राज्य सरकार केंद्र से अतिरिक्त फंड की माँग करेगी: मुख्य सचिव
चंडीगढ़, 10 मई:
पंजाब सरकार द्वारा मिड-डे-मील स्कीम के अंतर्गत राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को खाना देने के लिए केंद्र से अतिरिक्त फंड की माँग की जाएगी।
मौजूदा शैक्षिक सत्र के दौरान राज्य के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखि़लों में काफ़ी वृद्धि होने के मद्देनजऱ अतिरिक्त फंड की ज़रूरत महसूस की गई।
यह जानकारी मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने आज यहाँ मिड-डे-मील योजना की स्टीरिंग-कम-मोनिटरिंग कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता करने के बाद दी।
उन्होंने योजना के अमल का जायज़ा लिया, जिसका उद्देश्य राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राईमरी और अप्पर प्राईमरी कक्षाओं में पढऩे वाले स्कूली बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया करवाना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2020-21 के दौरान 14.05 लाख विद्यार्थियों को लाभ पहुँचाने के लिए फंड मुहैया करवाए थे, जबकि 2021-22 में 15.83 लाख विद्यार्थियों को खाना देने की व्यवस्था की गई है, जिसके लिए अतिरिक्त फंड की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील स्कीम के अंतर्गत राज्य में मौजूदा समय में लाभपात्री विद्यार्थियों की संख्या 16.91 लाख विद्यार्थियों तक बढऩे का अनुमान लगाया गया है, जिसके लिए अतिरिक्त फंड की ज़रूरत है। श्रीमती महाजन ने बताया कि मिड-डे-मील वर्करों का मेहनताना भी बढ़ा दिया गया है।
मुख्य सचिव ने कोविड के फैलाव के कारण बने चुनौतीपूर्ण हालातों के बावजूद 2020-21 के शैक्षिक सत्र के दौरान इस योजना को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए शिक्षा विभाग की सराहना की।
उन्होंने बताया कि स्कूलों के बंदे पड़े होने के बावजूद विभाग द्वारा बच्चों को सूखा राशन या मिड-डे- मील प्रदान किया गया और खाना पकाने की लागत के लगभग 231 करोड़ रुपए सीधे तौर पर स्कूली बच्चों के खातों में ट्रांसफर किए गए। उन्होंने विद्यार्थियों को मानक और पौष्टिक आहार मुहैया करवाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने मुख्य सचिव को प्रगति रिपोर्ट संबंधी जानकारी देते हुए कहा कि इस स्कीम के अधीन जारी किए गए 350 करोड़ रुपए के पूरे बजट का सही प्रयोग किया गया है। राज्य के 19,682 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे प्राईमरी और अप्पर प्राईमरी कक्षाओं के 15.83 लाख विद्यार्थियों को खाद्य पदार्थ मुहैया करवाए गए। इसके अलावा खाना पकाने की कुल लागत विद्यार्थियों या उनके माँ-बाप के बैंक खातों में जमा करवाए गए, जिससे वह अपने घर में ही भोजन तैयार कर सकें।
खाद्य एवं सप्लाई के प्रमुख सचिव, के.ए.पी. सिन्हा ने मुख्य सचिव को मिड-डे-मील में मानक चावल मुहैया करवाने सम्बन्धी विचाराधीन योजना संबंधी जानकारी दी, जिससे मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान विद्यार्थियों के लिए पौष्टिक आहार सुनिश्चित बनाया जा सके।
मीटिंग में अन्यों के अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायतों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सोशल वैलफेयर ऑफ एससी/बीसी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वित्त, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, योजना, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, एफ.सी.आई. के जनरल मैनेजर, एम.डी. पनसप, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा, डी.पी.आई. (एसई) और डी.पी.आई. (ईई) भी मौजूद थे।