांक – 2022
मुख्यमंत्री ने किया आधुनिक मीडिया सेंटर का उद्घाटन
चण्डीगढ, 11 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि मीडियाकर्मियों की आज की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक तकनीक की सुविधाएं सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा हरियाणा सिविल सचिवालय की आठवीं मंजिल पर स्थित मीडिया सेंटर का नवीनीकरण करके उपलब्ध करवाई गई हैं ताकि सरकार की उपलब्धियों को मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जा सके।
मुख्यमंत्री आज यहां मीडिया सेंटर के नवीनीकरण कार्य का उद्घाटन करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कार्य का प्रारूप सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा० अमित अग्रवाल ने मीडियाकर्मियों के साथ बैठक कर तैयार किया है। उन्होंने मीडियाकर्मियों को इस कार्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में मीडिया के लिए आधुनिक सुविधाओं का होना अत्यंत जरूरी है। इसी जरूरत को ध्यान में रखकर सरकार ने मीडिया के लिए नई सुविधाओं से सुसज्जित आधुनिक मीडिया सैंटर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। मीडिया सेंटर में प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक व सोशल मीडिया से जुड़ी तकनीकी जरूरतों को उपलब्ध करवाया गया है।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री मूल चन्द शर्मा, सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्रीमती वर्षा खंगवाल, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री अमन कुमार के अलावा बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
क्रमांक – 2022
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए की हरियाणा सरकार की सराहना
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा में अच्छे प्रयास हो रहे हैं – भूपेंद्र यादव
राज्य सरकार के प्रयासों से गुरुग्राम की सोसयटियों में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट्स के उपयोग में आई भारी कमी – केंद्रीय मंत्री
फसल अवशेष प्रबंधन पर ढांचागत रणनीति के साथ कार्य कर रही राज्य सरकार – मुख्यमंत्री
पराली को एमएसपी पर खरीदने के लिए योजना बनाने पर हो रहा विचार – मनोहर लाल
चंडीगढ़, 11 अक्तूबर – केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में की जा रही गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाकर पराली प्रबंधन पर जोर दिया है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा में अच्छे प्रयास हो रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से गुरुग्राम की सोसयटियों में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट्स के उपयोग में भारी कमी आई है।
केंद्रीय मंत्री आज वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फसल अवशेष प्रबंधन व वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान के मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल चंडीगढ़ से इस बैठक में शामिल हुए।
श्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बेहद गंभीर है और इसके लिए सभी प्रकार की योजनाओं को जमीनीस्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। हम हरियाणा को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध हरियाणा बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के समक्ष मांग रखते हुए कहा कि हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में क्लीन फ्यूल के उपयोग के लिए जारी दिशा-निर्देशों में ईंट भट्ठों को 31 मार्च, 2023 तक की मोहल्लत दी जाए। हरियाणा सरकार द्वारा भी अपने स्तर पर वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा, औद्योगिक संगठनों से भी यह मांग आई है कि उन्हें क्लीन फ्यूल उपयोग हेतू तकनीकि रूप से जो बदलाव करने है, उनकी लागत बहुत ज्यादा है। इसलिए ऐसे उद्योगों की सहायता हेतू व्यवहार्य ब्याज दर पर बैंक से ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाने का भी कोई प्रावधान बनाया जाए। इसके साथ ही हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र जैसे इसराना, समालखा, गोहाना, झज्जर इत्यादि में अभी तक सीएनजी-पीएनजी की आपूर्ति नहीं हो पाई है, इसकी उपलब्धता भी सुनिश्चित करवाई जाए।
फसल अवशेष प्रबंधन पर ढांचागत रणनीति के साथ कार्य कर रही राज्य सरकार
श्री मनोहर लाल ने फसल अवशेष प्रबंधन पर की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ढांचागत रणनीति के साथ कार्य कर रही है, जिसमें इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन, एक्स-सीटू प्रबंधन, प्रभावी निगरानी, प्रवर्तन, आईईसी गतिविधियां शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में धान लगभग 4800 गांवों में होता है। इन गांवों को तीन जोन – हरा, पीला और लाल में बांटा गया है। इन-सीटू मैनेजमेंट के तहत विभिन्न मशीनों व डिक्मपोसर के माध्यम से 23 लाख मीट्रिक टन और एक्स-सीटू मैनेजमेंट के तहत 13 लाख मीट्रिक टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा। अभी तक पराली जलाने की केवल 83 घटनाएं हुई हैं और पराली न जलाने बारे लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
पराली को एमएसपी पर खरीदने के लिए योजना बनाने पर विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द थर्मल प्लांट में 20 लाख मीट्रिक टन टॉरिफाइड बायोमास पेलेट्स के उपयोग के लिए भी टेंडर किया जाएगा। पराली के स्थाई प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार पराली को एमएसपी पर खरीदने के लिए भी योजना बनाने पर विचार कर रही है। इससे किसानों को सीधा लाभ होगा और उनकी अतिरिक्त आय का साधन भी बढ़ेगा।
पराली प्रबंधन के लिए इस वर्ष 7146 मशीनें उपलब्ध करवाई गई
उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए पिछले 4 सालों में किसानों को सीएचसी के माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से 72,777 मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है। इस वर्ष 7146 मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं जिसमें बेलिंग यूनिट, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल इत्यादि शामिल है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इन-सीटू मैनेजमेंट के तहत किसानों को प्रति एकड़ बेलिंग के लिए 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है और इसके साथ ही बेलर्स के परिवहन के लिए 500 रुपये प्रति एकड़ अधिकतम 15 हजार रुपए तक गौशालाओं को दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, अवशेष प्रबंधन की आपूर्ति के लिए पानीपत में स्थापित 2जी इथेनॉल संयंत्र को एक हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन सहायता प्रदान की जा ही है।
हरियाणा में केवल ग्रीन पटाखे बनाने, चलाने व बिक्री की अनुमति
मुख्यमंत्री ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों के आधार पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बार एनसीआर क्षेत्र के साथ-साथ पूरे राज्य में केवल ग्रीन पटाखे बनाने, चलाने व उनकी बिक्री की अनुमति दी है। सामान्य पटाखे बनाने, बेचने और चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप विर्क, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन श्री पी. राघवेंद्र राव, कृषि विभाग के महानिदेशक श्री हरदीप सिंह, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री के. मकरंद पाण्डुरंग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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