भारतीय समुद्री क्षेत्र का विकास

_Sarbananda Sonowal
Sarbananda Sonowal

Delhi: 09 FEB 2024

सरकार ने बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और आर्थिक विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से सागरमाला कार्यक्रम को शुरू किया है। इस बहुउद्देशीय कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों की परियोजनाएं शामिल की गई हैं, जैसे मौजूदा पत्तनों तथा टर्मिनलों का आधुनिकीकरण, रोरो/रोपैक्स और तटों पर पर्यटन स्थलों का निर्माण, बंदरगाह से सड़क संपर्क सुविधाओं में वृद्धि, मछली पकड़ने के विशेष तट, कौशल विकास एवं प्रौद्योगिकी केंद्र आदि। सागरमाला कार्यक्रम के तहत कार्यान्वयन के लिए ~5.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश की 839 परियोजनाएं शामिल की गई हैं। जिनमें से ~1.22 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 241 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इन परियोजनाओं को संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों व प्रमुख बंदरगाहों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है और इसमें पीपीपी, बंदरगाहों के आंतरिक संसाधनों तथा इक्विटी निवेश के तहत सहयोग प्राप्त करने वाली परियोजनाएं शामिल हैं। उच्च सामाजिक प्रभाव वाली लेकिन बिना फायदे की या फिर कम आंतरिक लाभ के दर वाली परियोजनाओं को पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की सागरमाला योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक, आंशिक वित्तपोषण के लिए सागरमाला योजना के तहत 4525 करोड़ रुपये की कुल 171 परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई है। वर्तमान में 171 परियोजनाओं में से 55 तो पूरी ही हो चुकी हैं।

सागरमाला कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों के तहत 60,000 से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयूजीकेवाई) अभिसरण, बहु कौशल विकास केंद्र, अलंग सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान और समुद्री एवं जहाज निर्माण के उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं।

सरकार समुद्री क्षेत्र में बहुपक्षीय और द्विपक्षीय समझौतों के साथ-साथ संयुक्त समुद्री बैठकों के माध्यम से विभिन्न देशों के साथ सहयोग में लगी हुई है। इसके अलावा, सरकार अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) जैसे वैश्विक सहयोगियों के साथ साझेदारी में सक्रिय रूप से भाग लेती है, जिसका भारत एक सदस्य देश है।

सरकार ने भारत में तटीय और क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें क्रूज जहाज के लिए प्राथमिकता वाले उपाय जैसे ठहरना, विश्राम और देखरेख, तर्कसंगत क्रूज टैरिफ, उनकी आवाजाही की मात्रा के आधार पर क्रूज जहाजों को छूट, निष्कासन शुल्क को हटाना, एकल ई-लैंडिंग कार्ड, ई-वीजा तथा आगमन पर वीज़ा सुविधाएं एवं विदेशी क्रूज जहाजों के लिए अनुतट यात्रा व व्यापार की छूट आदि शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, सागरमाला कार्यक्रम के तहत, सरकार ने रोपैक्स व यात्री नौका सेवाओं के माध्यम से यात्री एवं कार्गो परिवहन की सुविधा के लिए 57 स्थानों पर 63 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का विकास किया है, जिनमें से 10 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और 4 स्थानों पर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। रोपैक्स सेवाओं के माध्यम से इस बेहतर सड़क संपर्क सुविधा ने वस्तुओं और लोगों की निर्बाध आवाजाही को सुविधाजनक बनाकर तटीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है, जिसने बदले में स्थानीय उद्योगों तथा पर्यटन के विकास में योगदान दिया है।

यह जानकारी केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।