पूछा कि पार्टी संसद के बाहर किसानों को समर्थन देने का ड्रामा कर रही, लेकिन सदन में कृषि कानून का मुददा उठाने से इंकार कर रही
शिरोमणी अकाली दल पूरे सत्र के दौरान संसद के बाहर अपना विरोध जारी रखेगा, जब तक कि संसद में कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर चर्चा नही की जाती
दिल्ली/चंडीगढ़/06अगस्त 2021 पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस पार्टी से पूछा कि किसानों को बताएं कि वह संसद के बाहर उनका हितैषी होने का ड्रामा कर रहे , लेकिन तीनों खेती कानूनों को सदन में निरस्त करने पर चर्चा का मुददा उठाने से इंकार कर रही।
यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले ढ़ाई सप्ताह से संसंद चल रही है और हर दिन कांग्रेस पार्टी पैगासेस स्पाइवेयर सर्विलेयंस मुददे पर विशेष चर्चा की मांग कर रही थी। उन्होने कहा कि ‘‘ कांग्रेस पार्टी को पंजाब के साथ साथ देश के किसानों को बताना चाहिए कि वह संसद में उनकी आवाज उठाने से इंकार क्यों कर रही है, और सिर्फ पैगासेस सर्विलियंस का मुददा उठाने पर जोर दे रही है’’।
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के साथ प्रभावी ढ़ंग से मिलीभगत कर किसानों की आवाज दबाने का प्रयास किया है। सरदारनी बादल ने कहा कि ‘‘ कांग्रेस पार्टी की इस बारे कोई अन्य स्पष्टीकरण नही है’’। उन्होने कहा कि तीनों काले कानूनों को निरस्त करने की मांग उठाने के लिए सात दलों ने मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने संसद में विपक्षी दल होने के बावजूद इस पहल को वापिस लेने से इंकार कर दिया। उन्होने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने सभी दलों से किसानों के मुददे को उठाने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया था, लेकिन कांग्रेस ने जवाब नही दिया। सरदारनी बादल ने कहा कि ‘ ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से डरती है, और यही कारण है कि वह उसके हाथों की कठपुतली बन गई है, तथा संसद में किसानों की आवाज उठाने से इंकार कर रही है।
इस बीच अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिअद-बसपा के सांसद पूरे सत्र के दौरान किसानों को इंसाफ दिलाने की मांग करने यां अपना विरोध तब तक जारी रखेंगें जब तक कि संसद में अन्नदाता की आवाज नही सुन ली जाती। ‘‘ यह हमारा एकमात्र एजेंडा है। सरदार बादल ने संसद के बाहर शिअद-बसपा सांसदों के साथ तीनों खेती कानूनों का विरोध करते हुए पत्रकारों सेे कहा कि , हमें लगता है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की पीठ में छूरा घोंपा है’’। उन्होने कहा कि हम किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित कराने के लिए दबाव बनाना जारी रखेंगें’’।।