किसानों की आय दोगुनी करने के बजाय, केंद्र सरकार ने किसानों की लागत दोगुनी करने की पहल की: सरदारनी हरसिमरत कौर बादल

सरकार बताए कि उसके द्वारा मांगें जा रहे अतिरिक्त 4 लाख करोड़ में से कितना किसानों को मिलेगा

कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कि कांग्रेस के शासन के दौरान भेदभाव झेलने वाला पंजाब अब वर्तमान सरकार के हाथों भी पीड़ित है


चंडीगढ़/13दिसंबर :-  बठिंडा की सांसद सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा करना तो दूर की बात है, केंद्र सरकार ने किसानों की लागत दोगुनी करने की अध्यक्षता की है, जबकि पिछले आठ सालों के दौरान खाद्यान्न पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में दो फीसदी से पांच फीसदी  की बढ़ोतरी कर दी गई है।

संसद में बोलते हुए सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार द्वारा मांगे जा रहे चार लाख करोड़ रूपये के अतिरिक्त अनुदान का कितना हिस्सा किसानों तक पहुंचेगा। उन्होने  कहा  किसान ‘आत्मनिर्भर’ बनना चाहते हैं, खैरात पर नही जीना चाहते हैं। बठिंडा सांसद ने कहा,‘‘ एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी के साथ साथ स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार एमएसपी तय करने की आवश्यकता है ताकि फसल की कुल उत्पादन की लागत पर किसानों को पचास फीसदी लाभ सुनिश्चित किया जा सके। उन्होने कहा कि इस दिशा में पहला कदम एमएसपी कमेटी का पुनर्गठन है, जो आंदोलनकारी किसानों को एक साल पहले आंदोलन वापिस लेने के दौरान दिए गए लिखित आश्वासन के अनुसार किया गया था’’। उन्होने कहा कि ‘‘सरकार को एमएसपी को भी कानूनी अधिकार बनाना चाहिए जैसा कि किसानों से वादा किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके’’।

बठिंडा की सांसद ने कहा कि पिछले आठ सालों में डीजल की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है, यूरिया जैसे उर्वरकों के दाम 175 रूपये प्रति किलोग्राम बैग से बढ़कर  सिर्फ 45 किलोग्राम बैग के लिए 270 रूपये कर दिए गए हैं। उन्होने यह भी बताया कि कैसे कीटनाशकों और बीजों पर क्रमशः 18 और 12 फीसदी जीएसटी और ट्रैक्टर पर 28 फीसदी जीएसटी लग रहा है।

अकाली नेता ने यह भी बताया कि किस तरह पंजाब के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होने कहा कि नदी के पानी पर पंजाब के रिपेरियन सिद्धांत के विशेष अधिकार को दरकिनार कर  राज्य के नदी का जल छीनने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा, ‘‘ चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर करने के लिए  भयावह साजिश भी रची गई है। उन्होने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 1970 में चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को दोहराया था और राजीव-लोंगोंवाल समझौते को भी संसद द्वारा अुनमोदित किया गया था।

सरदारनी बादल ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि केंद्र में कांग्र्रेस के शासन के दौरान पंजाब को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन वर्तमान सरकार के समय वह फिर से वही परेशानी का सामना कर रहा है। उन्होने कहा कि  यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के दौरान जेलों में बंद सिख बंदियों की उम्रकैद की सजा को कम करने और भाई बलवंत सिंह राजोआणा की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की लिखित घोषणा के बावजूद सजा पूरी करने के बावजूद उन्हे अभी तक रिहा नही किया गया है। उन्होने कहा कि इसके ठीक विपरीत बिलकिस बानों के दुष्कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिससे सिख समुदाय में गलत संदेश गया है।

सरदारनी बादल ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से सरकारी विज्ञापनों पर जीएसटी बढ़ाने का भी अनुरोध किया और बताया कि ‘‘कैसे पंजाब की आप पार्टी की सरकार ने विज्ञापन खर्च को बढ़ाकर 20 करोड़ रूपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 750 करोड़ रूपये कर दिया है। बठिंडा सासंद ने सरकारी खजाने का इस तरह से दुरूपयोग रोकने की अपील की’’। उन्होने कहा,‘‘ इसमें से अधिकांश हिमाचल और गुजरात में विधानसभा चुनाव ल़ड़ने के लिए खर्च किया गया है।

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