मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर भूमि का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करें – मुख्यमंत्री

Manohar Lal directed the officers to purchase additional available oxygen tankers and set up oxygen concentrators system as per the requirement

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों और उपायुक्तों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

विभिन्न विभागों के लगभग 6200 अधिकारी भूमि की मैपिंग के कार्य में लगे

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत 2 लाख एकड़ के लक्ष्य में से 87000 एकड़ में बोई गई वैकल्पिक फसल

कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर से पहले सीएचसी और पीएचसी स्तरों पर स्वास्थ्य सुविधाएं करें मजबूत- मनोहर लाल

चंडीगढ़, 15 जुलाई: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर प्राथमिकता आधार पर राज्य की शत प्रतिशत भूमि का पंजीकरण किया जाए।

         उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त यह भी सुनिश्चित करें कि प्रत्येक एकड़ भूमि की मैपिंग करवाई जाए और इस कार्य में लगे कर्मचारियों का प्रशिक्षण जल्द से जल्द करवाया जाए।

         मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मेरा पानी मेरी विरासत और कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर तैयारियों पर चर्चा की गई।  बैठक में स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री श्री अनिल विज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे. पी. दलाल भी उपस्थित थे।

         मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि उपायुक्त जीरो एरर एप्रोच के साथ खेतों का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करें।  साथ ही किसानों को इन योजनाओं से अवगत कराने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।

एमएफएमबी पर प्रत्येक एकड़ भूमि का शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करें

         मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर खेती योग्य भूमि के साथ साथ खाली भूमि का पंजीकरण भी सुनिश्चित करें।

         उन्होंने कहा कि उपायुक्त किसानों को जागरूक करें कि इस पंजीकरण के माध्यम से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर किसान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और बागवानी विभाग द्वारा लागू की जा रही वित्तीय और सब्सिडी योजनाओं का लाभ त्वरित और सरलता से उठा सकेंगे।

         उन्होंने कहा कि हर गांव का अलग डैशबोर्ड बनाया जाए।  एम.एफ.एम.बी. पर दर्ज की गई भूमि का दैनिक डाटा गांव के लोगों के साथ साझा किया जाना चाहिए।

6200 कर्मचारी जमीन की मैपिंग कार्य में लगे

          बैठक के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने कहा कि भूमि की मैपिंग के कार्य के लिए विभिन्न विभागों के 6205 अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया गया है।

         उन्होंने कहा कि कृषि, पंचायत, बागवानी, सिंचाई और राज्य कृषि विपणन बोर्ड सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी एक-एक एकड़ भूमि की मैपिंग करेंगे ताकि राज्य की शत प्रतिशत भूमि के पंजीकरण लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

         उन्होंने कहा कि इस बार किसानों ने फसल विविधीकरण के तहत दलहन, तिलहन और चारे की बुवाई पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।

         डॉ. सुमित मिश्रा ने बताया कि जल संरक्षण के लिए एक नई योजना, डीएसआर शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों द्वारा बढ़ चढ़कर डीएसआर तकनीक को अपनाकर चावल की बुवाई की जा रही है। यह एक कम खर्चीली और कम पानी वाली विधि है।

दो लाख में से 87,000 एकड़ पर धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की बुवाई

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मेरा पानी मेरी विरासत (एमपीएमवी) योजना के तहत इस वर्ष के लिए तय किए गए 2 लाख एकड़ लक्ष्य में से अब तक लगभग 87,000 एकड़ भूमि पर फसल विविधीकरण को अपनाया जा चुका है, इसके तहत धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को दलहन, कपास, मक्का आदि वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निरंतर प्रयास किए जाएं और 2 लाख एकड़ के लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर को बचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए किसानों को उक्त फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करें।

         मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि बाजरे के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों को बाजरा के स्थान पर अन्य फसल उगाने के लिए 4000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाजरा विविधीकरण की दिशा में और तेजी लाई जाए तथा किसानों को इस योजना के बारे में अवगत करवाएं।

कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी

         कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि जिला स्तर, उपमंडल स्तर, सीएचसी और पीएचसी स्तरों पर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है।

         उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति और पल्स ऑक्सीमीटर सुनिश्चित करने के साथ-साथ कोविड पीडियाट्रिक मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है।

 श्री राजीव अरोड़ा ने बताया कि  वर्तमान में वयस्क कोविड रोगियों के लिए मौजूद बेड (आईसीयू/एचडीयू बेड सहित) का उपयोग कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर के दौरान कोविड बाल रोगियों के लिए किया जाएगा।

आठ नई मॉलिक्यूलर प्रयोगशालाओं को मंजूरी

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद, झज्जर, चरखी दादरी, पलवल, महेंद्रगढ़ और हिसार में आठ नई सरकारी मॉलिक्यूलर लैब को मंजूरी दी गई है।  इन प्रयोगशालाओं की स्थापना के बाद प्रयोगशाला की कुल क्षमता 1,02,200 टेस्ट प्रतिदिन होने की संभावना है।

         बैठक में मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त श्री संजीव कौशल, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम,  पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खंडेलवाल, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री  महावीर सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.  उमाशंकर, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा, श्री प्रभजोत सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।