फोर्टिस अस्पताल मोहाली के डाक्टरों ने मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमीतकनीक के जरिए 87 वर्षीय ब्रेन स्ट्रोक मरीज का सफल इलाज किया

Vivek Gupta at Bathinda
ਫੋਰਟਿਸ ਹਸਪਤਾਲ ਮੋਹਾਲੀ ਦੇ ਡਾਕਟਰਾਂ ਦੇ ਮਕੈਨੀਕਲ ਥਰੋਮਬੈਕਟਮੀ ਤਕਨੀਕ ਰਾਹੀਂ 87 ਸਾਲਾ ਬਰੇਨ ਸਟਰੋਕ ਮਰੀਜ਼ ਦਾ ਸਫਲ ਇਲਾਜ ਕੀਤਾ
फोर्टिस मोहाली ब्रेन स्ट्रोक के तुरंत इलाज के लिए उत्तरी भारत में एकमात्र अस्पताल है
बठिंडा, 8 दिसंबर 2021
ब्रेन स्ट्रोक- दिमाग की नाड़ी में रूकावट आना या उम्र भर के लिए अपंगता का एक बड़ा कारण है। यह मानवीय स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। पर मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के नाम से जानी जाती रही तकनीक ने स्ट्रोक (दिमागी दौरे) के मरीजों के लिए आस की नई किरण दिखाई है।
स्ट्रोक के बढ़ते केसों को देखते हुए फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने ‘24ङ्ग7 स्ट्रोक रेडी’ सुविधा की शुरूआत की है। ऐसा करने से फोर्टिस अस्पताल उत्तरी भारत का पहला और एकमात्र अस्पताल बन गया है।
फोर्टिस अस्पताल के इंटरवैंशनल न्यूरोरेडियोलॉजी के एडीशनल डायरैक्टर डा. विवेक गुप्ता की अगवाई में डाक्टरों की टीम ने मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के जरिए चंडीगढ़ से एक 87 वर्षीय मरीज का सफल इलाज किया। डा. गुप्ता ने बताया कि यह मरीज दिमागी दौरे से 10 घंटे बाद अस्पताल लाया गया। जांच करने से पता चला कि मरीज के दाएं ओर का हिस्सा अधरंग से प्रभावित हो चुका था, क्योंकि दिमाग के दाईं ओर खून की सप्लाई रुक गई थी। डाक्टरों ने मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के जरिए उसकी आरटरी में से खून का थक्का -क्लौट- हटा दिया और ऑप्रेशन के 4 दिन बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
डा. गुप्ता ने बताया कि दिमागी दौरे के बाद तुरंत मरीज को अस्पताल लाया जाए, जिसको सुनहरी समय ‘गोल्डन आवरज’ कहा जाता है तो मरीज की जान बच सकती है और वह अधरंग से बच सकता है। ‘मैकेनिकल थ्रोम्बैटमी’ एक नई और अत्याधुनिक तकनीक है, जो फोर्टिस अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस विधि के जरिए मरीज की आरटरी -नाड़ी- में खून का क्लौट हटा दिया जाता है। डा. गुप्ता ने बताया कि फोर्टिस मोहाली स्ट्रोक रेड्डी -तुरंत इलाज करने की सहुलियत वाला- अस्पताल है, जहां दिमाग की नाड़ी तंत्र संबंधी रोगों का इलाज करने वाले माहिर डाक्टरों की टीम है। इस अस्पताल के पास स्ट्रोक की जांच करने और इलाज का पूरा प्रबंध है।
डा. गुप्ता ने बताया कि फोर्टिस मोहाली ने स्ट्रोक के मरीजों के लिए हैल्पलाइन- 98153-96700 शुरू की है। उन्होंने कहा कि दिमागी दौरे के बचने के लिए रोजाना कम से कम 20-30 मिनट तेज सैर करनी चाहिए और उच्च रक्तचाप, शूगर और दिल की बीमारियों का समय रहते इलाज कराना चाहिए।
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