स्कूल खोलने के अचानक फ़ैसले के कारण पैदा हुए शंकों संबंधी ‘आप’ ने पंजाब सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
दुविधा और ज़मीनी हकीकतों के हवाले से मुख्यमंत्री, सेहतमंत्री और शिक्षामंत्री समेत नवजोत सिद्धू पर भी दागे सवाल
कहा, यदि सत्ताधारी कांग्रेस बच्चों की सेहत सुरक्षा की पूरी गारंटी लेती है तो ‘आप’ को फ़ैसले पर कोई ऐतराज़ नहीं
चंडीगढ़, 1 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने प्रदेश के सभी सरकारी और प्राईवेट स्कूल खोलने के अचनचेत फ़ैसले के कारण पैदा हुई दुविधा संबंधी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को अपील की है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि डाक्टरों और शिक्षा माहिरों की कौन सी रिपोर्ट के आधार पर अचानक इतना बड़ा फ़ैसला ले लिया गया है?
चीमा ने कहा कि यह 60.5 लाख बच्चों की ज़िंदगी के साथ जुड़ा हुआ फ़ैसला है, जो प्रदेश की कुल आबादी की 20 प्रतिशत हिस्सा और पंजाब का भविष्य भी हैं।
चीमा ने कहा कि लाखों माता-पिता की चिंताएं और डर दूर करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, स्कूल शिक्षा मंत्री विजैइन्दर सिंगला व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू समेत सत्ताधारी कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रदेश कोरोना के प्रकोप से मुकम्मल तौर पर मुक्त हो गया है? क्या कोरोना की दूसरी और चर्चित तीसरी लहर समेत डेल्टा वैरिएंट के खतरे से अब पंजाब पूरी तरह से सुरक्षित है? क्या परिजनों और अध्यापकों को पिछले तीन-चार दिनों से देश भर में बढ़ रहे कोरोना के नए मामलों की कोई चिंता नहीं करनी चाहिए? क्या स्कूल खोलने से पहले सभी 19500 सरकारी और 9500 प्राईवेट स्कूलों में कोरोना रोकने के दिशा-निर्देशों के अनुसार तकनीकी, डाक्टरी और विशेष करके 6 फूट की शारीरिक दूरी (फिजिकल डिस्टैंस) सम्बन्धित सभी प्रबंध यकीनी बना लिए गए हैं? सरकार ख़ास कर शिक्षा और सेहत विभाग को तसल्ली हो चुकी है कि सरकारी स्कूलों के सभी 22,08339 और प्राईवेट स्कूलों के करीब 38 लाख विद्यार्थियों के लिए माता-पिता या सरकार की ओर से मास्कों का पूरा प्रबंध है और कोई भी विद्यार्थी स्कूल में बिना मास्क प्रवेश नहीं करेगा?
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि सरकार ने अचानक स्कूल खोलने का फ़ैसला बिना किसी दबाव के डाक्टरी, शिक्षा और तकनीकी माहिरों की ज़मीनी रिपोर्टों समेत संभावी ख़तरों के बारे में अच्छी तरह से जांच पड़ताल करके लिया है तो आम आदमी पार्टी को सरकार के फ़ैसले पर कोई ऐतराज़ नहीं है और न ही माता-पता या पंजाब वासियों को होना चाहिए। बशर्ते इन दुविधाओं के बारे में मुख्यमंत्री, सेहतमंत्री और शिक्षामंत्री स्पष्ट शब्दों में ज़िम्मेदारी और गारंटी लें कि स्कूल गया हर बच्चा उनकी दूसरी और संभावित तीसरी लहर समेत डेल्टा नामक वायरस से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “सभी की तरह हम भी कोरोना के प्रकोप और भय से मुकम्मल मुक्ति की दुआ करते हैं। चाहते हैं कि बच्चे पहले की तरह स्कूल जाएं, क्योंकि डेढ़ साल से घरों में बंद बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में चिंताजनक रुकावटें आई है। ख़ास कर आम और गरीब घरों के बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुक्सान हुआ है, परंतु आंखों के तारे और जिगर के टुकड़ों से अधिक कुछ भी नहीं है। ”
चीमा मुताबिक, “हमारी चिंता ज़मीनी हकीकतों और कोरोना डेल्टा के बारे में देश-दुनिया की ताज़ा खबरों को लेकर है।”
ज़मीनी हकीकत के बारे में आंकड़ों के हवाले से चीमा ने बताया कि सरकारी और सभी प्राईवेट स्कूलों के साढ़े 60 लाख विद्यार्थियों के लिए कलास रूमों, बैंचों, ट्रांसपोर्ट और अन्य प्रबंधों की कमी समेत बच्चों को संभालने वाले अध्यापकों का अनुपात बच्चों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है। जहां सरकारी स्कूलों के 22,08339 विद्यार्थियों के लिए 1,16442 अध्यापक हैं। वहीं प्राईवेट स्कूलों के 38 लाख विद्यार्थियों के लिए लगभग 1,60000 अध्यापक हैं।