हरियाणा ने ईडीसी भुगतान में कालोनाईजर को दी राहत

मुख्यमंत्री ने समाधान से विकास नीति को 6 महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की

मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में शहरी विकास सम्मेलन के समापन सत्र में की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं

सभी डिफ़ॉल्ट कालोनाईजर को इस नीति को चुनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु किया विस्तार – मनोहर लाल

हरियाणा में शहरी अवसंरचना निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बजट में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

चंडीगढ़, 26 फरवरी– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ईडीसी के भुगतान में कालोनाईजर को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की कि ईडीसी के भुगतान में कालोनाईजर को राहत देने के लिए तैयार की गई समाधान से विकास नीति को 6 महीने के लिए बढ़ाया जा रहा है ताकि सभी डिफ़ॉल्ट कालोनाईजर को नीति का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज गुरुग्राम में आयोजित शहरी विकास सम्मेलन के समापन सत्र में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए की।

उन्होंने कहा कि ये विनियमन ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट और पोस्ट ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट देते समय निर्माण के दौरान संरचनात्मक स्थिरता आवश्यकताओं को विनियमित करने के लिए काम करते हैं। ये विनियमन बहुमंजिला इमारतों की संरचनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक पारदर्शी और विश्वसनीय तंत्र स्थापित करने में मदद करेंगे।

70 प्रतिशत रेरा खाते से 10 प्रतिशत ईडीसी ऑटो क्रेडिट का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने 70 प्रतिशत रेरा खाते से 10 प्रतिशत ईडीसी ऑटो क्रेडिट की घोषणा करते हुए कहा कि इस संबंध में एक नीति को 14 अगस्त, 2020 को अधिसूचित किया गया था, जबकि बिना किसी मैनुअल हस्तक्षेप के इसका ऑनलाइन संचालन आज शुरू किया जा रहा है।

श्री मनोहर लाल ने घोषणा करते हुए कहा कि जब भी कोई राशि 70 प्रतिशत रेरा खाते में जमा हो जाती है, तो 10 प्रतिशत राशि ऑटोमैटिक रूप से काट ली जाएगी और संबंधित ईडीसी खाते में जमा हो जाएगी। इससे ईडीसी के बकाया की वसूली में भी मदद मिलेगी। भविष्य में स्वैच्छिक अदायगी के आधार पर इन्हीं कोलोनाईजर के अन्य मामलों में बकाया ईडीसी की वसूली के लिए भी इसी प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है।

रसीदजाँच और टीडीआर के प्रसंस्करण के लिए ऑनलाइन टीडीआर एप्लिकेशन का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 नवंबर, 2021 की टीडीआर नीति को अभी लागू किया जाना है। हालांकि, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने अब रसीद, जाँच और टीडीआर प्रसंस्करण के लिए एक ऑनलाइन एप्लिकेशन विकसित की गई है, जिसे आज लॉन्च किया जा रहा है।

पहले चरण में गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 67 की 24 मीटर सड़कों के लिए टीडीआर आवेदन प्राप्त किए जाने चाहिए। पायलट आधार पर सेक्टर रोड को लिया जाएगा। इसके बाद इस एप्लिकेशन का शीघ्र ही पूरे गुरुग्राम में विस्तार किया जाएगा।

“मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ने प्रदेश में शहरी अवसंरचना निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आगामी बजट में 1000 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय लिया है।

लाइसेंस मामलों की मंजूरी में तेजी लाएं

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि लाइसेंस प्रदान करने के तुरंत बाद कोलोनाईजर को विकास कार्य करने में सक्षम बनाने हेतु, सभी अनुमोदन, जैसे कि ज़ोनिंग, बिल्डिंग प्लान, सर्विस प्लान, अनुमानित विद्युत सर्विस प्लान और अनुमानित पर्यावरणीय मंजूरी आदि जो एलओआई जारी करने पर प्रदान करने आवश्यकता होगी, इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे सभी प्लान और अनुमोदन लाइसेंस प्रदान करने का हिस्सा है।

हैंडिंग ओवर पॉलिसी

        मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार आरडब्ल्यूए को कॉलोनियां सौंपने से जुड़ी पूरी प्रक्रिया में काफी भ्रम की स्थिति बनी रहती है। इसलिए, रेरा, पंचकूला को 30 दिनों की अवधि में परियोजनाओं को पूरा होने पर सौंपने हेतु एक नीति का प्रस्ताव करना चाहिए।

नियम-आधारित अनुमोदन

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग चार महीने की अवधि के भीतर अधिकांश महत्वपूर्ण नीतिगत निर्देशों और चेकलिस्ट को शामिल करते हुए एकीकृत अधिनियम व नियमों को अंतिम रूप देगा, इस कार्य को अधिकारियों की एक समर्पित टीम द्वारा किया जाएगा।

डेवलपमेंट प्लान की प्रक्रिया में पारदर्शिता

भविष्य में अधिसूचित की जाने वाली सभी विकास योजनाओं को सजरा और देशांतर के साथ-साथ अक्षांश आधारित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में अधिसूचित सभी डेवलपमेंट प्लान के लिए सेक्टर प्लान को विभाग की वेबसाइट पर होस्ट किया जाना चाहिए।

डीडीजेएवाई नीति में संशोधन

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लाइसेंस की अन्य सभी श्रेणियों के साथ एकरूपता को सक्षम करने के लिए, पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान करने तक 50 प्रतिशत भूमि को फ्रीज करने के प्रावधान को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया जाएगा। ईडीसी और आईडीडब्ल्यू के विरुद्ध प्रत्येक 10 प्रतिशत बीजी का मौजूदा विकल्प प्रदान किया जाना चाहिए।

टीसीपी विभाग एक महीने की अवधि के भीतर लाइसेंस के सब- डिवीजन के लिए नीति को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने हेतु प्रतिबद्ध है।

इसके अलावा, इंजीनियरिंग विंग, आर्किटेक्चर विंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और रिसर्च विंग सहित विभाग के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इन- हाऊस क्षमता निर्माण स्थापित किया जाएगा ताकि अनुमोदन को कुशल तरीके से सक्षम किया जा सके।

विवादित परिसंपत्तियों के समाधान के लिए नीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेरा पंचकूला को 30 दिनों की अवधि में रेरा अधिनियम और शहरी क्षेत्र अधिनियम, 1975 के तहत विवादित परिसंपत्तियों के समाधान के लिए एक नीति का प्रस्ताव करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सभी एनसीएलटी पीठों में एनसीएलटी के सभी मौजूदा मामलों पर निगरानी रखने और दिन-प्रतिदिन की कार्यवाही पर नजर रखने के लिए इनसॉलवेंसी  रेसोल्यूशन एजेंसी/पेशेवरों द्वारा समर्थित कानूनी पेशेवरों और रियल एस्टेट सलाहकारों को शामिल करते हुए निदेशालय में एक समर्पित प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।

फायर एपरूवल

मुख्यमंत्री ने बताया कि अग्निशमन विभाग आवासीय परियोजनाओं के लिए फायर एनओसी की वैधता को 5 वर्ष और गैर आवासीय परियोजनाओं के लिए 3 वर्ष तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा विभाग हैंडओवर के बाद आरडब्ल्यूए द्वारा नियमित ऑडिट के लिए एक नई प्रक्रिया जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि संरचनात्मक स्थिरता नियमों के मसौदे को जनता से सुझाव आमंत्रित करने के लिए रेरा की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उसके बाद इन्हें पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

 

और पढ़ें :- यूके्रन के खिलाफ सैन्य हमला रोकने रूस पर दबाव बनाएं केंद्र: आरएसएस

Spread the love