49 दिनों में जीरो है चन्नी सरकार की कारगुजारी: हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
49 ਦਿਨਾਂ 'ਚ ਜ਼ੀਰੋ ਹੈ ਚੰਨੀ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਕਾਰਗੁਜ਼ਾਰੀ : ਹਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਚੀਮਾ
-`आप’ ने केजरीवाल की 49 दिनों की सरकार का हवाला देकर घेरी चन्नी सरकार 
-सीलबंद लिफाफा बहाना, ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट ने नहीं बांधे सरकार के हाथ 
– `आप’ द्वारा लगाए गए आरोपों की ही वकालत कर रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू: नेता प्रतिपक्ष 

चंडीगढ़, 6 नवंबर 2021 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब की चन्नी सरकार के 49 दिन पूरे होने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की 49 दिनों की कारगुजारी जीरो साबित हुई है।  जबकि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पहली सरकार ने 49 दिनों में ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए थे, जिनकी बदौलत दिल्ली की जनता वर्ष 2015 और वर्ष 2019 में रिकॉर्ड बहुमत बख्श कर अरविंद केजरीवाल को पक्के तौर पर अपना चुकी है।

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पार्टी मुख्यालय से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आज चन्नी सरकार को 49 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन इन 49 दिनों में चन्नी सरकार किसी भी ज्वलंत मुद्दे का समाधान नहीं निकाल सकी, जिनके लिए पंजाब की जनता पिछले पौने पांच वर्ष से बेसब्री के साथ इंतजार कर रही है।

चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर सवालों की बौछार करते हुए कहा कि बताओ रेत माफिया के कितने सरगनाओं को जेल में फेंका,  ट्रांसपोर्ट माफिया के साथ मिले कितने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की,  केबल माफिया के किस सरगना को हाथ डाला? क्या बेअदबी और बहिबल कलां के किसी एक भी आरोपी को पकड़ा? ड्रग माफिया का कौन सा बड़ा मगरमच्छ दबोचा?

`आप’ नेता ने कहा कि सिवाय ड्रामेबाजी और आपसी खींचतान के चन्नी सरकार सही अर्थों में एक भी ऐसा काम नहीं कर सकी जो कांग्रेस के वर्ष 2017 के चुनावी मैनिफेस्टो में दर्ज हैं। इनमें से घर-घर नौकरी किसान, खेत-मजदूर की मुकम्मल कर्जा माफी, प्रति महीना 2500 रुपये बुढ़ापा पेंशन, प्रति महीना 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता, पांच-पांच मरले के प्लॉट आदि वादे शामिल हैं।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि श्री गुटका साहिब की कसम खाकर चार सप्ताह में नशा बंद करने और नशा तस्करों को जेल में फेंकने का वादा जब कैप्टन अमरिंदर सिंह कर रहे थे,  उस समय मंच पर चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, ओपी सोनी, तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा आदि भी मौजूद थे लेकिन चन्नी सरकार ने  49 दिनों में एक भी चर्चित ड्रग माफिया पर हाथ नहीं डाला।

उन्होंने आरोप लगाया कि सीलबंद लिफाफे का बहाना बनाकर सरकार ड्रग तस्करी के बदनाम मगरमच्छों को उठा नहीं रही, जबकि हाईकोर्ट ने कोई भी ऐसा निर्देश नहीं दिया कि बहु करोड़ी ड्रग तस्करी केसों में शामिल सरगनाओं की आगामी जांच, पूछताछ-पड़ताल या उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। यदि चन्नी सरकार में नीयत और दम होता तो 49 दिनों में सभी ड्रग माफिया का की रीड की हड्डी तोड़ सकती थी।

नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा ड्रग तस्करी और बेअदबी के मामलों पर चन्नी सरकार को घेरे जाने के संबंध में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू वही कह रहे हैं, जो आम आदमी पार्टी शुरूआत से कहती आ रही है। उन्होंने कहा कि डीजीपी और एजी की नियुक्ति का `आप’ पहले दिन से विरोध कर रही है, क्योंकि इनका अतीत दागी रहा है और इनसे इंसाफ की उम्मीद नहीं की जा सकती।

चीमा ने कहा कि लावारिसों की तरह चल रही चन्नी सरकार अभी तक यह तय नहीं कर सकी कि विवादों में घिरे एजी एपीएस देयोल और डीजीपी आईपीएस सहोता के संबंध में क्या फैसला लेना है?

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 49 दिनों की सरकार के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ढाई दर्जन भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल में फैंक कर भ्रष्टाचार कम ही नहीं किया, बल्कि जड़ से खत्म कर दिया था।

इसी तरह 49 दिनों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली आदि के संबंध में ऐसे लोक हितैषी मॉडल को दिल्ली की जनता के सामने रखा, जिससे दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को पक्के तौर पर चुन लिया। जबकि चन्नी सरकार के 49 दिन बेहद निराशाजनक साबित हुए हैं।