बादलों द्वारा किए गलत बिजली समझौतों के कारण हुई बिजली की कमी, रद्द किए जाए यह समझौते- हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा

महंगी बिजली होने के बावजूद किसानों को नहीं मिल रही 8 घंटे बिजली
कैप्टन के मिलीभगत के कारण बादलों की ओर से किए समझौतों पर नहीं की कोई कार्रवाई
चंडीगढ़, 30 जून 2021
आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रदेश में महंगी बिजली होने के बावजूद आम लोगों और किसानों को बिजली नहीं मिल रही, क्योंकि पिछली अकाली दल बादल की सरकार ने प्राईवेट कंपनियों के साथ गलत बिजली समझौते किए थे। उन्होंनेे कहा कि गलत बिजली समझौतों के कारण पंजाब में बिजली की कमी बनी हुई है और धान की बिजाई के लिए किसानों को बिजली देने के लिए घरों की सप्लाई पर भी 4 से 5 घंटे के कट लगाए जा रहे हैं।
बुधवार को पार्टी के मुख्य दफ़्तर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादलों की ओर से किये गलत समझौतों के कारण बिजली की कमी का नुक्सान समूह पंजाब वासियों को सहना पड़ रहा है, क्योंकि धान की बिजाई के सीजन के दौरान न तो ट्यूबवैलों को 8 घंटे बिजली सप्लाई मिल रही है और न ही घरों को 24 घंटे बिजली सप्लाई मिल रही है, जबकि पंजाब में दूसरे राज्यों से महंगी बिजली बेची जा रही है। उन्होंन कहा कि गलत बिजली समझौतों ने पंजाब को बर्बाद कर दिया है और यह समझौते रद्द किये जाने चाहिएं।
चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की ओर से किसानों को परेशान किया जा रहा है क्योंकि धान की बिजाई के लिए 8 घंटे बिजली की सप्लाई पूरी नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि पंजाब राज पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने आकली भाजपा सरकार की तरफ से लगाए गए तीन प्राईवेट बिजली पावर प्लांटों को अब तक 20,000 करोड़ रुपए फिक्स र्चाज के रूप में दिए हैं, जिनमें से करीब 5700 करोड़ रुपए की अदायगी बिना बिजली लिए की गई है। चीमा ने कहा कि बिना बिजली खरीदे प्राईवेट पावर प्लांटों को पैसे बादल सरकार की तरफ से किये गलत समझौतों के कारण देने पड़े हैं, जिस के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह भी जि़म्मेवार हैं।
आप नेता ने कहा कि गलत समझौतों के कारण प्राईवेट पावर प्लांटों को बिना बिजली उत्पादन किए नुक्सान की अदायगी पीएसपीसीएल को करनी पड़ती है, परन्तु ज़रूरत के समय बिजली की पूर्ति न होने के कारण इन पावरों प्लांटों को जुर्माना करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे स्पष्ट होता है कि तत्कालीन सरकार और प्राईवेट बिजली कंपनियों के बीच हुए समझौते पंजाब और कृषि के विरुद्ध हैं। चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादलों की गलत नीतियों ने लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है और इन नेताओं ने पंजाब में से सरकारी और सहकारी अदारों को खत्म कर दिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अलोचना करते हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादलों की ओर से किए बिजली समझौतों की जांच करने और वाइट पेपर जारी करने का वायदा करके सत्ता में आए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने न तो बिजली समझौतों की जांच करवाई और न ही वाइट पेपर जारी किया। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर कंपनियों के साथ मिले होने का दोष लगाते कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझ कर सरकारी पावर प्लांट बंद किये हैं, जिससे प्राईवेट पावर प्लांटों को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि गलत बिजली समझौते रद्द किए जाएं और बिजली सप्लाई का उचित प्रबंध किया जाए।

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